tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post8161764863778798075..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: कल -कविता .......Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-22711861021992562992016-03-05T08:49:56.694+05:302016-03-05T08:49:56.694+05:30बड़ा असमंजस है भाई कविता पढ़ने में. अंदर में कुछ चटक...बड़ा असमंजस है भाई कविता पढ़ने में. अंदर में कुछ चटकने लगता है.. Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-61595969013389229332016-02-05T15:36:12.274+05:302016-02-05T15:36:12.274+05:30सच है इधार्र उधर भटक के कविता बुला ही लेती ही अपने...सच है इधार्र उधर भटक के कविता बुला ही लेती ही अपने पास ... सर्जन अपना आकर्षण खोने नहीं देता ... शायद जीवन भी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-43878720998776065212016-02-02T20:41:18.749+05:302016-02-02T20:41:18.749+05:30बहुत ही सुंदर रचना । बहुत ही सुंदर रचना । Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-32746878281711028612016-02-01T16:52:02.459+05:302016-02-01T16:52:02.459+05:30संभवत: कह रहा हो बसंत कि गंध को अब मत लौटाओ
मंजरिय...संभवत: कह रहा हो बसंत कि गंध को अब मत लौटाओ<br />मंजरियों के संग महक कर , मंद -मंद ही मगर मुस्काओ<br />कितने दिन हैं बीते , स्वयं बन कर एक प्रारम्भ फिर आओ<br />ओ' कल-कल करती कविता न सही 'कल -कविता' ही गाओ .<br />...रुक जाना मना है जिंदगी चलते रहने का नाम है ..<br />बहुत सुन्दर ... <br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-27008252503218589302016-01-31T13:18:09.925+05:302016-01-31T13:18:09.925+05:30वाह....बेहतरीन और कुछ अलग सा शब्द विन्यास....बहुत ...वाह....बेहतरीन और कुछ अलग सा शब्द विन्यास....बहुत बहुत बधाई.....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-74271828554153429882016-01-31T11:19:26.791+05:302016-01-31T11:19:26.791+05:30कुछ शब्दों के नए रूपों का प्रयोग आपकी कविताओं की प...कुछ शब्दों के नए रूपों का प्रयोग आपकी कविताओं की प्रभावशीलता में वृद्धि करते हैं ।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-69977120600374150322016-01-31T06:39:06.039+05:302016-01-31T06:39:06.039+05:30अच्छा हुआ आपने सारी बात ख़ुद ही कह डाली. वरना शिका...अच्छा हुआ आपने सारी बात ख़ुद ही कह डाली. वरना शिकायत तो हम सभी को थी. :)Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-76013332259666982922016-01-30T19:20:14.999+05:302016-01-30T19:20:14.999+05:30गहन और अर्थपूर्ण काव्य रचना गहन और अर्थपूर्ण काव्य रचना डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-70479692201453245722016-01-30T13:09:02.237+05:302016-01-30T13:09:02.237+05:30Bahut sunderBahut sunderAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/16550236924589424468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-81124714327693717812016-01-30T12:37:44.987+05:302016-01-30T12:37:44.987+05:30बड़ा असमंजस है , क्यों ह्रदय है रोता ?
वही अस्फुट ग...बड़ा असमंजस है , क्यों ह्रदय है रोता ?<br />वही अस्फुट गूँज है ,ओ' नयन न सोता<br />मर्मस्पर्शी ....बहुत गहरी पंक्तियाँसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-60417462594876674692016-01-29T17:46:34.407+05:302016-01-29T17:46:34.407+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (30-01-2016)...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (30-01-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "प्रेम-प्रीत का हो संसार" (चर्चा अंक-2237) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-40241103339891473452016-01-29T15:21:48.206+05:302016-01-29T15:21:48.206+05:30देखिये, वेदना हुयी तो कविता बही न!देखिये, वेदना हुयी तो कविता बही न!प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39026645041561960932016-01-29T14:56:03.942+05:302016-01-29T14:56:03.942+05:30हां यह तो होना ही है, जब मन इतने भावों-विचारों से ...हां यह तो होना ही है, जब मन इतने भावों-विचारों से भर-उबर रहा हो। तब भी इस भरन-उबरन को भ्ाी आपने कल-कविता बनाकर बहुत सुन्दर प्रतीति कराई। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-75344309626083937532016-01-29T13:53:12.510+05:302016-01-29T13:53:12.510+05:30बहुत दिनों बाद आपको पढ़कर अच्छा लग रहा है..कविता तो...बहुत दिनों बाद आपको पढ़कर अच्छा लग रहा है..कविता तो अपनी मर्जी से आती है..दिल की गहराइयों में छुपी सही पल की प्रतीक्षा करती..सुंदर रचना !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-36141339866041504612016-01-29T02:01:02.035+05:302016-01-29T02:01:02.035+05:30सुन्दर रचना ।सुन्दर रचना ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-18892065096086992362016-01-29T02:00:36.455+05:302016-01-29T02:00:36.455+05:30सुन्दर रचना ।सुन्दर रचना ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.com