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Friday, December 9, 2011

चमत्कार

भूगोल की बात होती तो
जरुर होता
कोई न कोई नक्शा
नहीं तो अवश्य ही होता
कोई भी सूक्ष्म सुराग
तहों के पार का ...
कार्य - कारण के
प्रतिपादित सिद्धांतों के बीच
अकारण घटित अनपेक्षित तथ्यों का
कोई न कोई मिलान बिंदु तो
जरुर होता और
इस बिंदु से उस बिंदु पर
उस बिंदु से फिर उस बिंदु पर
पहुँचने का कोई संकेत-सूत्र
अवश्य ही होता...
अपरिचित नियमों से
सरक जाता घना आवरण
निरपेक्ष नियमों से
उम्मीद की जाती
पक्षपाती सख्ती कम होने की....
फिर तो व्यथा से होते
सतत उल्कपातों का भी
मिल जाता कोई ठोस कारण....
ये सब होता तो कोई
चमत्कार नहीं ही होता
पर सच में अगर
ऐसा हो जाता तो यक़ीनन
चमत्कार ही होता .

34 comments:

  1. प्रभावशाली रचना.....

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  2. चमत्कार ही तो है यह -यादृच्छिक सम्भावनाओं में किन्ही दो स्फुलिंगों का सहसा आ मिल जाना >....

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  3. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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  4. यह रचना अदभुत गहरी सोच का चमत्कार ही है ...

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  5. जो ज्ञात नियमों से परे है, उसे चमत्कार मान लेते हैं हम।

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  6. ऐसा हो जाता तो यक़ीनन चमत्कार होता... बहुत सुन्दर रचना...

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  7. परंतु चमत्कार तो यदाकदा ही तो होते हैं॥

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  8. ओह! क्या कमाल कर देतीं है आप
    बातों से ही चमत्कार कर देतीं हैं आप.
    उलझा उलझा के भी सुलझा देतीं हैं आप.
    आभार.

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  9. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है नयी पुरानी हलचल पर कल शनिवार 10-12-11. को । कृपया अवश्य पधारें और अपने अमूल्य विचार ज़रूर दें ..!!आभार.

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  10. यकीनन ऐसा होता तो चमत्‍कार ही होता.....
    गहरे भाव।

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  11. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

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  12. bahut hee goodh rachna hai..aapka bishay chayan shandaar hota hai..aapke chintan ko naman aaur sadar badhayee ke sath..

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  13. एक और सुन्दर रचना ..!
    सटीक शब्दों का चयन ..!
    मेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत है ...!

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  14. बहुत सटीक विषय पर एक सार्थक पोस्ट है आपकी |

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  15. इस पोस्ट के लिए धन्यवाद । मरे नए पोस्ट :साहिर लुधियानवी" पर आपका इंतजार रहेगा ।

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  16. चमत्कार को नमस्कार!
    कभी कभी शब्दों का चमत्कारी प्रभाव होता है... उनकी गूँज देर तक सुनी जाती है!

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  17. बहुत सुन्दर भाव लिए रचना |
    आशा

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  18. अमृता जी ..आपकी सोच ...आपके विचार ...और उसकी अभिव्यक्ति भी ले जाती है ...टहलाते टहलाते ...एक अलौकिक दुनियां में ...आपकी कविता पढ़ना एक अलग ही अनुभूति देता है ...जिसको शब्दों में नहीं लिख सकते ...
    You are blessed.

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  19. बहुत अच्छी बात कही आपने...शुभकामनाएँ!

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  20. मनोभावों की ज़बरदस्त अभिव्यक्ति है आपकी कविता में.

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  21. बहुत सुन्दर प्रस्तुति| धन्यवाद!!!

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  22. sabse pahle aapki dil se aabhari hoon jo aai nahi to itni sundar rachna ko padhne se vanchit rah jaati .kunwar ji ki baaton se main bhi sahmat hoon.uttam

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  23. ज़बरदस्त हिंदी के साथ भूगोल......वाह क्या बात है :-)

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  24. चमत्कारी सुंदर रचना,...बहुत अच्छी

    मरी नई रचना ....
    नेताओं की पूजा क्यों, क्या ये पूजा लायक है
    देश बेच रहे सरे आम, ये ऐसे खल नायक है,
    इनके करनी की भरनी, जनता को सहना होगा
    इनके खोदे हर गड्ढे को,जनता को भरना होगा,

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  25. सुन्दर....और ब्लॉग पर आने का शुक्रिया.

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  26. सुन्दर शब्दों से सुसज्जित लाजवाब रचना लिखा है आपने !बधाई!
    मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
    http://seawave-babli.blogspot.com/

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  27. बहुत सुन्दर ...रचना

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  28. ऐसा हो जाता तो यक़ीनन
    चमत्कार ही होता ...

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