tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post8295127540740814204..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: एक कालजयी कविता के लिए .....Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52923468620063968302021-08-02T23:45:33.832+05:302021-08-02T23:45:33.832+05:30आपने तो कवि कविता और उसके आगे पीछे घुमते सभी तथ्यो...आपने तो कवि कविता और उसके आगे पीछे घुमते सभी तथ्यों पर ग्रंथ ही रच डाला अमृता जी ।<br />तंज भी व्यंग्य भी आत्मवंचना भी और डटे रहने का संकल्प भी सच कवि कवि होता है मजाल है स्वयं की धिक्कार भी उसे कवि पद से विमुख कर सके ।<br />शब्द चयन गज़ब असरदार हैं ।<br />बहुत सुंदर सृजन।<br />कुछ अपने भाव<br /><br /><br />कविता सिर्फ शब्द नही होती, <br />होती है ,अलसुबह की ताजगी <br />शबनम की ऩमी <br />फूलों की ख़ुशबू<br />चाँदनी की शीतलता<br />फाल्गुन की हल्की बयार<br />मन का पीघलता शीशा<br />सूरज की तपिश <br />टूटते अरमां<br />पूरी होती आरज़ू<br />अनकही बातें <br />ख़ामोश सदाएं<br />रंगीन ख़्वाब <br />बिखरती संवरती ज़िंदगी <br />कविता कोई शब्द नही<br />कि पढ़ो <br />और आगे बढ़ो<br />हर कविता में एक आत्मा होती है <br />कविता सिर्फ़........<br /><br /> कुसुम कोठारी 'प्रज्ञा'<br /><br />सस्नेह।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-65622530024517677782021-08-02T23:01:18.709+05:302021-08-02T23:01:18.709+05:30एक बार कवि/कवयित्री बनन जाओ फिर जो चाहे लिखो...फॉल...एक बार कवि/कवयित्री बनन जाओ फिर जो चाहे लिखो...फॉलोअर्स पढ़ने वाले हैं, पाठक की जरूरत नहीं 😁😂वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-61044302929119528272021-08-02T18:51:49.590+05:302021-08-02T18:51:49.590+05:30वाह!!!
कमाल का सृजन...वैसे वनावटी कवियों पर धारदार...वाह!!!<br />कमाल का सृजन...वैसे वनावटी कवियों पर धारदार हास्यव्यंग रचा है आपने...सही कहा आदरणीय विश्वमोहन जी ने कि कविता लिखने से कोई कवि बन जाता है, न कि कोई कवि बनकर कविता लिखने बैठता है।..पर आजकल कुछ भी सम्भव है ..<br />लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33623248165005426862021-08-02T16:03:55.316+05:302021-08-02T16:03:55.316+05:30😀😀😀 प्रिय अमृता जी, कालजयी कविता भले रची जाए ना...😀😀😀 प्रिय अमृता जी, कालजयी कविता भले रची जाए ना जाए पर इतने लटकन - पटोटन के बाद इतनी प्यारी व्यंग्य रचना जो अस्तित्व में आई उसका क्या कहिए!!! कथित समर्पित नामी गिरामी रचनाकार तो सर पीट लेंगे अपने और अपने जैसों के लिए। ----- कलमतोड़ कलमकसाइयों --- जैसे नव उपमेय शब्द पढ़कर। रोचक और मुस्कुराहटें बिखेरती रचना के लिए हार्दिक आभार और शुभकामनाएं। आपकी रचनाओं में सभी रंग कमाल हैं तो व्यंग्य बेमिसाल 😀😀🙏🙏🌷🌷रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-68259692911313151522021-08-02T12:36:40.054+05:302021-08-02T12:36:40.054+05:30लिखना और अपने से बतियाना दोनों ही एक समान है, आप अ...लिखना और अपने से बतियाना दोनों ही एक समान है, आप अपने आप से की गई बात को यदि शब्द देंगे तो भी वह एक कविता हो जाएगी। तत्व की खोज और अच्छी कविता एक जैसे ही हैं...। PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-76431420146272044832021-08-02T10:37:43.977+05:302021-08-02T10:37:43.977+05:30वाह, बहुत सुंदर।🌼वाह, बहुत सुंदर।🌼शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-17185762148370009112021-08-02T09:38:52.640+05:302021-08-02T09:38:52.640+05:30कलमतोड़ों और कलमकसाइयों के
पदछापों पर मजे से टहलते...कलमतोड़ों और कलमकसाइयों के<br />पदछापों पर मजे से टहलते हुए<br />अपने ख्याली पुलावों को <br />बड़े चाव से कलमबंद करते हुए<br />नए शब्दों से परिचय मिला विशेष<br />शब्द.. कलमकसाइयों<br />सादर..yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-32983023694249514802021-08-01T20:31:20.631+05:302021-08-01T20:31:20.631+05:30आरम्भ से अन्त तक कालजयी कविता की लिए आपकी सोच ने च...आरम्भ से अन्त तक कालजयी कविता की लिए आपकी सोच ने चेहरे पर मुस्कुराहट की बड़ी सी रेखा खींच दी । हास्य रस को सार्थक करती लाजवाब रचना ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-27797589484341636752021-08-01T20:30:39.074+05:302021-08-01T20:30:39.074+05:30आपकी लिखी रचना सोमवार 2 ,अगस्त 2021 को साझा ...आपकी लिखी रचना सोमवार 2 ,अगस्त 2021 को साझा की गई है ,<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।<br /><br />संगीता स्वरूप संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-23905577468523303102021-08-01T17:24:32.870+05:302021-08-01T17:24:32.870+05:30आपकी प्रश्नोत्तरी में ही सब निहित है।
आपका आत्ममंथ...आपकी प्रश्नोत्तरी में ही सब निहित है।<br />आपका आत्ममंथन बेहद ईमानदार और प्रभावशाली है<br />प्रिय अमृता जी।<br />जिसे जो लगना है लगने दो<br />क़लम को अनवरत जगने दो<br />समय की पीठ पर खड़े रहो<br />अब क़दम न अपने डिगने दो।<br />-----<br />शुभकामनाएं।<br />सस्नेह। <br /><br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39667044319728543912021-08-01T17:10:26.624+05:302021-08-01T17:10:26.624+05:30बहुत सुंदर काव्य सृजन, अमृता दी।बहुत सुंदर काव्य सृजन, अमृता दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24708784927164712172021-08-01T15:31:23.667+05:302021-08-01T15:31:23.667+05:30आज तो अजब गजब मूड में हैं आप ..... अब मैं सोच रही ...आज तो अजब गजब मूड में हैं आप ..... अब मैं सोच रही कि मैं कलमतोड़ हूँ या कलमकसाई..... अरे ये तो नामी गिरामी लिखा है .... बच गयी ....<br />सब कील काँटे निकाल आज तो कालजयी रचना लिखी दी । खूब हथौड़े चलाये हैं ।<br />शानदार हास्य कविता । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-74378014655010074192021-08-01T14:16:56.852+05:302021-08-01T14:16:56.852+05:30वाह! वाकई, बहुत सुंदर। दरअसल कविता लिखने से कोई कव...वाह! वाकई, बहुत सुंदर। दरअसल कविता लिखने से कोई कवि बन जाता है, न कि कोई कवि बनकर कविता लिखने बैठता है।विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24241248921545274452021-08-01T13:00:10.140+05:302021-08-01T13:00:10.140+05:30पर लिखने वाला हर बेतरतीब-सी बिखरी चीजों को
बुहारी ...पर लिखने वाला हर बेतरतीब-सी बिखरी चीजों को<br />बुहारी मारते हुए समेट कर लिखता है<br />जिसमें किसी को सुन्दर कविता तो<br />किसी को बस रद्दी का टुकड़ा ही दिखता है<br />सच कहें तो हम लिखते तो सबसे पहले स्वयसं के लिए ही हैं तभी कालजई कविता बनती है !! तथ्य पूर्ण बात !! Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-37615587298975720782021-08-01T11:22:30.096+05:302021-08-01T11:22:30.096+05:30बहुत सुंदर बात कही आपने, आखिर एक कालजयी कविता की क...बहुत सुंदर बात कही आपने, आखिर एक कालजयी कविता की किसे तलाश नहीं, हाँ वो कहीं न कहीं आपके अस्तित्व में ही जीवित है, और आपको मिलेगी भी ज़रूर, किसी और को भले कालजयी न लगे पर आपको ज़रूर लगेगी ।आपके सुंदर लेखन को और आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15871495279608149812021-08-01T10:13:47.648+05:302021-08-01T10:13:47.648+05:30ईमानदारी से ही लिखिए, बेईमानी से नहीं। सच्चा कवि ब...ईमानदारी से ही लिखिए, बेईमानी से नहीं। सच्चा कवि बेईमान हो ही नहीं सकता। और सच्चा कवि सहज-स्वाभाविक रूप से अपने आपको अभिव्यक्त करता है, वह किसी और के द्वारा लेखनी पकड़वाई जाने से नहीं लिख सकता। कवि मन झांसा भी नहीं देता। कालजयी कविता और वास्तविक काव्य-तत्व की खोज करने की आवश्यकता नहीं, जो सच्चा कवि है, वे उसके भीतर ही होते हैं ठीक उसी तरह जिस तरह कस्तूरी-मृग की कस्तूरी उसकी नाभि के भीतर ही होती है। जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-58094095356111016502021-08-01T10:06:41.384+05:302021-08-01T10:06:41.384+05:30अदभुद लेखन। अदभुद लेखन। सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15372756774259927062021-08-01T10:05:46.112+05:302021-08-01T10:05:46.112+05:30जब तक कुछ होने की अभिलाषा है तब तक कुछ रचने की आशा...जब तक कुछ होने की अभिलाषा है तब तक कुछ रचने की आशा है, जब मिटना आ जाता है तब लिखना छूट जाता है, कोई लिखवा लेता है, आपकी रचनाएँ कुछ ऐसी ही होती हैं न!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com