हे सुलोचन ! एवं हे सुलोचना !
ये अच्छी बात नहीं कि
आप सब मिलकर ही करने लगे
अब मेरी आलोचना पर आलोचना.....
माना कि मेरे साथ-साथ
कईयों के किस्मत से छींका तोड़कर
कितने ही गंगुएं अवाख़िर राजा भोज हुए हैं
पर हमारे सर मौरी चढ़े भी तो
फकत ही चाँद रोज हुए हैं....
इतनी जल्दी चाँदनी के गाढ़े स्वाद को
हम नवेले जीह्वा पर कैसे चढ़ा ले ?
इससे पहले सूत काटने के बहाने ही सही
आप सबों को अपना चरखा तो पढ़ा दे....
आप सब हमारे गवाह हैं कि
ये चाँद किसतरह से हमारे हाथ आया है
फिर से कहूँ तो अपनी बहती गंगा में
कुछ भी धुल और घुल सकता है
उसी हिट फार्मूला को हमने भी आजमाया है....
अब कई छोटे-बड़े सुर को भी मिलाने पर भी
हमारा एक सुर नहीं है पर तराना वही है
और फाइव जी वाला स्पीड तो है मगर
स्पेक्ट्रम का फ़साना भी वही है
लेकिन अब हम जो कहते या करते हैं
कम-से-कम आप तो कहिये कि सही है....
मत भूलिए कि आप ने ही बड़े लाड़ से
हमें अपना लाट-साहब बनाया है
सच्चे हैं सो फिर से कह देते हैं कि
उस झाड़ पर चढ़ने के लायक न थे
मगर आपने ही उकसा कर हमें चढ़ाया है....
अब प्लीज!
मत खोलिए अपने दिमाग का कोई भी फाटक
पॉपकॉर्न कुरकुराते हुए ड्रिंक्स गुड़गड़ाते हुए
बस देखते रहिये अपने दिल्ली का नाटक पर नाटक
यदि आगे भी आप सब मेहरबान होंगे तो
पूरी दुनिया मेरी ही मजलिस को सजाएगी
और मेरे साथ धरना-प्रदर्शन कर-करके
मजनूयित का वही तराना भी गायेगी.....
सच तो यही है कि हमारा ये फ़िल्म भी
अपन वो आदम युग के राजनीति का ही
फोर-डी , फाइव-डी वाला ही संस्करण है
पर मंगल से आगे बढ़कर हमारा विकास
आपके ही सामने का प्रत्यक्ष उदाहरण है.....
अब कैसे कहें हम कि सच में
गद्दी की राजनीति ही बहुत गन्दी है
और मुझपर गाहे-बगाहे भोंपू लेकर
अपना भड़ास निकालने पर सख्त पाबंदी है....
पर हमने बासी कुर्कुटों को साफ़ करने का
गुलकंद-इलायची वाला बड़ा बीड़ा उठाया है
और आपके कुर्ते पर पारदर्शी बनकर
सफ़ेद-सफ़ेद सा ही छींटा पराया है....
आगे भी सच्चे दिल से हम हमेशा
आपकी मज़बूरी की सौगंध लेते रहेंगे
बस आप प्लीज!
हमपर अपना डियो-परफ्यूम छिड़कते रहिये
तो अपने मिश्रित धातुओं से भी जबर्दस्ती करके
आपको वो खालिस सोना वाला ही
मिलावटी न ..न.. सुंधावटी सुगंध देते रहेंगे .
ये अच्छी बात नहीं कि
आप सब मिलकर ही करने लगे
अब मेरी आलोचना पर आलोचना.....
माना कि मेरे साथ-साथ
कईयों के किस्मत से छींका तोड़कर
कितने ही गंगुएं अवाख़िर राजा भोज हुए हैं
पर हमारे सर मौरी चढ़े भी तो
फकत ही चाँद रोज हुए हैं....
इतनी जल्दी चाँदनी के गाढ़े स्वाद को
हम नवेले जीह्वा पर कैसे चढ़ा ले ?
इससे पहले सूत काटने के बहाने ही सही
आप सबों को अपना चरखा तो पढ़ा दे....
आप सब हमारे गवाह हैं कि
ये चाँद किसतरह से हमारे हाथ आया है
फिर से कहूँ तो अपनी बहती गंगा में
कुछ भी धुल और घुल सकता है
उसी हिट फार्मूला को हमने भी आजमाया है....
अब कई छोटे-बड़े सुर को भी मिलाने पर भी
हमारा एक सुर नहीं है पर तराना वही है
और फाइव जी वाला स्पीड तो है मगर
स्पेक्ट्रम का फ़साना भी वही है
लेकिन अब हम जो कहते या करते हैं
कम-से-कम आप तो कहिये कि सही है....
मत भूलिए कि आप ने ही बड़े लाड़ से
हमें अपना लाट-साहब बनाया है
सच्चे हैं सो फिर से कह देते हैं कि
उस झाड़ पर चढ़ने के लायक न थे
मगर आपने ही उकसा कर हमें चढ़ाया है....
अब प्लीज!
मत खोलिए अपने दिमाग का कोई भी फाटक
पॉपकॉर्न कुरकुराते हुए ड्रिंक्स गुड़गड़ाते हुए
बस देखते रहिये अपने दिल्ली का नाटक पर नाटक
यदि आगे भी आप सब मेहरबान होंगे तो
पूरी दुनिया मेरी ही मजलिस को सजाएगी
और मेरे साथ धरना-प्रदर्शन कर-करके
मजनूयित का वही तराना भी गायेगी.....
सच तो यही है कि हमारा ये फ़िल्म भी
अपन वो आदम युग के राजनीति का ही
फोर-डी , फाइव-डी वाला ही संस्करण है
पर मंगल से आगे बढ़कर हमारा विकास
आपके ही सामने का प्रत्यक्ष उदाहरण है.....
अब कैसे कहें हम कि सच में
गद्दी की राजनीति ही बहुत गन्दी है
और मुझपर गाहे-बगाहे भोंपू लेकर
अपना भड़ास निकालने पर सख्त पाबंदी है....
पर हमने बासी कुर्कुटों को साफ़ करने का
गुलकंद-इलायची वाला बड़ा बीड़ा उठाया है
और आपके कुर्ते पर पारदर्शी बनकर
सफ़ेद-सफ़ेद सा ही छींटा पराया है....
आगे भी सच्चे दिल से हम हमेशा
आपकी मज़बूरी की सौगंध लेते रहेंगे
बस आप प्लीज!
हमपर अपना डियो-परफ्यूम छिड़कते रहिये
तो अपने मिश्रित धातुओं से भी जबर्दस्ती करके
आपको वो खालिस सोना वाला ही
मिलावटी न ..न.. सुंधावटी सुगंध देते रहेंगे .