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Wednesday, October 26, 2022

श्वासों की शुभ दीपावली ! ........

मैंने अपने 

अर्चित आवाहन से

उत्सर्जित विकिरण से 

रोमांचित अंत:करण में 

पूर्वसंचित पावन से 

अंचित जतन से 

तेरे लिए जलाया है

प्राणद दिया !


तब तो तुम मेरे

प्रतिम सुप्रभा से

अप्रतिम चंद्रभा से 

रक्तिम आभा में 

अकृत्रिम प्रतिभा से

अंतिम प्रतिप्रभा से 

प्रकाशित हो रहे हो मुझमें 

अणद पिया !


अब तो तुम मेरे 

सीम-असीम से परे 

संयोग-वियोग से परे

उद्दोत हो, सत्वजोत हो

और मैं तो सदा से ही 

अमस तमस हूँ

जो बस तेरे लिए ही है

क्षण, अक्षण, अनुक्षण 

उद्विग्न, उद्वेल्लित, उतावली !


हाँ ! मैं तो हूँ 

चिरकमनीय, रमनीय, अनुगमनीय

सघन काली थ्यावस अमावस

और तुम हो मेरे

सनातन त्यौहार

ओ ! मेरे अन्धकार के प्रकाश

तुम ही तो हो मेरे 

आत्यंतिक, ऐकांतिक, शाश्वतिक 

श्वासों की शुभ दीपावली ।

                                  

                                    सृष्टि को जीवंत और चलायमान रखने वाली समस्त शक्तियों, पराशक्तियों की अनन्य उपासना ही तो उत्सव है। जो अनन्त सत्य, अनन्त चित्, अनन्त आनन्द से सतत् जराजीर्ण होते हुए तन-मन को उमंग और उत्साह से उन्नत करता है। साथ ही घनीभूत जीजिविषा समयानुवर्ती जड़ीभूत उदासीनता को अपनी उष्णता से उद्गगत करती हुई नव पल्लवन करती है। जब ओंकार की भाँति हृदय में पियानाद हर क्षण गुँजायमान हो जाता है तो आत्मा का उत्सव होता है। जिसमें हर दिन होली और हर रात दीपावली होती है। इस आत्म-उत्सव के पिया रँग में रँगी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।


15 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 27 अक्टूबर 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार 27 अक्टूबर 2022 को 'अपनी रक्षा का बहन, माँग रही उपहार' (चर्चा अंक 4593) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

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  3. लाजवाब | दीप पर्व मंगलमय हो|

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  4. अद्भुत रस की बूंद से तृप्त होते तन-मन और जीवन..............

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  5. सृष्टि को जीवंत और चलायमान रखने वाली समस्त शक्तियों, पराशक्तियों की अनन्य उपासना ही तो उत्सव है।
    उत्सव की समुचित परिभाषा! दीपोत्सव मंगलमय हो!

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  6. आत्म उत्सव ही सच्चे अर्थों में उत्सव है । ऐसी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  7. अत्यंत सुन्दर हृदयोद्गार…, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏

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  8. बहुत सुंदर सृजन।
    शुभ भावों की छलकती गगरी। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ आपको।
    सादर

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  9. वाह अनुपम सृजन
    ढेरों शुभकामनाएं

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  10. और तुम हो मेरे
    सनातन त्यौहार///इससे बढ़कर किसी के लिए और क्या कहा जा सकता है।एक आत्मीयता का प्रचंड भावोच्वास, जिसमें एक आराध्या की सूक्ष्म अनुभूतियाँ अपने चरमोत्कर्ष पर विराजमान हैं।दो आत्माओं की ये लौकिक और आलौकिक दीवाली अमर हो 🙏

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  11. **भावोच्छ्वास

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  12. लाज़बाब रचना👌👌

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  13. आत्मोत्सव का आनन्द शब्दों मे छलक रहा है.

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  14. आलोकित करती रचना, अभिनंदन ।

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