tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post529867868020897686..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: कैसे भेंट करूँ? ........Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73470993937197395932022-05-19T06:31:36.503+05:302022-05-19T06:31:36.503+05:30प्रेम की भक्ति में परिणति हो रही है, सब स्वीकार हो...प्रेम की भक्ति में परिणति हो रही है, सब स्वीकार होगा ही! Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-35784028674955342692022-02-01T08:59:19.829+05:302022-02-01T08:59:19.829+05:30तुम्हें ही स्वीकार किया है ।
अंगीकार किया है ।।//
...तुम्हें ही स्वीकार किया है ।<br />अंगीकार किया है ।।//<br />वाह क्या बात है प्रिय जिज्ञासा जी 👌👌👌<br />प्रेम की कोई सटीक परिभाषा होती कहां है। सच में निराकार ब्रह्म ही तो है प्रेम 🙏रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52622040341203758212022-01-31T14:49:59.644+05:302022-01-31T14:49:59.644+05:30लाजवाब सृजनलाजवाब सृजनसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39659565762790142982022-01-29T17:43:00.152+05:302022-01-29T17:43:00.152+05:30अमृता जी आपकी रचना को समर्पित मेरे भाव💐💐
ओह! प्र...अमृता जी आपकी रचना को समर्पित मेरे भाव💐💐<br />ओह! प्रेम ?<br />पहचानती नहीं तुम्हें, <br />फिर भी चाहती कुशल क्षेम ।।<br />जानती हूं तुम निराकार ब्रह्म हो ।<br />फिर भी मेरे जीवन का आरंभ हो ।।<br />तुम्हें स्वीकार किया है ।<br />अंगीकार किया है ।।<br />तुमने कहा था जीवन एक तपस्या है ।<br />शेष सब मिथ्या है ।।<br />तुम्हारे कहे पे चल रही हूं ।<br />दिए की भांति जल रही हूं ।।<br />कहीं ये पड़ाव तो नहीं ।<br />भावनाओं का बहाव तो नहीं ।।<br />डूब गई तो क्या होगा ?<br />शायद वहीं हमारा मिलन है जहां भंवर होगा ।।👏👏जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15753524451669074492022-01-23T09:02:49.390+05:302022-01-23T09:02:49.390+05:30वाह और सिर्फ वाह प्रिय श्वेता 👌👌👌🌷🌷❤️❤️वाह और सिर्फ वाह प्रिय श्वेता 👌👌👌🌷🌷❤️❤️रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-85723143460320037562022-01-22T23:42:56.718+05:302022-01-22T23:42:56.718+05:30मिलते जुलते भाव 🙏
क्या दूं प्रिय! उपहार तुम्हें?...मिलते जुलते भाव 🙏<br /><br />क्या दूं प्रिय! उपहार तुम्हें?<br />जब सर्वस्व पे है अधिकार तुम्हें<br />मेरी हर प्रार्थना में तुम हो<br />निर्मल अभ्यर्थना में तुम हो<br />तुम्हें समर्पित हर प्रण मेरा<br />माना जीवन आधार तुम्हें<br />मुझमें -तुझमें क्या अंतर अब!<br /> कहां भिन्न दो मन-प्रांतर अब<br />क्या शेष रहा भीतर मेरे<br />जीता है सब कुछ हार तुम्हें<br />मेरे साथ मेरे सखा तुम्हीं<br />मन की पीड़ा की दवा तुम्हीं<br />क्यों आस कोई जग से रखूं<br />जब सौंपा सब उर भार तुम्हें<br />🌷🌷🙏🌷🌷🙏🌷🌷<br /><br />रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-54525924023925506072022-01-22T23:41:39.553+05:302022-01-22T23:41:39.553+05:30अंतस से निसृत कोमलतम भावों की बहुत ही सुन्दर अभिव्...अंतस से निसृत कोमलतम भावों की बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति अमृता जी। प्रेम की सबसे आनंददायी अवस्था वही है जहां स्व का आभास मिट कर दूसरे की सत्ता में विलीन हो एकाकार हो जाता है। सर्वस्व समर्पण की कामना में डूबे हुए हृदय के मधुर उदगारों की मोहक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको 🙏🌷🌷🌷🌷रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-75567616047808517682022-01-21T23:37:57.957+05:302022-01-21T23:37:57.957+05:30बहुत बहुत सुन्दर मधुर रचना बहुत बहुत सुन्दर मधुर रचना आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-23879430716210450242022-01-21T19:44:57.330+05:302022-01-21T19:44:57.330+05:30बहुत खूबसूरत वर्णन लाजवाबबहुत खूबसूरत वर्णन लाजवाबPreeti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/13642634669489250744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-65811319474139233812022-01-21T18:19:32.703+05:302022-01-21T18:19:32.703+05:30मेरे तेजस्व !
हाँ ! निज देवस्व
देना है तुम्हें
सुं...मेरे तेजस्व !<br />हाँ ! निज देवस्व<br />देना है तुम्हें<br />सुंदर रचना..<br />सादर नमन.Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-19492099759433905602022-01-21T15:18:59.274+05:302022-01-21T15:18:59.274+05:30मेरे तेजस्व !
हाँ ! निज देवस्व
देना है तुम्हें
अब ...मेरे तेजस्व !<br />हाँ ! निज देवस्व<br />देना है तुम्हें<br />अब तो कहो !<br />कैसे भेंट करूँ ?<br />प्रेम भक्ति और समर्पण से ओतप्रोत लाजवाब सृजन<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-23900850205767474052022-01-21T15:17:04.984+05:302022-01-21T15:17:04.984+05:30तुम ही कहो !
तुम्हें देने के लिए
बिन कुछ भेंट लिए
...तुम ही कहो !<br />तुम्हें देने के लिए<br />बिन कुछ भेंट लिए<br />कैसे मैं चली आती ?<br />लाज के मारे ही<br />कहीं ये धड़कन <br />धक् से रूक न जाती !<br />अद्वितीय..<br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-8636866304569337392022-01-21T14:23:35.492+05:302022-01-21T14:23:35.492+05:30बहुत सुंदर रचना, मुग्ध करते भाव, सुंदर शब्द समायोज...बहुत सुंदर रचना, मुग्ध करते भाव, सुंदर शब्द समायोजन।<br />देवस्व कहाँ निज का होता है, तेजस्व का तेजस्व को अर्पित कैसे करना बस यही समझना है।<br />अप्रतिम।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-88420473072241423912022-01-21T13:17:18.871+05:302022-01-21T13:17:18.871+05:30तुम्हें छूने के लिए
कोमल से कोमलतम
स्पर्श लाई ह...तुम्हें छूने के लिए<br /><br />कोमल से कोमलतम <br /><br />स्पर्श लाई हूँ !<br /><br />कैसे भेंट करूँ ?<br /><br />संग-संग इक<br /><br />झिझक भी लाई हूँ !बेहद खूबसूरत गीत।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-46949270432144736702022-01-21T12:31:32.116+05:302022-01-21T12:31:32.116+05:30सुंदर गीत।सुंदर गीत।Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77872029130055141172022-01-21T12:06:04.783+05:302022-01-21T12:06:04.783+05:30सुन्दर प्रेम-गीत !
'विरह जनित
मैं झक ही लाई ...सुन्दर प्रेम-गीत ! <br />'विरह जनित<br /><br />मैं झक ही लाई हूँ !' <br />के स्थान पर कुछ और होता तो बेहतर होता. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-70443648312645258152022-01-21T10:51:05.613+05:302022-01-21T10:51:05.613+05:30विरह की गहनतम अभिव्यक्ति ।
बिना उपहार स्वयं को नि...विरह की गहनतम अभिव्यक्ति । <br />बिना उपहार स्वयं को निष्प्राण कर मिलना भी नहीं चाहतीं । चरमसीमा है प्रेम की । <br />यादों के बवंडर में डूबते हुए भावनाओं को खूबसूरत शब्दों का पैरहन दिया है । <br />🙏🙏संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71098545688673843192022-01-21T10:17:52.016+05:302022-01-21T10:17:52.016+05:30बहुत ही शानदार रचनाबहुत ही शानदार रचनाSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-59349170825239717832022-01-21T07:21:12.048+05:302022-01-21T07:21:12.048+05:30समर्पण भाव से युक्त मनमोहक भक्ति गीत। समर्पण भाव से युक्त मनमोहक भक्ति गीत। Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-41888551987048177092022-01-20T18:51:50.069+05:302022-01-20T18:51:50.069+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २१ जनवरी २०२२ क...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना शुक्रवार २१ जनवरी २०२२ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-32242483340287996292022-01-20T18:35:53.171+05:302022-01-20T18:35:53.171+05:30वाहवाहसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57430815189119032002022-01-20T17:26:26.079+05:302022-01-20T17:26:26.079+05:30वाह!वाह!गज़ब तारीफ़ करूँ क्या आपके सृजन की डूब कर लि...वाह!वाह!गज़ब तारीफ़ करूँ क्या आपके सृजन की डूब कर लिखते हो। शब्द-शब्द मुग्ध करता।<br /><br />तुम्हें छूने के लिए<br />कोमल से कोमलतम <br />स्पर्श लाई हूँ!... वाह!<br /><br />आपको भी बहुत बहुत सारा स्नेह अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-14469554870628466572022-01-20T16:50:57.315+05:302022-01-20T16:50:57.315+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (२१-०१ -२०२२ ) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />'कैसे भेंट करूँ? '(चर्चा अंक-४३१६)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है। <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-70032886503881499832022-01-20T12:04:55.191+05:302022-01-20T12:04:55.191+05:30अत्यंत कोमल भाव और समर्पण का सुंदर गीत।
------
गुल...अत्यंत कोमल भाव और समर्पण का सुंदर गीत।<br />------<br />गुलाब या पंखुड़ियाँ,<br />बांसुरी या झंखडियाँ<br />मत करो तूम भेंट<br />सुगंधी या ध्वनियाँ<br />स्पर्श या झिझकियाँ<br />क्षणिक सांसारिक घड़ियाँ<br />सुनो! तुम उपहार में<br />ले आओ न कुछ प्रार्थनाएँ<br />जिसके पवित्र शब्दों के मध्य<br />गूँजे हमारे प्रेम की लहरियाँ<br />प्रकृति के कण-कण में रचे <br />शाश्वत आलाप की कड़ियाँ।<br />-----<br />सस्नेह।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-49634689512695117312022-01-20T11:43:53.064+05:302022-01-20T11:43:53.064+05:30पत्रम पुष्पं फलं तोयं का स्मरण हो आया है भक्ति,प्र...पत्रम पुष्पं फलं तोयं का स्मरण हो आया है भक्ति,प्रेम,अनुराग और श्रद्धा के अमोल भावों से ओतप्रोत इस रचना को पढ़कर, समर्पण की पराकाष्ठा की पावन अभिव्यक्ति!!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com