tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post81484917955428510..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: पीवत जो बसंतरस लगी खुमारी .....Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-37605606735814120102015-04-03T15:40:01.248+05:302015-04-03T15:40:01.248+05:30बहुत सुन्दर ..वासंती चित्रण ने तो मन मोह ही लियो
...बहुत सुन्दर ..वासंती चित्रण ने तो मन मोह ही लियो <br />जय श्री राधे <br />भ्रमर ५ Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11199696826720539842015-02-15T07:48:38.534+05:302015-02-15T07:48:38.534+05:30Welcome Basant! Welcome Basant! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-50945527040687020842015-02-10T11:11:00.726+05:302015-02-10T11:11:00.726+05:30बहुत बहुत खूब...बहुत बहुत खूब...dr.sunil k. "Zafar "https://www.blogger.com/profile/13096911048421117572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-53688765002577026642015-02-02T19:59:15.859+05:302015-02-02T19:59:15.859+05:30बहुत सुंदर ... बहुत सुंदर ... Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-70896166881523706242015-02-02T13:50:15.171+05:302015-02-02T13:50:15.171+05:30बसंत का जादू सिर चढ़ कर बोलने लगा है..खूबसूरत रचना....बसंत का जादू सिर चढ़ कर बोलने लगा है..खूबसूरत रचना..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24293848324159832792015-02-02T00:20:44.205+05:302015-02-02T00:20:44.205+05:30अहा, बहुत सुंदर प्रस्तुति। http://natkhatkahani.b...अहा, बहुत सुंदर प्रस्तुति। http://natkhatkahani.blogspot.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-27929875688168177732015-02-01T22:38:51.533+05:302015-02-01T22:38:51.533+05:30अहा-अहा बहुत खूबसूरत रचना … हिय की अमराई में बौर...अहा-अहा बहुत खूबसूरत रचना … हिय की अमराई में बौरा उठा बसंत … संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-78456124803537477872015-02-01T14:11:01.860+05:302015-02-01T14:11:01.860+05:30बसंत का सुन्दर चित्रण...बसंत का सुन्दर चित्रण...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44681585105640159362015-02-01T14:07:13.075+05:302015-02-01T14:07:13.075+05:30बासंती मौसम के भाव को संजोय सुंदर प्रस्तुति।बासंती मौसम के भाव को संजोय सुंदर प्रस्तुति।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6536691022170599482015-02-01T12:54:15.532+05:302015-02-01T12:54:15.532+05:30पहले भी लिख चुके हैं और अब भी लिख रहे हैं आपकी कलम...पहले भी लिख चुके हैं और अब भी लिख रहे हैं आपकी कलम में अमृता जी अद्भुत क्षमता है। कभी नागार्जुन का व्यंग्य, कभी समकालीन कवि बन वर्तमान का वास्तव, कभी महादेवी का दुःख-दर्द-पीडा तो कभी मीरां का कृष्णमय होना।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-26685898067672268302015-02-01T12:15:31.118+05:302015-02-01T12:15:31.118+05:30अहा, सुन्दर.... बहुत सुन्दर अहा, सुन्दर.... बहुत सुन्दर डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30067724933390115862015-02-01T04:34:03.476+05:302015-02-01T04:34:03.476+05:30झरत दसहुँ दिस मोती
मुट्ठी भर हुलास भयो होती
झीनी-...झरत दसहुँ दिस मोती<br />मुट्ठी भर हुलास भयो होती<br /><br />झीनी-झीनी परत प्रेम फुहार<br />चेति उड़ियो पंख पसार<br /><br />कहा कहूँ इस देस की<br />प्रेम-रंग-रस ओढ़े भेस की<br /><br />चहुंओर अमरित बूंद की आंच<br />सांच सांच सो सांच<br /><br />बहुत खूबसूरत भाव अमृता जी Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52053109985223609422015-02-01T00:21:53.534+05:302015-02-01T00:21:53.534+05:30आहा...इस पर क्या कहा जाय सिवाय ग़ालिब के इन शब्दों ...आहा...इस पर क्या कहा जाय सिवाय ग़ालिब के इन शब्दों के -<br /><br />करता है बसके बाग़ में तू बेहिजाबियाँ <br />आने लगी है नकहत-ऐ-गुल से हया मुझे...ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-88425621552082564582015-01-31T19:38:45.499+05:302015-01-31T19:38:45.499+05:30बहुत सुन्दर खुमारी। बहुत सुन्दर गीतगान।बहुत सुन्दर खुमारी। बहुत सुन्दर गीतगान।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-53925342897394136422015-01-31T18:52:27.794+05:302015-01-31T18:52:27.794+05:30तभी तो बुल्ले शाह भी कहने से अपने को रोक नहीं पाये...तभी तो बुल्ले शाह भी कहने से अपने को रोक नहीं पाये <br /><br />बुल्लिहआ शौह दी सेज पिआरी,<br />नी मैं तारनहारे तारी<br />किंवे किंवे मेरी आई वारी <br />हुंण विछ्ड़नं होइआ मुहाल नी …। <br />Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-29735202892811013172015-01-31T17:24:49.702+05:302015-01-31T17:24:49.702+05:30सार्थक प्रस्तुति।
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा क...सार्थक प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (01-02-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "जिन्दगी की जंग में" (चर्चा-1876) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-20407162383184402012015-01-31T14:17:20.604+05:302015-01-31T14:17:20.604+05:30झीनी-झीनी परत प्रेम फुहार
चेति उड़ियो पंख पसार ..
ब...झीनी-झीनी परत प्रेम फुहार<br />चेति उड़ियो पंख पसार ..<br />बसंत, बहार ... प्रेम फुहार ... मन पखेरू उड़ो हमार ...<br />बहुत ही सुन्दरता से गढ़े छंद ... मज़ा आ गया ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com