दीवाली है
सोचती हूँ
सबों के साथ
उत्सवी उमंग में डूब जाऊं
संभृत समस्याओं को छोड़
सफाई पुताई में लग जाऊं ....
मन के कचड़े को
कहीं दूर ले जाकर
सुरक्षित निपटान करूँ
कुछ चटकीले रंगों से
नए कलेवर में
रंग रोगन करूँ ......
खुशियों की रेवड़ियाँ
जी भर के खाऊं खिलाऊं...
सभी तो
घर से बाहर तक
दीपों से रोशनी फैलाते हैं
अपने अन्दर के शोर को
पटाखों से दबातें हैं
अतृप्त तृष्णा को
छप्पन भोग लगाते हैं
सोचती हूँ ......
कभी किसी भी
प्रदुषण से मैं
पूर्णतः मुक्त होकर
एक ह्रदय दीप भी
जला लूँ तो
हो जाए
दीवाली .
अमृता जी,
ReplyDeleteदीपावली का शानदार तोहफा है आपकी ये रचना.......अपने अन्दर के शोर को पटाखों से दबाते हैं......वाह ...बहुत खूब
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें|
अमृता जी, इतना सोचिये नहीं , मना ही लीजिए शुभ दीपावली !
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....
ReplyDeleteसुन्दर रचना। बधाई।आपको व आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteअप्प दीपो भव ।
ReplyDeleteप्रशंसनीय रचना ।
अरे पटाखे तो आर्टिफिसीअल दिवाली है :)
ReplyDeleteअसली दिवाली तो दीपों की रौशनी से ही होता है...
दिवाली तो बीत गयी, आपको छठ की मुबारकबाद दे देता हूँ :)
वाह...अमृता जी,
ReplyDeleteकितना भाव-साम्य दिख रहा है आपकी इस पोस्ट में! आप स्वयं भी कमोवेश आश्वर्य कर सकती हैं। एक बार इस निम्नांकित लिंक पर क्लिक करके देखिएगा- (वैसे यह कोई बहुत आश्वर्य का विषय नहीं है; यक़ीनन दो लोग एक ही समय में एक-सा सोच सकते हैं)
http://jitendrajauhar.blogspot.com/2010/11/blog-post.html#comments
sundar aur nayab aapko badhai
ReplyDeletevery nice Amrita ji
ReplyDeletepatakhon ka shor aur man ki aawaj, hriday-deep jala lun to ho jaye diwali. beautiful thought.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया बात कही है आपने...दीपावली तो हृदय दीप जला कर ही होती है...”जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह ना जाये।“
ReplyDeleteशुभम भूयात....
बहुत खूब सोच
ReplyDeleteबधाई
आशा
यही सच्ची दीवाली है ... घरों का कूदा तो सब निकाल देते हैं पर मन का कचरा ... जमा ही करते जाते हैं
ReplyDeletebadi hi gahan soch liye hue sambedansheel rachanaa,badhaai aapko.happy friendship day.
ReplyDelete"ब्लोगर्स मीट वीकली {३}" के मंच पर सभी ब्लोगर्स को जोड़ने के लिए एक प्रयास किया गया है /आप वहां आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ को
ब्लॉगर्स मीट वीकली में आप सादर आमंत्रित हैं।
sunder rachanaa badhaai aapko.
ReplyDelete/ ब्लोगर्स मीट वीकली (३) में सभी ब्लोगर्स को एक ही मंच पर जोड़ने का प्रयास किया गया है / आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/ हमारी कामना है कि आप हिंदी की सेवा यूं ही करते रहें। सोमवार ०८/०८/११ कोब्लॉगर्स मीट वीकली (3) Happy Friendship Day में आप आमंत्रित हैं /
shandaar divali bahut badhiya soch
ReplyDeleteहृदय दीप जले!
ReplyDeleteएक हृदय दीप भी
ReplyDeleteजला लूं तो ...
अनुपम भाव संयोजन लिये बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
प्रदुषण से मैं
ReplyDeleteपूर्णतः मुक्त होकर
एक ह्रदय दीप भी
जला लूँ तो
हो जाए
दीवाली .
आमीन.