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Sunday, October 21, 2012

शुभ शक्तिपात करो !


जीवन-नृत्य को
द्रुत गति से कराने वाली
सचेतन संगीत से
स्वर्णाभ सुर-लहरी लहराने वाली
गीतातीत मेघ-गर्जना के
पार्श्व ताल को थपकाने वाली
स्नेहिल विद्युत्-स्पर्श से
पुनीत-पुलक जगाने वाली...

हे माँ!
विहिंसक वृत्तियों पर वज्रपात करो!
और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

मधुरित पुष्प-मंजरी सी
उप्त उल्लास खिलाने वाली
चिर चाहना के चषक में
अमृत-पय पिलाने वाली
इंद्रधनुषी इच्छाओं में
नख-शिख तक उलझाने वाली
मोहिनी-मुग्धा सी
पुन: माया को लील जाने वाली...

हे माँ!
अनृत , मिथ्यात्व पर कठोर आघात करो!
और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

अपने सम्पूर्ण सौन्दर्य में
अर्धरात्री को उकसाने वाली
इस संकटापन्न संसार को
स्वर्गीय स्वानुभूति कराने वाली
घोर तमस के तृषा को भी
अंतत: त्राण दिलाने वाली
संकल्पित संकाश से
जगत को नित्यश: नहलाने वाली...

हे माँ!
अपने वैभव-विलास युत वक्ष से
अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

29 comments:

  1. देवी से प्रार्थना है कि आपकी प्रार्थना जल्द सुने..

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  2. हे माँ सब पर शुभ शक्तिपात करो!
    सुन्दर भाव... सुन्दर शब्द चयन... सचमुच आपकी रचना अद्भुत होती हैं अमृता जी

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  3. अच्छी रचना
    सामयिक
    जय माता दी

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  4. विहिंसक वृत्तियों पर वज्रपात करो!...
    बहुत सुन्दर अर्चना !

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  5. शब्द शब्द और अपने अर्थबोध से बहुत ही प्रभावपूर्ण देवि -आराधना! मन श्रद्धा और विश्वास के नूतन भाव से आप्लावित हो गया!
    आयें इस पुनीत और उत्सवपूर्ण मौके पर इस आराधना को समवेत स्वर दें!

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  6. अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!....


    हे माँ!इस प्रार्थना में हमारी प्रार्थना भी स्वीकार करें

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  7. माँ, शक्तिपात करो, चेतना पुनः झंकृत करो।

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  8. अपने सम्पूर्ण सौन्दर्य में
    अर्धरात्री को उकसाने वाली
    इस संकटापन्न संसार को
    स्वर्गीय स्वानुभूति कराने वाली
    घोर तमस के तृषा को भी
    अंतत: त्राण दिलाने वाली
    संकल्पित संकाश से
    जगत को नित्यश: नहलाने वाली...

    हे माँ!
    अपने वैभव-विलास युत वक्ष से
    अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

    शुभ देवी आराधना के लिए कोटिशः नमन . शुभ नवरात्र .

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  9. बहुत सुंदर रचना. वाह!!

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  10. शुभकामनाएं आदरेया ||

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  11. हे माँ!
    अपने वैभव-विलास युत वक्ष से
    अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

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  12. हे माँ!
    विहिंसक वृत्तियों पर वज्रपात करो!
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!... आमीन

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  13. बहुत ही सुन्दर भाव लिए..
    बेहतरीन रचना...
    शुभकामनाएँ....
    :-)

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  14. प्रकृति-पोषण हेतु मां के समक्ष की गई यह प्रार्थना फलीभूत हो।

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  15. हे माँ!
    अपने वैभव-विलास युत वक्ष से
    अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!


    एक बेहतर प्रार्थना है यह ....हे माँ तुम शक्तिपात करो ....!

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  16. बहत सुन्दर ...विलक्षण ...!!!

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  17. Amrita,

    IS PRAARTHNAA MEIN MAIN PURI TARHAAN SE AAPKE SAATH HOON.

    Take care

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  18. हे माँ!
    विहिंसक वृत्तियों पर वज्रपात करो!
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

    हे माँ!
    अपने वैभव-विलास युत वक्ष से
    अजात प्रकृति-शिशुओं को दीर्घजात करो !
    और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

    पूरी रचना में एक आनुप्रासिक ओज और छटा ,माँ का आवाहन है काल रात्रि के विनाश का .सब पर शक्ति पात का .एक सात्विक उल्लास बुनती है रचना .

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  19. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा मंगलवार २३/१०/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है

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  20. वाह बहुत खूब
    कमाल की रचना.

    :)

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  21. और सब पर शुभ शक्तिपात करो!

    माँ का सार्थक आह्वान .... सुंदर प्रस्तुति

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  22. बहुत सुन्दर अर्चना !खुबसूरत रचना..

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  23. नवाम्बिका...
    नवाम्बिका...
    नवाम्बिका...

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  24. वाह शानदार रचना ! लाजवाब

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  25. बहुत सुन्दर आह्वान...

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  26. माता आपके आह्वान को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती.

    सुंदर प्रस्तुति.

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  27. अति शुभ प्रार्थना...आभार !

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  28. अच्छे शब्दों में की गई एक बहुत अच्छी प्रार्थना।

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