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Saturday, March 15, 2014

तुम्हें कौन सा रंग लगाना है ?

फागुनी फुहारों का
जब ऐसा अगियाना है
तो यौवन के खुमारों को
भला क्यों न उकसाना है ?

हूँ.... अच्छा बहाना है
तुम्हें तो बस
बहकना है और बहकाना है
या इस रंग के बहाने
तुम्हें कौन सा रंग लगाना है ?

ठीक है , तुम्हारे जी में
जो-जो आये वही करो
पर मेरे प्राण पर जो
कालिमा चढ़ी है
उसे पोंछ कर बस मुझमें भरो !

रंग तो खूब बरसता रहता है
पर ये रोम-रोम है कि
बस तेरे लिए ही
हर पल तरसता रहता है ...

कुछ पल के लिए ही
मैं आंसुओं के संग होकर भी
कुछ अलग होना चाहती हूँ
और तेरी मदाई मदिरा को पी
मदगल में मदाना चाहती हूँ...

जिससे मेरी ये आँख हो जाए
तेरे लिए ही इतनी नशीली
और मेरी हर हाँक भी
हो जाए उतनी ही रसीली
ताकि तुम मेरे
लाज की गुलालों में
लाल हो ऐसे घुल-घुल जाओ
कि मैं कितना भी छुड़ाऊँ तो भी
अपने अंग से अंग लगाकर
तुम मुझमें ही जैसे ढुल-मुल जाओ...

तुम्हारा बहाना भी
उसी रंग में भींग कर
कहीं लजा न जाए
और जो सोचा भी न था कभी
कहीं उसे भी पा न जाए...

पर मेरे बहाने ऐसे
हुड़दंग न मचाओ गली-गली में
और अपना
अगन-रंग भी न लगाओ
ढुलकी-ढुलकी कली-कली में ....

तुम मेरे हो बस मेरे ही रहो
इधर-उधर ज्यादा न बहके
जाओ! अपने रंगों से कहो....

अरे रे रे रे .. सम्भालो न मुझे
मैं भी तो
अब बहक रही हूँ तुमसे
तब तो बहका-बहका सा
उमंग नहीं नहीं , तरंग नहीं नहीं
मतंग नहीं नहीं , मलंग नहीं नहीं
भंग नहीं नहीं , हुड़दंग नहीं नहीं
कुछ सूझ नहीं रहा है मुझको
टेढ़ा-मेढ़ा , उल्टा-सीधा न जाने
क्या-क्या कह रही हूँ मैं तुझसे....

तुम्हारे बहाना के बहाने ही
मेरा रोम-रोम भी
आज है भंग खाया
बस इतना समझ लो तुम
कि कैसा मुझपर
तुमने अपना रंग चढ़ाया .

20 comments:

  1. बहुत बढ़िया ..होली की शुभकामनायें

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  2. ऐसा कि मददल में बहुत ऊंचाई से कूद जाने को मन करता है।

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  3. होली की हार्दिक शुभकामनायें । बहुत सुंदर ।

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  4. बहुत उम्दा प्रस्तुति...!
    होली की हार्दिक शुभकामनायें ...।

    RECENT POST - फिर से होली आई.

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  5. प्रेम की होलीमय अभिव्यक्ति।

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  6. वाह अमृता जी अद्भुत लेखन ...!!अमृतमयी रचना ...!!बहुत सुंदर ...!!

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  7. यही तो होली है - आपने साकार कर दी !

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  8. बहुत सुन्दर प्रेममय प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  9. :-) भंग की तरंग में होली हो ली.....

    सुन्दर!!
    अनु

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  10. सुंदर रचना...रंगों से सराबोर होली की शुभकामनायें...

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  11. रंग का खुमार - तुम्हारा प्यार

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  12. होली की शुभकामनाएँ

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  13. ये होली कि मदभरी मस्ती है या उनका खुमार ...
    बह रही है प्रेम कि फुहार ...
    ऐसा ही तो है अपना होली का त्यौहार ...

    शुभकामनायें ... होली कि बहुत बहुत ...

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  14. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति , होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  15. याद रहेगी ये होली … होली की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं …

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  16. ठीक है , तुम्हारे जी में
    जो-जो आये वही करो
    पर मेरे प्राण पर जो
    कालिमा चढ़ी है
    उसे पोंछ कर बस मुझमें भरो !

    बहुत बढ़िया हैं अमृता जी आपके रंग

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  17. होली की हार्दिक शुभकामनाएं ...

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  18. प्रेम के रंगों से रंगी रंग बिरंगी होली मय कविता...यही तो है सच्ची होली।

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