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Tuesday, November 29, 2016

लिखती रहूँ प्रेमपत्र .........

शब्दों के आँखों में
भरे आँसुओं को छुपाकर
उसके हृदय का
सारा दुःख दबाकर
ओठों पर बस
सुंदर मुस्कान लाकर
तुम्हें लिखती रहूँ
प्रेमपत्र .........

उस प्रेमपत्र में मैं लिखूँ
घर- आँगन की बातें
अपने गली- मोहल्ले की बातें
और देश- दुनिया की बातें
बातें ही बातें
ढेर सारी बातें ..........

भूली- बिसरी स्मृतियों में
डूबते हुए , उतराते हुए
हँसते हुए , मुस्कुराते हुए
तुम उन सब बातों में
कभी मत पढ़ना
अनलिखे प्रेम को .....

अगर पढ़ने लगे तो
शब्द स्वयं पर
अपना वश न रख पायेंगे
ओंठों से तो न सही
पर अपने आँसुओं से
न जाने
क्या- क्या कह जाएँगे ........

अब तुम ही कहो
कहीं प्रेमपत्र में
कभी आँसुओं का हाल
लिखकर कहा जाता है ?
ये अलग बात है कि
अब तुम्हारे बिना
एक पल भी
नहीं रहा जाता है ......

बस शब्दों के ओंठों पर
तुम अपने ओंठों को
मत धर देना
और उनके आँसुओं को
अपनी आँखों में
मत भर लेना ........

तब शब्दों के
हृदय का सारा दुःख
दुख- दुख कर
उसी पल बह जाएगा
और मेरा प्रेमपत्र
प्रेमपत्र न रह पाएगा .

15 comments:

  1. waah ... bahut khob ... prem patr manuhaar bhara kamaal ka ...

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  2. क्या प्रेम पत्र में आँसू की बात की जा सकती है? प्रेम पत्र तो कोमल-सी महकती भावनाओं का प्रतीक माना जाता है. उस पर एक सवालिया-सा निशान यह कविता छोड़ जाती है.

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  3. भला आत्मिक मिलन का अवसर छोड़ कोई इन शब्‍दों पर होंठ क्‍यों रखेगा! वो एक पल जो रहने नहीं देता जाने वह कब प्रेम के लिए प्रेमिल हो सिमट जाएगा!

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  4. भावमय अभिव्यक्ति

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  5. prem patr ka tanmya swaroop achchha laga.

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  6. vaah ! dil ko chuti hui pnktiyan !

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  7. सब कुछ ही तो कह डाला पत्र में, कुछ भी शेष न रखा।

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  8. वाह...लाज़वाब भावाभिव्यक्ति....

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  9. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (24-12-2016) को गांवों की बात कौन करेगा" (चर्चा अंक-2566) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  10. Waah....is prempatra ko padhkar kya kaha jaaye ???

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  11. so heart touching poem amrita ji loved to read this
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  12. सुन्दर शब्द रचना
    नव वर्ष की शुभकामनाएं
    http://savanxxx.blogspot.in

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  13. भूली- बिसरी स्मृतियों में
    डूबते हुए , उतराते हुए
    हँसते हुए , मुस्कुराते हुए
    तुम उन सब बातों में
    कभी मत पढ़ना
    अनलिखे प्रेम को .....

    बहुत सुंदर..

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