tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post7204063292354211835..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: मेरा पद्म तुम्हें भर लेगा...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-34025093540442140542012-07-24T21:05:06.256+05:302012-07-24T21:05:06.256+05:30रचना में कवयित्री अपनी बात को अपने प्रियतम तक पहुँ...रचना में कवयित्री अपनी बात को अपने प्रियतम तक पहुँचाने के लिए कुलाचे भर्ती है .जिस प्यार को सीधा सीधा व्यक्त नहीं कर सकती उसे कविता के माध्यम से व्यक्त करती है .जिसे रूपक कहतें उसे सही ढंग से निबाह गई .है कविता .भाव यह है तुम जैसे भी हो मुझे स्वीकार्य हो .चापड़ पापड कुछ भी .पहली कविता में शतदल ,पद्म,कमल सभी तो हृदय का प्रतीक हैं .कविता में अपने प्रियतम को पाने की लालसा अधिक प्रबल है .बीच में कवयित्री संस्कृत के तत्सम शब्द ले आती है ,घुमाती रहती है बात को सीधे न कहकर प्रियतम पे ढाल देती है .समर्पित खुद है कविता के माध्यम से कहती है तुम समर्पण करो तो हृदय में बसा लूं अंक में भर लूं एक युवती की प्रगाढ़ प्रेम की लालसा हर कविता में प्रतिबिंबित है यहाँ .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15390489352652226342012-07-24T19:18:59.968+05:302012-07-24T19:18:59.968+05:30भाव अर्थ और व्यंजना में अमृता जी का ज़वाब नहीं हर ...भाव अर्थ और व्यंजना में अमृता जी का ज़वाब नहीं हर रचना अपना अलग पैरहन शब्दों का लिबास लिए आती है नए बिम्ब बिछाती है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-10997168510538661162012-07-22T22:14:10.320+05:302012-07-22T22:14:10.320+05:30बड़ी सुंदर रचना है यह ...
बधाई आपको !बड़ी सुंदर रचना है यह ...<br />बधाई आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77316989716103391132012-07-22T17:03:14.693+05:302012-07-22T17:03:14.693+05:30सुब्दर शब्दों और भावों की अभिव्यक्ति का मिश्रण है ...सुब्दर शब्दों और भावों की अभिव्यक्ति का मिश्रण है लाजवाब रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-74147515584115452752012-07-22T16:30:09.682+05:302012-07-22T16:30:09.682+05:30माना एक से बढ़ एक चुभन है
चंचल चित्त उद्वेलि...माना एक से बढ़ एक चुभन है<br />चंचल चित्त उद्वेलित चिंतन है<br />पर कोई सुन्दर स्वप्न सुनहला<br />ये कमल किलक दिखा जाएगा<br /> bahut hee sundar bhav,badhai.S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-78132539308074111562012-07-22T15:18:57.083+05:302012-07-22T15:18:57.083+05:30Adbhut....Adbhut....Prakash Jainhttps://www.blogger.com/profile/04801182284591806629noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-58948406716364701962012-07-22T13:51:07.006+05:302012-07-22T13:51:07.006+05:30bahut khoob ..bahut khoob ..Ruchi Jainhttps://www.blogger.com/profile/13565145854196414405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56984564934959795902012-07-22T10:57:18.536+05:302012-07-22T10:57:18.536+05:30गिरने दो अपनी अहं - दीवारें
सम्पूर्ण - समर्पण...गिरने दो अपनी अहं - दीवारें<br />सम्पूर्ण - समर्पण की राहों में<br />तब मेरा पद्म तुम्हें भर लेगा<br />मूक -मिलन के मधुर बाँहों में.<br /><br />गहन भावाभिव्यक्ति. सुंदर शब्दों से सजा सुंदर गीत.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-47695684350884758372012-07-22T00:01:57.570+05:302012-07-22T00:01:57.570+05:30मत घबराओ निज हाथ बढ़ाओ
मिट जाओ इन्हीं शाश्वत ...मत घबराओ निज हाथ बढ़ाओ<br />मिट जाओ इन्हीं शाश्वत चाहों में<br />तब मेरा पद्म तुम्हें भर लेगा<br />मूक -मिलन के मधुर बाँहों में .<br /><br />वाह ...उत्कृष्ट भाव....बेहतरीन शब्द चयन .... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-76446119095334674732012-07-21T23:25:32.978+05:302012-07-21T23:25:32.978+05:30Great blog! Very stylish and well diversified. :)
...Great blog! Very stylish and well diversified. :)<br />Welcome to my blog: http://photographyismyexistence.blogspot.com/<br />Yours. Patricja [;Patrycja (photoopassion)https://www.blogger.com/profile/14804502869020832592noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-84437349581337115772012-07-21T22:40:54.796+05:302012-07-21T22:40:54.796+05:30gahre bhaavo se bindhi sunder mala si ye kavita.gahre bhaavo se bindhi sunder mala si ye kavita.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-25321926999029652412012-07-21T21:32:32.151+05:302012-07-21T21:32:32.151+05:30आपकी कुछ कविताएं निःशब्द कर देती हैं। सिर्फ मौन और...आपकी कुछ कविताएं निःशब्द कर देती हैं। सिर्फ मौन और अनुभूति बचती है। स्वागत है।वृजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14993147600916233758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-40384762474669867092012-07-21T21:27:41.649+05:302012-07-21T21:27:41.649+05:30सुन्दर प्रकृति का चित्रण बहुत गहन भावाभिव्यक्ति......सुन्दर प्रकृति का चित्रण बहुत गहन भावाभिव्यक्ति...<br /><br />गिरने दो अपनी अहं - दीवारें<br />सम्पूर्ण - समर्पण की राहों मेंRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-16086017501428241012012-07-21T21:06:00.981+05:302012-07-21T21:06:00.981+05:30अद्भुत लेखन | वाह |अद्भुत लेखन | वाह |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4018256877360982572012-07-21T20:44:26.126+05:302012-07-21T20:44:26.126+05:30बहुत खूबसूरत रचना....बहुत खूबसूरत रचना....amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-10078400188026983782012-07-21T18:22:58.739+05:302012-07-21T18:22:58.739+05:30शब्द - शब्द से कुछ भी न कहो
असह्य वेदना का ...शब्द - शब्द से कुछ भी न कहो<br />असह्य वेदना का अनुताप सहो<br />तेरी धड़कनों की आह का स्वर<br />ये सरसिज स्वयं में पा जाएगा......बहुत गहन भावाभिव्यक्ति...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-19741019407634762132012-07-21T18:08:07.845+05:302012-07-21T18:08:07.845+05:30बेहतरीन प्रस्तुति।बेहतरीन प्रस्तुति।VIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-74183690922966857662012-07-21T17:51:15.410+05:302012-07-21T17:51:15.410+05:30गिरने दो अपनी अहं - दीवारें
सम्पूर्ण - समर्पण...गिरने दो अपनी अहं - दीवारें<br />सम्पूर्ण - समर्पण की राहों में<br />तब मेरा पद्म तुम्हें भर लेगा<br />मूक -मिलन के मधुर बाँहों में<br />.....कितनी सुन्दर पंक्तियाँ ......सच कितना ज़रूरी है ...मैं को हम बनाना ....तभी पूर्ण समर्पण संभव है ....बहुत सुन्दर !!!!!Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79817133099636265222012-07-21T16:38:26.324+05:302012-07-21T16:38:26.324+05:30शब्द - शब्द से कुछ भी न कहो
असह्य वेदना का ...शब्द - शब्द से कुछ भी न कहो<br />असह्य वेदना का अनुताप सहो<br />तेरी धड़कनों की आह का स्वर<br />ये सरसिज स्वयं में पा जाएगा... बस अहम् की दीवार तोड़ दोरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71412083256115183212012-07-21T15:56:47.112+05:302012-07-21T15:56:47.112+05:30कितना मृदुल - मोहक है ये पाश
चहुँ ओर प्रिय! लखे ...कितना मृदुल - मोहक है ये पाश<br />चहुँ ओर प्रिय! लखे तेरा ही भास<br />जिसपर गर्वित रूप कर निछावर<br />ये नंदित नलिन निखरा जाएगा<br /><br />...अद्भुत रचना..बहुत गहन भावाभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39966952891327073372012-07-21T15:41:37.713+05:302012-07-21T15:41:37.713+05:30gOOD..
aDVITEEYA rACHANA ...
nEW pOST -"aBLA...gOOD..<br />aDVITEEYA rACHANA ...<br /><br />nEW pOST -"aBLA kAOUN" <br />http://yayavar420.blogspot.in/Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08476573657651306434noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-21074355138771561952012-07-21T15:38:29.134+05:302012-07-21T15:38:29.134+05:30सुन्दर पोस्ट।सुन्दर पोस्ट।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-51339361844228700442012-07-21T11:23:40.357+05:302012-07-21T11:23:40.357+05:30मत घबराओ निज हाथ बढ़ाओ
मिट जाओ इन्हीं शाश्वत ...मत घबराओ निज हाथ बढ़ाओ<br />मिट जाओ इन्हीं शाश्वत चाहों में<br />तब मेरा पद्म तुम्हें भर लेगा<br />मूक -मिलन के मधुर बाँहों में .<br />सशक्त भाव लिए उत्कृष्ट प्रस्तुति ...आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-82278355180349261022012-07-21T11:08:22.169+05:302012-07-21T11:08:22.169+05:30विगत -आगत से तुम विरत रहो
जिधर मैं खींचू बस उध...विगत -आगत से तुम विरत रहो<br />जिधर मैं खींचू बस उधर ही बहो<br />मंद -मदिर सा अधीर समीर में<br />ये पुलकित पंक लहरा जाएगा<br /><br />शब्द-शब्द मोती जैसी आभा से दमकता हुआ... बहुत सुन्दर भाव...आभार अमृताजीसंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24379050261022660582012-07-21T11:07:40.537+05:302012-07-21T11:07:40.537+05:30साक्षात मुरली मनोहर की आवाज़ ....धन्य हुए आज आपकी ...साक्षात मुरली मनोहर की आवाज़ ....धन्य हुए आज आपकी कविता पढ़ कर ...दिव्य रूप कविता का ...इतना समर्पण ..अद्भुत राह पर ले चली ये कविता आपकी ...और हम निशब्द हो साथ चल रहे हैं ...आप तक पहुंचने के लिये ...सुखद अनूभुति है ...बस पढ़ते हैं आपको ...गुन गुन गुनते भी है ...<br />बहुत आभार इस कविता के लिये ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com