tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post1744286064487876128..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: दृग-मिचावAmrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-50706885448086952852011-05-20T22:57:21.748+05:302011-05-20T22:57:21.748+05:30आपकी रचना में मौलिकता एवं सहजता बोल रही है ..निर्झ...आपकी रचना में मौलिकता एवं सहजता बोल रही है ..निर्झर प्रवाह सी.....मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44046066410053392352011-05-20T15:20:43.442+05:302011-05-20T15:20:43.442+05:30बहुत सार्थक सोच...अद्भुत शब्द संयोजन..बहुत सुन्दरबहुत सार्थक सोच...अद्भुत शब्द संयोजन..बहुत सुन्दरKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11162665973502915502011-05-20T14:50:11.803+05:302011-05-20T14:50:11.803+05:30आपकी अनुपम प्रस्तुति ने 'अमृत' का पान करा ...आपकी अनुपम प्रस्तुति ने 'अमृत' का पान करा दिया है 'अमृता' जी.पढकर 'तन्मय' हो गया हूँ.बार बार पढ़े जा रहा हूँ;<br />"भांति भांति कल्पनाएँ -कपोलकर<br /> ये कौतुक क्रीडा है ,न तोलकर "<br />आप स्वनाम धन्य हैं.<br />मुझे अफ़सोस है कि मुझे आपके ब्लॉग पर आने में देरी हुई.पता ही नहीं चला आपकी इस पोस्ट का.आपकी मेहरबानी है कि आप मेरे ब्लॉग पर आयीं और मुझे पोस्ट लिखने के लिए याद दिलाया.जल्दी ही कोशिश करूँगा नई पोस्ट लिखने की.<br />आपका हृदय से आभार.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71122732677561537672011-05-20T09:27:49.046+05:302011-05-20T09:27:49.046+05:30BAHUT KHUBSURAT SABDO SE SAJI KAVITA LIKHI HAI APN...BAHUT KHUBSURAT SABDO SE SAJI KAVITA LIKHI HAI APNE . . . EK HUM BHI ARJ KARTE HAIN. . . . .. <br />YE TO AAPKE LIYE EK SUNHARA TOHFA HAI,<br />BLOGING KI PITCH PAR FOLOWER KA SATAK JO THOKA HAI.<br />HUMNE BHI APNE FOLOWER KO 9 KE PAR ROKA HAI,<br />10 NUMBRI BANNE KA BHI APKE PAAR MOKA HAI. . . . .<br /><br />AMRITA MAM AAP KA BAHUT AABHAR JO AAP MERE BLOG PAR AAYE OR MERI RACHNA KO PADHA...<br />TIME MILE TO AATE RAHIYEGA. . . . . . JAI HIND JAI BHARATSAJAN.AAWARAhttps://www.blogger.com/profile/10975214181930047006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-69293434929440149332011-05-19T21:38:47.258+05:302011-05-19T21:38:47.258+05:30एकदम नए स्टाइल की कवितायेँ पढ़ने को मिलीं...ये सिर...एकदम नए स्टाइल की कवितायेँ पढ़ने को मिलीं...ये सिर्फ दृग मिचाव के लिए नहीं है...आपकी एक अपनी शैली है...भावों को शब्दों में गूंथने की कला में पारंगत लगती हैं...एक फोलोअर बढ़ा...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-13795352240948086932011-05-19T19:51:55.870+05:302011-05-19T19:51:55.870+05:30बहुत खूब।
विवेक जैन vivj2000.blogspot.comबहुत खूब। <br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71822267007317955442011-05-19T17:17:18.785+05:302011-05-19T17:17:18.785+05:30आपकी रचना में मौलिकता एवं सहजता बोल रही है ..निर्झ...आपकी रचना में मौलिकता एवं सहजता बोल रही है ..निर्झर प्रवाह सी .... क्लिष्ट पर कमाल...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14612724763281042484noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-67934244241795171162011-05-19T12:15:11.240+05:302011-05-19T12:15:11.240+05:30क्या आप हमारीवाणी के सदस्य हैं? हमारीवाणी भारतीय ब...क्या आप हमारीवाणी के सदस्य हैं? हमारीवाणी भारतीय ब्लॉग्स का संकलक है.<br /><br /><br />अधिक जानकारी के लिए पढ़ें:<br /><a href="http://www.google.com/transliterate/news_details.php?news=34" rel="nofollow">हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि</a> <br /><br /><br /><a href="http://www.hamarivani.com/news_details.php?news=41" rel="nofollow">हमारीवाणी पर ब्लॉग प्रकाशित करने के लिए क्लिक कोड लगाएँ</a>हमारीवाणीhttps://www.blogger.com/profile/02677178735599301399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-81522832293088926592011-05-19T10:01:56.863+05:302011-05-19T10:01:56.863+05:30शानदार शब्द संयोजन से सुसज्जित एक अनोखी तरह की प्र...शानदार शब्द संयोजन से सुसज्जित एक अनोखी तरह की प्रस्तुति <br />बधाई इस रचना कर्म के लिएwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-2375378098501067022011-05-19T09:49:35.927+05:302011-05-19T09:49:35.927+05:30बहुत खूब।
ओ मेरे हमजोली रे,
खेले आंख मिचौली रे,
...बहुत खूब। <br />ओ मेरे हमजोली रे,<br />खेले आंख मिचौली रे,<br /><br />बहुत सुन्दर शब्द-विन्यास ।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-12956858250568605642011-05-19T06:24:09.309+05:302011-05-19T06:24:09.309+05:30उसी लय ताल नाद का और कब तक करें इंतज़ार ...उसी लय ताल नाद का और कब तक करें इंतज़ार ...virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-43774575330706153242011-05-17T21:09:35.317+05:302011-05-17T21:09:35.317+05:30शानदार। इससे पहले इस तरह की रचना कभी भी नही पढ़ी थ...शानदार। इससे पहले इस तरह की रचना कभी भी नही पढ़ी थी। दिल आनंदित हो उठा। आपसे बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। आभार।Amit Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01787361968548267283noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90997187828051819202011-05-16T17:27:30.637+05:302011-05-16T17:27:30.637+05:30अनोखा है आपका शब्द विन्यास ... और उसी से जन्मी कवि...अनोखा है आपका शब्द विन्यास ... और उसी से जन्मी कविता ... बहुत खूब ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-32035598421428772232011-05-16T16:36:39.795+05:302011-05-16T16:36:39.795+05:30आनंद आ गया इतनी अच्छा शब्द सामर्थ्य देखकर... आप बह...आनंद आ गया इतनी अच्छा शब्द सामर्थ्य देखकर... आप बहुत बेहतरीन किस्म का लिखती हैं...।<br /><br />डॉ.अजीतDr.Ajithttps://www.blogger.com/profile/17632123454222628758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-47975689500079870092011-05-16T16:09:20.595+05:302011-05-16T16:09:20.595+05:30bahut hi behatarin aur sunder prastuti...............bahut hi behatarin aur sunder prastuti............उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-87398269314764211912011-05-16T15:43:16.897+05:302011-05-16T15:43:16.897+05:30बढ़िया कविता....बढ़िया कविता....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56476729406859570792011-05-16T13:21:56.249+05:302011-05-16T13:21:56.249+05:30शानदार......बेहतरीन.....अगर आपने अर्थ न लिखे होते ...शानदार......बेहतरीन.....अगर आपने अर्थ न लिखे होते तो मेरे तो सर के ऊपर से निकल गया होता .........आपके हिंदी ज्ञान के आगे मैं नतमस्तक हूँ .....प्रशंसनीय |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-29242609921990773432011-05-16T11:35:00.937+05:302011-05-16T11:35:00.937+05:30अमृता , गूढ बातों को आसानी से कह देना सबसे बड़ी कला...अमृता , गूढ बातों को आसानी से कह देना सबसे बड़ी कला है। कविहृदय तो कल्लोल ही करना चाहे हर वक़्त। कल्पनाएं भांति भांति के रंगों मे कल्पित कपोल हो जाती हैं...ये भी सत्य है की हम होड करने लगते हैं बिना अपना सामर्थ्य जाने..और भाष्य हमारा लीक से हट कर अनर्गल प्रलाप हो जाता है...आपने सर्वथा उचित कहा की सामर्थ्य हो तभी उचित भाष्य करना चाहिए...हम सभी पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर अपने को मुखरित करते हियन और अक्सर गलत हो जाते हैं...चेतना हमारी भावों की नौका पर चढ़ आमोद के लहरों की वेग पे डोले...मन कुछ ऐसा बोले...<br />बहुत बढ़िया...सारगर्भित...और पठ्य....आजकल ऐसी सुंदर और दार्शनिक रचनाएँ कम ही पढ़ने को मिलती हैं...बाहर चला गया था अतः बिलंब हुआ...वरना शुक्रवार का इंतज़ार मुझे रहता है....<br />आपने कहा था की मेरे चित्रों मे मधुबनी पेंटिंग की झलक है...प्रतुत्तर में यही कहना चाहूँगा की मैथिल ब्राह्मण होने की वजह से अपनी संस्कृति और कला से विमुख नहीं हो सकता...कहीं न कहीं वो दिख ही जाएगा आपको...लेखनी में...काला में या संगीत में...देसिल वयना सब जण मिट्ठा...<br />कुछ स्केच अपलोड किए हैं ...समय मिले तो देखिएगा ...Vijuy Ronjanhttps://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-55576346521471624682011-05-16T07:53:30.164+05:302011-05-16T07:53:30.164+05:30वीरू भाई से सहमति के आगे ...
ये नए शिल्प विधान सी ...वीरू भाई से सहमति के आगे ...<br />ये नए शिल्प विधान सी लगती कवितायें अपने शब्द संयोजन से चमत्कृत करती हैं -<br />मगर मगर -कुछ अल्प शंकाएं इस बार -<br />कृपया किंचित नेत्र न गोल करें -क्या यहाँ अल्प विराम की जरुरत है ? और अगर है भी तो नेत्र के आगे लगेगा न ? <br />वैसे मेरी अल्प बुद्धि से लगेगा ही नहीं ..<br />वैसे कवि को शब्दों को कविता के लय ताल के हिसाब से व्याकरणीय छूट मिलती है -मगर मार्तंड यहाँ मर्तंण्ड होकर जम नहीं रहा <br />उपहास्य =उपहास ?<br />दृग मिचाव को मान लिया -आप भी क्या कहेगीं :)<br />अपनी आदत के अनुसार अपना एक नाय पाठक लगता है खो दिया मैंने आज -<br />मगर प्रोत्साहित तो आपने ही किया था :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-10617325700802190912011-05-16T00:03:32.820+05:302011-05-16T00:03:32.820+05:30बढ़िया शब्द चयन और बढ़िया रचना...सुंदर शब्दों के ज...बढ़िया शब्द चयन और बढ़िया रचना...सुंदर शब्दों के जाल से बुनी गई एक सुंदर कविता...धन्यवादविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90227762915887670502011-05-15T20:24:05.935+05:302011-05-15T20:24:05.935+05:30आपकी लेखनी विचार अद्भुत हैं |यह कविता सुंदर है अगर...आपकी लेखनी विचार अद्भुत हैं |यह कविता सुंदर है अगर आप भाषा सहज और समकालीन या समयानुकूल प्रयोग करें तो कविता में चार चाँद लग जायेगें |इसे एक मित्रवत सुझाव ही समझें मुझे उम्मीद है कि आप जैसी सहृदय महिला नाराज नहीं होंगी |आभारजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-88438259040326367112011-05-15T20:20:16.747+05:302011-05-15T20:20:16.747+05:30south me rahte hindi bolne ko nahee miltee blog se...south me rahte hindi bolne ko nahee miltee blog se jud kar kamee kee bharpaee huee hai meree .<br />ek arase baad itnee sunder hindi padne ko milee .<br />sath hee bahut pyare sandesh .<br />aabharApanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-3151328492459063482011-05-15T19:58:22.373+05:302011-05-15T19:58:22.373+05:30बहुत सुंदर, संस्कृत के शब्दों का चयन और उनका ताल-म...बहुत सुंदर, संस्कृत के शब्दों का चयन और उनका ताल-मेल पढते ही बनता है !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-18386946484072888612011-05-15T17:51:53.817+05:302011-05-15T17:51:53.817+05:30अमृता तन्मय जी एक अलग तरह की रचना -जटिल शब्द बन्ध ...अमृता तन्मय जी एक अलग तरह की रचना -जटिल शब्द बन्ध बहुत ही प्यारा <br /><br />पूर्वाग्रही हो न उपहास्य करें <br />है सामर्थ्य तो उचित भाष्य करें <br /><br />आनंद आया आप की लेखनी कमाल की है <br />शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-65253892695087421562011-05-15T17:35:17.741+05:302011-05-15T17:35:17.741+05:30काल चिंतन की नै कड़ी का इंतज़ार है .काल चिंतन की नै कड़ी का इंतज़ार है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com