निबद्ध पूर्वाग्रहों को
निभृत पूर्वानुमानों को
निःसत्व पूर्व दृष्टियों को
निध्यात पूर्वोपायों को
निधेय पूर्वोक्तियों को
क्यों न हम प्रिय
पूर्णतः निग्रह करें....
नवागत पलों का
साद्धंत सम्मान करें..
सानंद समालिंगन करें.....
आओ प्रिय !
पुनः नव जाग्रत हो
निजूठे क्षणों का अवकलन करें
निजूठे स्वप्नों का सृजन करें
निजूठे कल्पनाओं का आयोजन करें....
हाँ प्रिय !
प्रति नव क्षण में
क्यों न हम
निजूठे आत्मानंद का संग्रहण करें ?
निजूठा-जो पहले न सोचा गया हो
निबद्ध -बंधा हुआ ...,निभृत -निश्चित ....,निःसत्व -सारहीन ....., निध्यात -विचारित ...,निधेय -स्थापित किये जाने योग्य ..., निग्रह -रोकना ...,साद्धंत -सम्पूर्ण ...,
आशा है कि आप सबों को असुविधा नहीं होगी . मैं अपने प्रिय संग हर आने वाले पल का स्वागत कुछ इस तरह ही करना चाहती हूँ .आप सबों को भी हार्दिक शुभकामनाये .... कि हर पल मंगलमय हो और कुछ नया हो ........... जिसे आप आनंद से स्वीकार करें.
अमृता जी
ReplyDeleteकविता की प्रत्येक पंक्ति एक गहरा सन्देश देती है ...आकलन को प्रेरित करती है ...प्रोत्साहित करती है ...बड़ी सजगता से शब्दों का चयन किया है आपने ...बहुत सुंदर कविता ...शुक्रिया
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाये ...स्वीकार करें
और आपको वर्ष की पहली टिप्पणी ....शुक्रिया
बेहतरीन प्रस्तुति ...नववर्ष की शुभकामनायें ।
ReplyDeleteअमृता जी ,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर एवं प्रेरक कविता है ! कुछ नए शब्द सीखे आपसे !
आपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की शुभकामनाएं।
प्रेरक रचना ...
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ
सुन्दर कविता नव वर्ष के स्वागत में ! नए वर्ष में नई सकारात्मक सोच व भावनाओं का सृजन हो ! आप को नव वर्ष मुबारक !
ReplyDeleteइस रचना में एक छुपा हुआ सन्देश है ..जो आपने उजागर कर दिया है ........ शुक्रिया
ReplyDeleteसुन्दर एंव सन्देश देती रचना के लिए साधुवाद.
ReplyDelete---------------------------------
नव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो...
हार्दिक शुभकामनाएं
अमृता जी ,
ReplyDeleteएक बार फिर निशब्द कर दिया आपके शब्द चयन ने...और सोच तो खैर कहना ही क्या... आपसे आपकी यह रचना भी उधार लेना चाहूंगी..अपने मित्रों से बांटने के लिए ...बहुत भुत बधाई आपको सार्थक सृजन के लिए और शुभकामनाएं कि आप आने वाले हर पल को अपने इसी ढंग से जी पायें....
नव वर्ष की शुभकामनाएं
मुदिता
HAPPY NEW YEAR 2011
ReplyDeleteWISH YOU & YOUR FAMILY,
ENJOY,
PEACE & PROSPEROUS
EVERY MOMENT SUCCESSFUL
IN YOUR LIFE.
नव वर्ष के शुभागमन पर मंगलकारी भावों से ओतप्रोत आपकी रचना अच्छी लगी.आपके जीवन में सुख-समृद्धि आये ,यही कामना है
ReplyDeleteकाबिले तारीफ!!!!
ReplyDeleteआपको सपरिवार नववर्ष २०११ की हार्दिक शुभकामनाएँ.
'सी.एम.ऑडियो क्विज़'
हर रविवार प्रातः 10 बजे
बहुत सुंदर कविता| प्रत्येक पंक्ति एक गहरा सन्देश देती है|
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ|
bahut hi sundar kavita..shabd pahle to samajh nahi aaye , phir aapke diye hue meanings ke saath dubara padha to aanand aa gaya .
ReplyDeleteaapko bahut dhanywaad.
Amrita Ji,
ReplyDeleteNav Versh ki Shubh kaamnayein,
Sunder bhaavon se bhari kavita
Surinder Ratti
Mumbai
निजूठी सोच साकार हो - नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteअमृता जी,
ReplyDeleteकाफी जटिल हिंदी का प्रयोग किया है आपने ....पर शुक्र है की अंत में उसका अर्थ भी बता दिया......रचना हमेशा की तरह लाजवाब है......ईश्वर इस नववर्ष में आपकी तमाम अभिलाषाओं को पूर्ण करें......
अमृता जी,
ReplyDeleteकाफी जटिल हिंदी का प्रयोग किया है आपने ....पर शुक्र है की अंत में उसका अर्थ भी बता दिया......रचना हमेशा की तरह लाजवाब है......ईश्वर इस नववर्ष में आपकी तमाम अभिलाषाओं को पूर्ण करें......
कविता पढ़ने के पहले ही मैंने देख लिया था की शब्द कुछ थोड़े कठिन से हैं तो मतलब पहले ही समझ लिया था..
ReplyDeleteऔर कविता के लिए तो क्या कहूँ, बस आह और वाह निकल रही है..कैसे इतने अच्छे हिंदी शब्दों का प्रयोग कर इतना खूबसूरत कविता बना लेतीं हैं आप?
अंतिम में जो आपने लिखा है वो कितना अच्छा लगा
"निजुठे स्वप्नों का सृजन करें,
निजुठे कल्पनाओं का आयोजन करें,
हाँ प्रिय!
प्रति नव क्षण में
क्यों न हम
निजुठे आत्मानंद का संग्रहण करें?"
वैसे तो हर पंक्ति लाजवाब है..
बहुत दिनों के बाद कुछ अलग तरह की कविता पढ़ रही हूँ.
ReplyDeleteअभिषेक के बज्ज शेयर से पता चला आपका ब्लॉग.
काफी अच्छा लगा यहाँ आकार!
बहुत सुन्दर कविता!!
bahut hee sargarbhit rachnc...
ReplyDeletenav varsh kee hardik shubhkamnayen
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें ...
ReplyDeleteअपने ब्लॉग में लगाये घडी
http://hinditechblogs.blogspot.com/2011/01/blog-post.html
acchi kavita ke liye badhaayi....aur acchha likhne ki mangalkaamnaaon ke sang.....
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteACHCHHA HAI! LAJAWAB.........................
ReplyDeletehi..
ReplyDeleteनिःशब्द करने वाला शब्द चमत्कार।
ReplyDeletebahut sunder rachna
ReplyDeletenav varsh ki hardik badhayi
mere blog par
"main"
kabhi yha bhi aaye
aakarshak rachna
ReplyDeleteशब्द चयन चमत्कृत करती हुई
ReplyDeleteसुन्दर रचना
बहुत सुन्दर कविता । प्रत्येक शब्द मे एक नया सन्देश धन्वाद ।
ReplyDeletenice blog...
ReplyDeletePlease visit my blog.
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एक सरगमी धुन को पढ़कर क्षितिज तक मन पहुंच गया। इस रागमय प्रस्तुति के लिए शुभकामनाएं।
ReplyDeleteNavagat palon ka samman poorvagrah se mukti ke bina nahi ho sakta...aapki kavita chetna ko jhakjhorti hai...yah sirf aapki abhivyakti nahi varan dusron ke liye salah bhi hai...
ReplyDeleteसुन्दर भाव.
ReplyDeleteसुन्दर शब्द प्रयोग.
मत कहिये आप भाषा विद्ध नहीं हो.
आत्मानंद की अनुभूति होती रहे सदा!
ReplyDeleteसुन्दर शब्दों को बेहतरीन ढंग से पिरोती हैं आप।
ReplyDeleteआशा है, इस रचना में गढ़ी सारी मनोकामनाएं फलीभूत हों।