अब तो
कदम-कदम पर ही कुरुक्षेत्र है
और पल-पल के खरवबें हिस्से को भी
कैप्चर पर कैप्चर करता हुआ
संजयों का टेलीस्कोपी नेत्र है
हर कैरेक्टर से लेकर हर कास्ट में
वही दुर्लभ-सा मिलाप है
और हर निगेटिव का हर पॉजिटिव के लिए
अट्रैक्शन वाला भी वही विलाप है
ओवर एक्साइटेड वेद व्यास जी
या तो पायरेसी के शिकार हुए हैं
या फिर उनके दिमाग पर ही
विदेशी वायरस का हमला हुआ है
ऊपर से इतना चकर-मकर सुन कर
चूहे की पूंछ पकड़ कर अपने गणेश को
चकर-घिरनी सा खोज रहे हैं
पर लगता है कि गणेश जी
कोड ऑफ कंडक्ट के डर से
आई-फोन या लैप-टॉप से ही
चढ़ाये लड्डू को एक्सेप्ट कर रहे हैं
दूसरी तरफ ये भी लगता है कि
सोशल साइट्स के व्यूह में
प्यारे कृष्णा का फंसना तो तय है
और आगे जो शकुनी-दुर्योधन डिक्लेयर होंगे
वे तो युधिष्ठिर-अर्जुन को
पब्लिकली लाइक करके अपना
अगला विजन क्लीयर करेंगे
और ये भी लगता है कि
अबकी बार द्रौपदी भी
कंडीशनर के ओल्ड कंडीशन से
हाइड होकर कम्प्रोमाइज कर लिया है
और अकेले ही गंगोत्री में जाकर
बालों में शैम्पू करने का प्लान बना चुकी है .
कदम-कदम पर ही कुरुक्षेत्र है
और पल-पल के खरवबें हिस्से को भी
कैप्चर पर कैप्चर करता हुआ
संजयों का टेलीस्कोपी नेत्र है
हर कैरेक्टर से लेकर हर कास्ट में
वही दुर्लभ-सा मिलाप है
और हर निगेटिव का हर पॉजिटिव के लिए
अट्रैक्शन वाला भी वही विलाप है
ओवर एक्साइटेड वेद व्यास जी
या तो पायरेसी के शिकार हुए हैं
या फिर उनके दिमाग पर ही
विदेशी वायरस का हमला हुआ है
ऊपर से इतना चकर-मकर सुन कर
चूहे की पूंछ पकड़ कर अपने गणेश को
चकर-घिरनी सा खोज रहे हैं
पर लगता है कि गणेश जी
कोड ऑफ कंडक्ट के डर से
आई-फोन या लैप-टॉप से ही
चढ़ाये लड्डू को एक्सेप्ट कर रहे हैं
दूसरी तरफ ये भी लगता है कि
सोशल साइट्स के व्यूह में
प्यारे कृष्णा का फंसना तो तय है
और आगे जो शकुनी-दुर्योधन डिक्लेयर होंगे
वे तो युधिष्ठिर-अर्जुन को
पब्लिकली लाइक करके अपना
अगला विजन क्लीयर करेंगे
और ये भी लगता है कि
अबकी बार द्रौपदी भी
कंडीशनर के ओल्ड कंडीशन से
हाइड होकर कम्प्रोमाइज कर लिया है
और अकेले ही गंगोत्री में जाकर
बालों में शैम्पू करने का प्लान बना चुकी है .