आम लोगों का ये ब्लॉग जगत
हर किसिम के लोग यहाँ आते हैं
हर किसिम का आम खिलाते ही हैं
और उसका गुठली भी गिनाते हैं
ख़ास लोगों का ये ब्लॉग जगत
बेहद ख़ास लोग यहाँ आते हैं
खुबसूरत ख़ालिश ख्यालातों से
इस जगत में कई चाँद लगाते हैं
वाद -प्रिय लोगों का ये ब्लॉग जगत
अनेकों वाद लिए यहाँ आते हैं
कलम की तअब -ताकत दिखाकर
सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं
विवाद-प्रिय लोगों का ये ब्लॉग जगत
अनर्गल बातों से बक -वाद कराते हैं
वाद - प्रतिवाद को हवा दे दे कर
ऐसा वैसा चाहे जैसा टिप्पणी पाते हैं
खिचड़ी-खीर सा ये ब्लॉग जगत
पिज्जा- बर्गर सा ये ब्लॉग जगत
पेप्सी - कोला सा ये ब्लॉग जगत
या भंग मिले ठंडई सा ब्लॉग जगत .
मुझे भी लत लग गयी है --ठंडई की .
हर किसिम के लोग यहाँ आते हैं
हर किसिम का आम खिलाते ही हैं
और उसका गुठली भी गिनाते हैं
ख़ास लोगों का ये ब्लॉग जगत
बेहद ख़ास लोग यहाँ आते हैं
खुबसूरत ख़ालिश ख्यालातों से
इस जगत में कई चाँद लगाते हैं
वाद -प्रिय लोगों का ये ब्लॉग जगत
अनेकों वाद लिए यहाँ आते हैं
कलम की तअब -ताकत दिखाकर
सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं
विवाद-प्रिय लोगों का ये ब्लॉग जगत
अनर्गल बातों से बक -वाद कराते हैं
वाद - प्रतिवाद को हवा दे दे कर
ऐसा वैसा चाहे जैसा टिप्पणी पाते हैं
खिचड़ी-खीर सा ये ब्लॉग जगत
पिज्जा- बर्गर सा ये ब्लॉग जगत
पेप्सी - कोला सा ये ब्लॉग जगत
या भंग मिले ठंडई सा ब्लॉग जगत .
मुझे भी लत लग गयी है --ठंडई की .
खिचड़ी खीर सा ये ब्लाग जगत
ReplyDeleteपिज्जा बर्गर सा ये ब्लाग जगत
पेप्सी कोला सा ये ब्लाग जगत
या भंग मिले ठंडई सा ब्लाग जगत
क्या बात है, बहुत बढिया
----@@मुझे भी लत लग गयी है --ठंडई की . .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया यह ब्लॉगजगत,आभार.
सच्चाई से रूबरू करवाने का आभार :).
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह!
ReplyDeleteअजब गज़ब ये ब्लोगजगत्……………सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeletebahut khub likha hai mam blog jagat ke bare me,,,
ReplyDeletemujhe bhi aadat ho gayi hai iski
jai hind jai bharat
सही कहा ..लत तो लग गयी है ..
ReplyDeleteaur ye aadat n hogi kam ....
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत शब्द संयोजन.....अमृता जी
ReplyDeleteकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeleteखिचड़ी -खीर सा ये ब्लाग जगत
ReplyDeleteपिज्जा -बर्गर सा ये ब्लाग जगत
पेप्सी -कोला सा ये ब्लाग जगत
या भंग मिले ठंडई सा ब्लाग जगत
एकदम गजब की और लाजवाब कविता।
सादर
sach baat hai hum sab lati ho gae hai......
ReplyDeleteखिचड़ी-खीर सा ये ब्लॉग जगत
ReplyDeleteपिज्जा- बर्गर सा ये ब्लॉग जगत
पेप्सी - कोला सा ये ब्लॉग जगत
या भंग मिले ठंडई सा ब्लॉग जगत .
वाह यह ब्लॉग जगत ....सच में ब्लॉग जगत .....! आपका जबाब नहीं ...!
लत तो लग ही गई है.
ReplyDeleteब्लॉग जगत को शब्दों में समेट लिया आपने ... वाह जवाब नहीं इसका ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteयह ठंडई की लत लगी रहे
Ek dam sahi aapne likha hai.
ReplyDeleteअच्छी लत है...इसे छोड़ियेगा नहीं...
ReplyDeleteकभी कभी लत जीवन स्वांर देती है.....बहुत खुबसूरत लत....
ReplyDeleteठंडई बोले तो बनारस के गोदौलिया की -ड्यू रही :)
ReplyDeleteबाकी ब्लागजगत पर एक नरम मुलायम सा कटाक्ष किया है आपने :) :)
कभी- कभी लत जीवन की जरुरत बन जाती है..सच में ब्लांग जगत एक खुबसूरत लत है....
ReplyDeleteबधाई हो !! ब्लॉगिंग की ठंडई की लत पड़ गई है. इस की वजह से आपको पिज़्ज़ा-बर्गर खाने को मिलेगा. और यहाँ खीर भी तो है. आनंद ही आनंद.
ReplyDeleteबधाई हो, हमको भी लगी है यह आदत।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबधाई स्वीकारें ||
बनारसी को भंग मिली ठंडई पिलायेंगी तो वह लंठई करने लगेगा।
ReplyDelete..बढ़िया लिखा है आपने। बधाई स्वीकार करें।
किसम किसम का ये ब्लाग जगत।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति.....
ई कम्प्यूटर ही ठंडाई है ... जिसे लग गई वह ठंडा यानि कोका कोला या फिर आग का गोला :)
ReplyDeleteZabardast..... Bahut hi Badhiya
ReplyDeleteबढ़िया है जी ,ये एक नशा है जिसे लग जाये वो खाना पीना तक भूल जाता है ,पास रखा दूध बिल्ली जूता करने जा रही हो तब भी सोचता है ये लें टाईप कर ही लूं फिर ही भागता हूँ चाहें .................?
ReplyDeletehttp://ekprayasbetiyanbachaneka.blogspot.com/
एक प्रयास "बेटियां बचने का "
इस ब्लॉग पर लड़के लडकियों के अनुपात में आते अंतर को रेखांकित करती कहानिया ,लेख ,समाचार ,या सुझाव ,चित्र आदि आमंत्रित है ब्लॉग में सहयोगी की भूमिका में भी आपका स्वागत है जिसके लिए टिपण्णी में जाकर अपनी प्रतिक्रिया के साथ अपना इ मेल आई दी भी छोड़े इस यज्ञ में आपके सहयोग रूपी आहुतियां अति आवश्यक हैं मलकीत सिंह जीत
ऐसा ही है यह ब्लॉग जगत। एक बार जो यहाँ आता है, यहीं का हो जाता है।
ReplyDeleteकल 20/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत रोचक और सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteअमृता जी,मेरे ब्लॉग में आकर हौसला बढाने का शुक्रिया,
ReplyDeleteब्लॉग जगत,में जो लिखा सौ फीसदी सच है,लिखने की
लत जो पड़ गई है,अच्छी पोस्ट बधाई....
बहुत व्यस्त था ! बहुत मिस किया ब्लोगिंग को ! बहुत जल्द सक्रिय हो जाऊंगा !
ReplyDeleteब्लोगिंग और ब्लॉगर के हर एक आयाम को बारीकी से प्रस्तुत किया है आपने.. आभार
ब्लॉग जगत की बात निराली...
ReplyDeleteसुन्दर चित्रण.... वाह!
सादर बधाई...
आपके सच की बानगी पर दिल कुर्बान.
ReplyDeleteहम गुने जा रहे है . वाद विवाद के लिए अच्छा प्लेटफोर्म है ये ब्लॉग जगत .
ReplyDeleterochak prastuti, achchha chitran
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब लिखा है आपने ।
ReplyDeleteअजी वाह अमृता जी........क्या विश्लेषण किया है आपने ब्लॉगजगत का........ये नाचीज़ किस श्रेणी में है :-)
ReplyDeleteजगत की तरह ब्लॉगजगत भी विविधताओं से भरा है....!
ReplyDeleteअच्छी प्रस्तुति!
bahut hi sundar prastuti hai
ReplyDeleteआपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
चर्चा मंच-673:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
Baat to bilkul sahi hai aapki ki
ReplyDeleteमुझे भी लत लग गयी है --
eak link sajha kar raha hu
http://fresh-cartoons.blogspot.com/2011/07/blog-post_3172.html?m=1
बहुत ही अच्छा लगा ये बेबाक टिपण्णी .अपनी अपनी तरिफिओं को भी इसमें जोड़ करआतम संतुष्टि का एक द्वार.लगे रहो मुन्नाभाई.
ReplyDeleteये ब्लॉग जगत इस दुनिया से कोई कम थोड़े न है.. सब होता है यहाँ... सब चलता है यहाँ...
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति ......
ReplyDeleteसबको लग गई है इसकी लत .. बहुत खूब प्रस्तुति !!
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति .........
ReplyDeleteकुछ ठंडाई का मजा यहाँ भी लें.....
www.aclickbysumeet.blogspot.com
आभार
ना ना अमृता जी ठंडई से तो अब ठंड लग जायेगी.
ReplyDeleteसर्दी का मौसम आ रहा है.
अब तो कुछ गरमागरम हो जाये जी.
ब्लॉग जगत का पर्दा आपने बखूबी खोल दिया है
आपकी सुन्दर प्रस्तुति से मन प्रसन्न हो गया है.
आभार.
ब्लॉगजगत पर भी कविता :) वाह वाह!!
ReplyDeleteबढ़िया है..बहुत बढ़िया :)
बहुत बढिया लिखा आपने | वाह !!!!!!!
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