हाय ! रंगों को भी
कुछ न समझ में आये
मेरा भोला फागुन भी भरमाये..
मैं न जानूं मेरे बावरे
तुझे मेरा कौन सा रंग भाये
जिसमें तू रंग-रंग जाये..
और मुझे भी ऐसे अंक लगाये
कि अंग-अंग केसर बन जाये....
फिर देख पड़ोसन जल-भुन जाये
भरदम कानाफूसी करके
आपस में उलझ-सुलझ जाये.....
सुनो न ! मेरे सांवरे
सब नाजो-नखरा छोड़ कर
तेरी बावरी क्या बोली-
तेरे संग खेलेगी वह होली
और वे झिलमिल तारे
नभ की डोली सजायेंगे
सारे बादल कहार बन जायेंगे
बस तुम मेरे रंग महल में आओ
मदिरा सा अपना प्यार लुटाओ....
मैं भी फागुनी बयार बनके
बेला ,चंपा ,चमेली से
सोलहों श्रृंगार करके
प्राणों से प्रणय की मनुहार करके
खुशबु सी यौवन लिए सकुचाउंगी
और सांस भर-भर कर
मेरे सांवरे
बस तेरे ही रंग में रंग जाउंगी .
रंग बिखेरती प्यारी रचना .... होली की शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 -03 -2012 को यहाँ भी है
ReplyDelete..रंग की तरंग में होली की शुभकामनायें .. नयी पुरानी हलचल में .
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
सब रंगों से अच्छा रंग प्रेम का ही होता है. ये पंक्तियाँ अध्यात्म के धरातल तक ले जाती हैं. बहुत अच्छा लगा कि सोलह श्रृंगारों में आपने लज्जा को शामिल किया है. सुंदर रचना. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहुत खूब्………। होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteएक स्नेहिल रंग हमारी तरफ से ...
ReplyDeleteपिया के रंग में रंगना भी तो होली के रंग में रंगना है ... जो लगने के बाद नहीं छूटता ...
ReplyDeleteहोली की मंगल कामनाएं ...
सुन्दर प्रेम रंग से सराबोर रचना.. होली की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteएक रंग में रंगा प्रेम जब,
ReplyDeleteमानो होली आयी तब..
बेहतरीन प्रस्तुति,बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteअमृता जी,..होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...
RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,
बस तेरे ही रंग रंग जाऊँगी...
ReplyDeleteमेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जायेगा...कुछ ऐसा ही भाव है...प्रेम की परिणति...होली की शुभकामनाएं...
Sundar, prerana dene wali rachna!
ReplyDeleteप्रेम के रंग से सराबोर सुन्दर रचना. होली की शुभकामनाएं..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की मंगलकामनाएँ!
Bahut sundar likha hai aapne...
ReplyDeleteHoli ki hardik shubhkaamnayen!
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
ReplyDeleteकामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
बहुत ही खुबसूरत रंगों से भरा हो आपका होली का त्यौहार.....
ReplyDeleteहोली का स्वागत करती हुई इसके रंगों से सराबोर रचना। आपको होली का बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआपको सपरिवार होली की मंगलकामनाएँ!
ReplyDelete.
ReplyDeleteआध्यात्म और शृंगार का सुंदर सम्मिश्रण आनंदित कर गया …
आभार और बधाई !
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♥ होली ऐसी खेलिए, प्रेम पाए विस्तार ! ♥
♥ मरुथल मन में बह उठे… मृदु शीतल जल-धार !! ♥
आपको सपरिवार
होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
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इक दूजे का रंग जब दोनों पर चढ जाएगा तो भिन्नता रह ही नहीं जायेगी ....परिणति की कल्पना बहुत सुन्दर है
ReplyDeleteहोली की अनेकों मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteसटीक और सामयिक अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteहोली की हार्दिक बधाई.
सुन्दर आत्मिक अध्यात्मिक रस सिक्त पंक्तियाँ . आनंद आया पढ़कर . रंग पर्व की शुभकामनायें ..
ReplyDeleteबस तेरे ही रंग रंग जाऊँगी...
ReplyDeleteतुम राधे बनो श्याम .......श्याम रंग में रंगी चुनरिया ,अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में श्याम बसें हैं और दूसरो आवे न .....
मीरा भाव की ,राधा भाव की बहुत सुन्दर रचना ...होली मुबारक अबीर गुलाल मुबारक ....
प्रेम भरी प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteरंगों की बारिश में डूबता-उतराता यायावर मिजाज
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिखा आपने..
मेरी ओर से भी होली की शुभकामनायें आपको
बहुत प्यारी सी रचना इस सुंदर उत्सव पर ...बधाई!
ReplyDeleteबहतु बढिया
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं
आनंदित कर गया …होली की मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteसब रंगों में अनूठा.....प्रेम का रंग....सराबोर हो जाएँ.....
ReplyDeleteशुभकामनाएँ.....
होली की शुभकामनायें अमृता जी .
ReplyDeleteपरमात्मा साकार स्वरुप में कृष्ण और गोपिकाएं जीव भाव को अभिब्य्कता के अधीन सनातन महाभाव के महाकर्षण के प्रेम रस में बावरी बनी कृष्ण के रंग में औरकृष्ण गोपियों क्र रंग में महारास में रत .इस प्रेम को छूती आपकी कविता मानव मन के प्रेम की अशीम चाहत को अभीब्यक्त करती हुई ह्रदय के पार कंही निःसीम को छू गयी .इतनी भावभरी अभिब्यक्ति के लिए मेरे शब्द छते पड़ रहे हैं.होली के सारे रंग आपके परिवार के लिए.....
ReplyDeleteप्रेम रंग में रंगी सुंदर रचना..
ReplyDeleteहोली पर्व कि ढेर सारी शुभ कामनाये
सुन्दर प्रस्तुति ....होली एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं जी आपको
ReplyDeleterang bikhre pade hai har bhav ke sath .... bahut sari badhaiya !!
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteहोली की बधाई :)
MERE SANWARE
ReplyDeleteBAS TERE HI RANG MEN RANG JAUNGI
THIS IS THE COLOUR OF HOLI AND LOVE.
इस होली तू ....
ReplyDeleteइस होली तू लगती न्यारी
रूठ रूठी लगती प्यारी
ला गुलाल अब खेलूं होली
मस्त हुई रंगों की टोली
धूलिवंदन बिन भंग अधूरा
तू मद मस्त, रंगी है पूरा /
ला टेसू रंग ,सारा रंग दूँ
अंग बचे ना ,अंगिया रंग दूँ
उधर कहीं तू छुपती कब तक
पिचकारी से बचती कब तक ?
बच्चे दूर वहां किलकारी
अब रंग लगा , लगे तू प्यारी
अब भाग कहाँ ,ये ले पिचकारी
इस होली तू लगती न्यारी //
प्रेम रंग में रंगी ....सुंदर रचना ....!!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति....होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाओं के साथ सुन्दर रचना के लिए बधाई..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना....
ReplyDeleteप्रेम पगी....
वाह! कितनी सुन्दर रचना...
ReplyDeleteहोली की सादर बधाइयां...
Fagun ka rang aur prem payodhi se madmast hoti nayika ki guhaar....behad khoobsoorat aur hriday patal ko chhooti huyi rachna...Amrita aapko Holi ki hardik shubhkamnayein...Kuch paintings v upload kiye hain boltitasveerein par...dekhna na bhooliyega...shayad rang sajja pasand aaye aur holi sachmuch apna rang jama de aap par.
ReplyDeleteभक्तिभाव से पूरित एक सुंदर रचना।
ReplyDeletewaah sunder rango se bhigi manbhavan holi .......happy rangpanchami .....shashi
ReplyDeletebahut hi sundar aur shandar post.
ReplyDeletemaha chaupat
ReplyDeleteबहुत मादक अधीर कर देती ,अंग अनंग में मदहोशी लाती फागुनी कविता :)
ReplyDeleteआपकी मृदुल मधुर प्रेमरस में पगी फागुनी पोस्ट
ReplyDeleteपचासा टिप्पणियों के रंग में रंगी तन्मय
कर रही है,अमृता जी.
bahut khoob...
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