tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post4664616991599099537..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: उग्रतर होता परिताप है ......Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56450130531441183492020-12-25T15:24:31.708+05:302020-12-25T15:24:31.708+05:30ऐ वक़्त तू सुन आवाज़ कि ये परवाज़ गगन से दूर तलक। ......ऐ वक़्त तू सुन आवाज़ कि ये परवाज़ गगन से दूर तलक। ...ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-29137994965527040212020-12-01T22:05:40.433+05:302020-12-01T22:05:40.433+05:30प्रेम के आगे भी
क्या कुछ होता है
प्रिय से कैसे पूछ...प्रेम के आगे भी<br />क्या कुछ होता है<br />प्रिय से कैसे पूछुँ<br />हृदय क्यों रोता है....<br /><br />आदरणीया अमृता जी, क्षमाप्रार्थी हूँ कि ब्लॉग जगत की आपकी इतनी सशक्त रचना को मैं विलम्ब से पढ़ पाया। <br />रचना में निहित भाव इतनी हृदयस्पर्शी है कि मैं अपनी प्रतिक्रिया को कम शब्दों में नहीं रोक पाया।<br />पीड़ा मुझको ताके<br />और मैं पीड़ा को<br />कोई तो संबल दे<br />मुझ वीरा अधीरा को...<br />लाजवाब है आपकी भावाभिव्यक्ति। बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ। ।।।।।।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79131288354592564652020-11-30T21:27:44.225+05:302020-11-30T21:27:44.225+05:30मन की परतों में दबा कोई भाव तो उद्वेलित कर रहा है,...मन की परतों में दबा कोई भाव तो उद्वेलित कर रहा है,जो स्वयं को दोषी करार दे रहा है ।<br />सुंदर सृजन रहस्यमय सा।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-36528170609323453292020-11-30T11:55:20.916+05:302020-11-30T11:55:20.916+05:30इस आस की डोर मिलेगी
इस पहेली का ठौर मिलेगा
क्या?इस आस की डोर मिलेगी <br />इस पहेली का ठौर मिलेगा<br />क्या?Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-34071166133839652772020-11-29T18:40:23.761+05:302020-11-29T18:40:23.761+05:30बहुत सुंदर विरह गीत सी रचना अमृता जी। सस्नेह।बहुत सुंदर विरह गीत सी रचना अमृता जी। सस्नेह।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57793432300505954052020-11-29T05:59:30.455+05:302020-11-29T05:59:30.455+05:30स्वभाविक है कि-
'प्रिय को पाया, पीड़ा पायी'...स्वभाविक है कि-<br />'प्रिय को पाया, पीड़ा पायी'<br />सुंदर रचना.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-20676986861575985082020-11-28T23:16:32.576+05:302020-11-28T23:16:32.576+05:30अनजाना सा कोई है
जो खींचे अपनी ओर
तब तो इस पीड़ा...अनजाना सा कोई है<br /><br />जो खींचे अपनी ओर<br /><br />तब तो इस पीड़ा का <br /><br />न मिलता कोई छोर<br /><br />वाह!!!<br />अद्भुत ...लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24404276818258677242020-11-28T12:49:32.347+05:302020-11-28T12:49:32.347+05:30बहुत सुंदर रचना...बहुत सुंदर रचना...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-89853151584230250722020-11-28T09:58:43.142+05:302020-11-28T09:58:43.142+05:30आस की डोर को थामे
श्वास से तो पार पा जाऊँ
पर लगत...आस की डोर को थामे<br /><br />श्वास से तो पार पा जाऊँ<br /><br />पर लगता है कि कहीं<br /><br />पीड़ा से ही हार ना जाऊँ <br />बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-21112680663248907752020-11-28T09:40:25.868+05:302020-11-28T09:40:25.868+05:30अप्रतिम !! निशब्द और मंत्रमुग्ध करता सृजन ।अप्रतिम !! निशब्द और मंत्रमुग्ध करता सृजन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-1563623731172381332020-11-27T19:24:33.522+05:302020-11-27T19:24:33.522+05:30अन्तस् के बहुत भीतर पल्लवित होने वाली मुखर रचना |...अन्तस् के बहुत भीतर पल्लवित होने वाली मुखर रचना |बहुत सुन्दर |आलोक सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/17318621512657549867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-85207611763942357202020-11-27T16:05:15.794+05:302020-11-27T16:05:15.794+05:30एक कदम रख लिया अब अगला ही बाकी है ... प्रिय को पाय...एक कदम रख लिया अब अगला ही बाकी है ... प्रिय को पाया भला हुआ पर जब तक खुद को न पाया पीड़ा सताती ही रहती है, जब तक दो हैं तब तक कहाँ निस्तार पीड़ा से, जब तक कि क्रीड़ा ही न बन जाये पीड़ा Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-80284450669758127582020-11-27T14:44:00.394+05:302020-11-27T14:44:00.394+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२८-११-२०२०) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">'दर्पण दर्शन'(चर्चा अंक- ३८९९ )</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है<br />--<br />अनीता सैनी अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6390000920429709702020-11-27T10:19:55.295+05:302020-11-27T10:19:55.295+05:30पुनः पुनः पढ़ने को प्रेरित करती है आपकी कविता अन्...पुनः पुनः पढ़ने को प्रेरित करती है आपकी कविता अन्यतम है।<br />अति सुंदर सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77554497699848517032020-11-26T22:02:50.126+05:302020-11-26T22:02:50.126+05:30अदभुद। कहां हो कृष्ण? अदभुद। कहां हो कृष्ण? सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com