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Thursday, May 26, 2022

किसकी आई प्यारी चीठी? ........

किसकी आई प्यारी चीठी?

उठी लालसा मीठी-मीठी

मीठा-मीठा दर्द उठा है

सुलगी है प्रीत की अँगीठी

किसकी आई प्यारी चीठी?


बहका फिर से तन और मन

मचला फिर से ये नव यौवन

उखड़ी ऐसी चढ़ती उमरिया

कहती बात काठ-सी कठेठी

किसकी आई प्यारी चीठी?


जब नैन लड़े तो कैसी लाज

चाहे गिर जाए कोई भी गाज

प्रीत ज्वाल धधक-धधक कर

भसम करे उमर की अमेठी

किसकी आई प्यारी चीठी?


जैसे सोलहवाँ साल लगा है

अकारथ सब मनोरथ जगा है

उँगलियाँ अनामिका से ही पूछे

किस अनामा का है ये अँगूठी?

किसकी आई प्यारी चीठी?


जबसे ऐसी-वैसी बात हुई है

विरह की भी लंबी रात हुई है

मिले वो तो हो मेरा भी सबेरा

अब रह न पाऊँ यूँ ही ठूँठी

किसकी आई प्यारी चीठी?


मन क्यों माने उमर की बात

चाहे कोई कहे उसे विजात

हाँ! प्रीत हुआ है मान लिया

जो ना मानूँ तो हो जाऊँ झूठी

किसकी आई प्यारी चीठी?


अब कोई दे कान कनेठी

या कह दे ये है मेरी हेठी

पर दर्द भी है कितना मीठा

लालसा भी है बड़ी मीठी

किसकी आई प्यारी चीठी?

22 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना प्यारा सा ख़त ,

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  2. हमेशा की तरह एक लाजवाब सृजन।

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  3. वाह कितनी ही भावनाओं को खूबसूरती से उकेरा है, बहुत सुंदर कृति!!❤

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  4. प्रीत की अंगीठी सुलग गयी है तो उमर को कौन याद करता है, प्रेम शाश्वत है तो प्रेमी भी तो शाश्वत हुए, अनंत जन्मों से जो लुभाता आया है, यकीनन उसकी ही चिट्ठी आयी होगी!

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  5. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(२८-०५-२०२२ ) को
    'सुलगी है प्रीत की अँगीठी'(चर्चा अंक-४४४४)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  6. माधुर्य भावों से सम्पन्न अनुपम कृति !

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  7. वाह वाह!जवाब नहीं प्रीति की अँगीठी का👌👌👍👍

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  8. मन को झंकृत करने वाला काव्य सृजन.

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  9. बहुत सुंदर मनमोहक

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  10. मन के भावों को बुनती सुंदर सरस रचना ।

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  11. चाहे जिसकी भी हो, है एकदम मीठी-मीठी.....

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  12. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण सृजन

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  13. अच्छी लगी यह रचना सरल स्पष्ट

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  14. सुंदर और भावपूर्ण रचना

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  15. प्रीत का पथ यूँ प्रेयसी भाए।
    मंमथ तन-मन मथ-मथ जाय।

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  16. एक चिट्ठी कितना कुछ ले आती है ... बदल जाती है ...
    एहसास दे जाती है ... लाजवाब ...

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  17. Love to read it, Waiting For More new Update and I Already Read your Recent Post its Great Thanks.

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  18. मन के भावों को प्रकट करती बहुत सुंदर रचना।

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  19. बहुत सुन्दर भाव से परिपूर्ण रचना, बधाई.

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  20. ओह,
    तुमने शहर शहर दुंदुभी बजायी
    और मुझे पता ही न चला कि
    तुम्हारे पास प्यारी चिठी आयी ।।

    आज पढा है चिठ्ठी का असर
    सोच रही हूँ क्या रह गयी कसर
    क्यों चुन लिया तुमने फिर ग्वहर ?

    मनभावन सृजन

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  21. बहुत सुंदर ब्लॉग बहुत सुंदर rachnayen

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