1.
मेरी मौन
साधना में
गूंजते हो तुम
ओSSम बनकर
मेरे साध्य
साधती हूँ तुम्हें
हर साँस पर
मैं तन्मय होकर .
२.
मैं मात्र
हूँ एक पात्र
जिसमें
भरे हो तुम
मैं तन्मय
हो गयी चिन्मय
और अमृत
मेरे हो तुम .
३.
तुम्हें
शब्दों में
बाँधने की
युक्ति
है या
स्वयं से मुक्त
होने की है
याचना ज्योतिर्मय
जिससे मैं हो जाऊं
तुममें केवल तुममें
..................तन्मय .
4.
हर क्षण
जलती हूँ मैं
तन्मय होकर
आलोकित
होते हो तुम
मेरी
आभा बनकर.
*** शुभ दीपावली ***
नाम सार्थक करती कविता।
ReplyDeleteवाह ………बहुत सुन्दर भाव भरे हैं …………जहाँ मै का लोप हो जाये फिर सब राममय हो जाये……………आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआप सब को दीपावली पर्व की हार्दिक मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteतन्मात्रा हो हे सखी, शब्द, रूप, रस, गन्ध |
ReplyDeleteसस्पर्श पञ्च-भूतियाँ, सांख्य मतों से बन्ध ||
कार्य में अपने हे सखी, रहो सदा लवलीन |
तन्नी नित खुरचा करे, मन-पट हुई मलीन ||
अनंत और उदात्त प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति. दीपावली के आलोकित त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteवाह ...बहुत बढि़या ..
ReplyDeleteदीपोत्सव की शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
बहुत पावन सार्थक रचनाएं....
ReplyDeleteआपको दीप पर्व की सपरिवार सादर बधाईयां....
सुंदर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
bejod .... diwali ki shubhkamnayen
ReplyDeleteउत्कृष्ट भावों का समावेश!
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं!
दीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteदीपावली की बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएँ
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
ReplyDeleteSuper Like this Fantastic poem!
ReplyDeleteआपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
Regards
तन्मयता से मौन साधना खुद ही मंत्र हो जाता है। दीपावली की सुभकामनाएं॥
ReplyDeleteशुभकामनाएं--
ReplyDeleteरचो रँगोली लाभ-शुभ, जले दिवाली दीप |
माँ लक्ष्मी का आगमन, घर-आँगन रख लीप ||
घर-आँगन रख लीप, करो स्वागत तैयारी |
लेखक-कवि मजदूर, कृषक, नौकर, व्यापारी
नहीं खेलना ताश, नशे की छोडो टोली |
दो बच्चों का साथ, रचो मिल सभी रँगोली ||
तन्मय... तन्मय... तन्मय ..बस तन्मय हो गया हूँ,अमृता जी.
ReplyDeleteदीपावली के पावन पर्व की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ
बहुत सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteदिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
आपके पोस्ट पर आना बहुत अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteप्रेम जब इतना अथाह हो कि लोग अपना अस्तित्व भूलने को तत्पर हों..बहुत कम दिखता है, पर बहुत अनूठा अहसास होता है. बहुत ही सुन्दर रचना... दीवाली कि शुभकामनायें.
ReplyDeleteबढिया प्रस्तुति
ReplyDelete।
दीप पर्व की शुभकामनाएं......
बहुत सुन्दर भाव ...
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं
दीपावली के अवसर पर ज्योतिर्मय रचनायें...शुभ दीपावली...
ReplyDeleteI don't think myself to comment on your creation.. What the words..? Incredible..
ReplyDeleteHeads of your creation..
Very very -:HAPPY DIWALI:-
आपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं
ReplyDelete... शब्दों में बान्धने की युक्ति है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर! पर बन्धते भी तो नहीं!
आपको, परिजनों और मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
तन्मयता से अमृत रस पिया . दीप -पर्व की असीम शुभकामनाये .
ReplyDeleteबहुत सुंदर ..
ReplyDelete.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteदीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
बहुत अच्छी व भावपूर्ण क्षणिकाएं
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल शुभकामनाएँ !
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 27-10 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज ...
बहुत ही सुन्दर क्षणिकाएं .....'तन्मय' शब्द का बखूबी इस्तेमाल किया है आपने सबमे..........बहुत सुन्दर |
ReplyDeleteआप को भी दिवाली, भाई दूज और नव वर्ष की शुभकामनायें
ReplyDeleteसुन्दर भाव.
ReplyDeleteअन्नमय, मधुमय, शुभमय दीपावली.
ReplyDeleteवाह... ओम् से अमृत होने फिर ज्योतिर्मय होने की साधना बहुत प्रीतिकर है... शुभकामनायें !
ReplyDeleteवाह कितनी सुन्दर शुभकामना....अनिर्वचनीय ....अभिभूत करती -आपको भी दीपावली की अनंत अहर्निश शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसुंदर शब्द दीप।
ReplyDeleteरवि को रविकर दे सजा, चर्चित चर्चा मंच
ReplyDeleteचाभी लेकर बाचिये, आकर्षक की-बंच ||
रविवार चर्चा-मंच 681
तुम तन्मय तो जग तन्मय ,सैदेव चेतन्य स्वरूप, सत चित आनंद .विचार कणिकाओं का सोता भाव बन फूटा और एकल धार में विलीन हो गया .
ReplyDeletebahut hi sunder tanmay ..........shbdo ke saath badi khubsurti se deep jalay hai , aapki kavita me hame sunder eahsas karaye hai , kud jal kar jyout ko alokik karna ......... bahut khub . amrita ji badhai ho . har bar ek naya vichar naye shabdo ke saath . abhar .
ReplyDeletehttp/sapne-shashi.blogspot.com
इसलिए तो आपका नाम अमृता तन्मय है!!:)
ReplyDeleteवाह .... दिवाली का बेहतरीन तोहफा इन क्षणिकाओं के रूप में ...
ReplyDeleteachcha laga aapko padhkar..
ReplyDeletejai hind jai bharat
sundar bhavo se saji rachana..
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