tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post7800562651126458905..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: प्रेम कलह के इस रुत में ........Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-17672135131711304982021-02-20T15:32:18.339+05:302021-02-20T15:32:18.339+05:30मन के भावों का सटीक चित्रणमन के भावों का सटीक चित्रणसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15648049736303559002021-02-16T20:21:27.293+05:302021-02-16T20:21:27.293+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति बहुत अच्छी प्रस्तुति आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-84862256753925339542021-02-11T04:17:22.319+05:302021-02-11T04:17:22.319+05:30कोमल शब्दों के प्रवाह से साथ विरह और प्रेम की अंतर...कोमल शब्दों के प्रवाह से साथ विरह और प्रेम की अंतर्धाराएँ कितने ही रंगों के साथ चली आई हैं. 'चिड़ियों की चहचहाहट,उलाहनों की तान हो गई है.' इसे पढ़ कर लगता है कि प्रेमी मन खिड़की पर खड़ा है.<br />बहुत सुंदर. <br /><br />Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44013839531912166062021-02-09T15:52:42.680+05:302021-02-09T15:52:42.680+05:30सुंदर बहुत ही सुंदर रचना, अति उत्तम नमनसुंदर बहुत ही सुंदर रचना, अति उत्तम नमनज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79821221095228522822021-02-07T18:08:30.286+05:302021-02-07T18:08:30.286+05:30विरह और प्रेम को प्रखर रूप से प्रस्तुत करती सुंदर ...विरह और प्रेम को प्रखर रूप से प्रस्तुत करती सुंदर रचना। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। ।।।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73243297547767428412021-02-07T08:18:16.077+05:302021-02-07T08:18:16.077+05:30भावों की जादूगरी से भरी गागर से उपालम्भ भाव का पक्...भावों की जादूगरी से भरी गागर से उपालम्भ भाव का पक्ष खूबसूरती से मुखरित हुआ है ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-31708720367238805642021-02-06T17:26:57.750+05:302021-02-06T17:26:57.750+05:30विरह, पीड़ा, उपालंभ, चिरोरी सब एक साथ एक रचना में ...विरह, पीड़ा, उपालंभ, चिरोरी सब एक साथ एक रचना में बहुत सुंदर विरह श्रृंगार सृजन।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30086789484233167572021-02-06T17:12:10.657+05:302021-02-06T17:12:10.657+05:30प्रेम कलह वो भी बसंत में...वाह अमृता जी, क्या खूब ...प्रेम कलह वो भी बसंत में...वाह अमृता जी, क्या खूब लिखा... प्रेम कलह के इस रुत में<br /><br />पल-पल , कलकल , लगन आयुत में<br /><br />हास-उपहास , राग-उपराग हुआ है<br /><br />कल्प कलेवरों का , खेल-खिलौना<br /><br />जैसे कनखी ही कनखी में <br /><br />हो रहा हो , कोई नेही टोटका-टोना...वाहAlaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39804921278170698642021-02-06T13:16:18.325+05:302021-02-06T13:16:18.325+05:30प्रेम कलह के इस रुत में
हर पल रहती हूँ ,तेरे ही य...प्रेम कलह के इस रुत में<br /><br />हर पल रहती हूँ ,तेरे ही युत में<br /><br />तुमसे मैं भी लड़ती , मन ही मन में<br /><br />क्या कहूँ ? तेरे बिना , कुछ नहीं है जीवन में<br />बहुत सुंदर सृजन, अमृता दी।<br />Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-8297328520972403942021-02-06T11:58:47.227+05:302021-02-06T11:58:47.227+05:30अति सुंदर,स्त्री मन के भावों का सटीक चित्रण,सादर अति सुंदर,स्त्री मन के भावों का सटीक चित्रण,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-83987800427808634202021-02-06T01:02:28.208+05:302021-02-06T01:02:28.208+05:30जितनी जल्दी हो सके , तुम आना
अपनी सौं , कोई कलह न ...जितनी जल्दी हो सके , तुम आना<br />अपनी सौं , कोई कलह न करूं मैं तुमसे<br />बस , मिलन रुत संग लिए आना .<br /><br />वाह!!!<br />मधुरतम रचना !!!<br />साधुवाद अमृता जी 🌹🙏🌹Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-53550256519169650842021-02-05T22:24:37.300+05:302021-02-05T22:24:37.300+05:30बस , मिलन रुत संग लिए आना .
वाह👌👌👌 आकंठ अनुरा...बस , मिलन रुत संग लिए आना . <br />वाह👌👌👌 आकंठ अनुरागरत मन की मधुर मनुहार्!!!! रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-67070623631157699522021-02-05T20:48:08.472+05:302021-02-05T20:48:08.472+05:30आने वाले वसन्त की माधवी को नमन।आने वाले वसन्त की माधवी को नमन।A raihttps://www.blogger.com/profile/02520423681672311468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-72346245637818153092021-02-05T18:21:20.851+05:302021-02-05T18:21:20.851+05:30प्रेम में पगी लाजवाब रचना। प्रेम में पगी लाजवाब रचना। Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-74524597744134409242021-02-05T18:18:23.346+05:302021-02-05T18:18:23.346+05:30व्वाहहह..
जितनी जल्दी हो सके , तुम आना
अपनी सौं , ...व्वाहहह..<br />जितनी जल्दी हो सके , तुम आना<br />अपनी सौं , कोई कलह न करूं मैं तुमसे<br />बस , मिलन रुत संग लिए आना . <br />सादर।.yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24380261083087415882021-02-05T17:23:36.171+05:302021-02-05T17:23:36.171+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०५-०२-२०२१) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> 'स्वागत करो नव बसंत को' (चर्चा अंक- ३९६९)</a> पर भी होगी।<br /><br />आप भी सादर आमंत्रित है। <br />--<br />अनीता सैनी अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-83126437282756762552021-02-05T11:08:50.735+05:302021-02-05T11:08:50.735+05:30प्रेम कलह के इस रुत में
हर पल रहती हूँ , तेरे ही...प्रेम कलह के इस रुत में<br /><br />हर पल रहती हूँ , तेरे ही युत में<br /><br />तुमसे मैं भी लड़ती , मन ही मन में<br /><br />क्या कहूँ ? तेरे बिना , कुछ नहीं है जीवन में<br /><br />मेरे प्राणप्यारे परदेशी पिया !<br /><br />जितनी जल्दी हो सके , तुम आना<br /><br />अपनी सौं , कोई कलह न करूं मैं तुमसे<br /><br />बस , मिलन रुत संग लिए आना . <br />..वाह !! अमृता जी नारी मन के प्रेम प्रणय पीड़ा व्यथा को बहुत ही सादगी से निरूपित कर दिया आपने..सुंदर अति सुंदर..जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-80029171539086860932021-02-05T10:20:17.005+05:302021-02-05T10:20:17.005+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना आज शुक्रवार 5 फरवरी 202...जी नमस्ते,<br /><i><b> आपकी लिखी रचना आज शुक्रवार 5 फरवरी 2021 को साझा की गई है.........<a href="https://mannkepaankhi.blogspot.com/" rel="nofollow"> "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर </a>आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! </b></i>,Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-19620942762951925482021-02-05T10:19:57.428+05:302021-02-05T10:19:57.428+05:30बेहतरीन लेखन..
सादर प्रणामबेहतरीन लेखन..<br /><br />सादर प्रणाममन जैसा कुछhttps://www.blogger.com/profile/03267889928959025169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-31404926269856306092021-02-05T09:53:52.912+05:302021-02-05T09:53:52.912+05:30लाजवाब लाजवाब सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-35940174166011712692021-02-05T09:00:34.106+05:302021-02-05T09:00:34.106+05:30बहुत सुंदर सृजन।🌻👌बहुत सुंदर सृजन।🌻👌शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.com