tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post1571513592637403650..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: बस कोई ...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger56125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-69926141969324273232012-04-09T08:10:57.916+05:302012-04-09T08:10:57.916+05:30:) :):) :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-86883319950749582582012-03-28T22:10:42.271+05:302012-03-28T22:10:42.271+05:30व्यक्त-अव्यक्त औऱ प्रत्यक्ष-परोक्ष के बीच के संबंध...व्यक्त-अव्यक्त औऱ प्रत्यक्ष-परोक्ष के बीच के संबंधों की पड़ताल करती कविता। महसूसने वाले मन की जरूरत को रेखांकित करती हुई। लेकिन जो प्रत्यक्ष दिख रहा है। उससे भी तो मुख नहीं मोड़ा जा सकता। उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आपकी बाल सुलभ सहजता और अधीरता सजीव हो उठी है। परियों के इंतजार वाली कविता जैसा आत्मविश्वास नजर आता है। अज्ञेय को जानने और परिभाषित करने की मानवीय जिजीविषा को शब्द देती कविता पढ़कर बहुत अच्छा लगा। लेकिन जैसा कि आपने कुद कहा है कि कोई आखिरी कड़ी, कोई अंतिम बात आनी बाकी है। तो आपने अगली कविता में उसे मूर्त रूप देने की कोशिश की है कि अगर लिख सको तो...महाकाव्य लिखना। स्वागत है।वृजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14993147600916233758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-14952341782323090912012-03-26T17:48:13.794+05:302012-03-26T17:48:13.794+05:30एक ज़रा सी कड़ी ही तो जिंदगी का सत्य है, बस उतना स...एक ज़रा सी कड़ी ही तो जिंदगी का सत्य है, बस उतना सा कोई जोड़ दे फिर तो जीवन सफल, बहुत सुन्दर और सशक्त रचना. बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-72640014134457225372012-03-26T10:02:17.360+05:302012-03-26T10:02:17.360+05:30काव्य में मधुरता और मादकता सिद्ध कर दी आपने.बधाई.....काव्य में मधुरता और मादकता सिद्ध कर दी आपने.बधाई.....अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-8355556029098244732012-03-26T00:22:14.522+05:302012-03-26T00:22:14.522+05:30अद्भुत रचना .... बहुत गहनता से लिखी है ...अद्भुत रचना .... बहुत गहनता से लिखी है ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90190439775847856542012-03-25T20:31:13.356+05:302012-03-25T20:31:13.356+05:30बहुत खूबसूरत प्रस्तुति और बहुत ही सामायिक भी.बहुत खूबसूरत प्रस्तुति और बहुत ही सामायिक भी.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-43677476739636232162012-03-25T15:59:29.217+05:302012-03-25T15:59:29.217+05:30क्या कमाल की कड़ी ढूंढी है, 'आखिरी बात' मे...क्या कमाल की कड़ी ढूंढी है, 'आखिरी बात' में! ..लाज़वाब।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6600916528246839062012-03-25T12:56:28.138+05:302012-03-25T12:56:28.138+05:30यह अमृता तन्मय के मुहावरे की कविता है. दार्शनिक भी...यह अमृता तन्मय के मुहावरे की कविता है. दार्शनिक भी और काव्यात्मक भी. आजकल ऐसी कविताएँ कम ही लिखी जाती हैं.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-13101958769246929682012-03-25T10:05:02.943+05:302012-03-25T10:05:02.943+05:30मौलिक कथ्यों की सुंदर अभिव्यक्ति।मौलिक कथ्यों की सुंदर अभिव्यक्ति।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-85907489904574674772012-03-25T08:48:06.766+05:302012-03-25T08:48:06.766+05:30अभिनव शब्द प्रयोग और अर्थ का एक नाम है अमृता तन्मय...अभिनव शब्द प्रयोग और अर्थ का एक नाम है अमृता तन्मय .<br />आपकी चर्चा आज यहाँ भी है -<br />क्वचिदन्यतोSपि...<br /><br />अर्थात मेरे साईंस ब्लागों से अन्य,अन्यत्र से भी ....<br />Saturday, 24 March 2012<br />चिट्ठाकार चर्चा की नीरवता को तोड़तीं अमृता तन्मय!<br /> http://mishraarvind.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57133485225621938062012-03-24T22:19:11.135+05:302012-03-24T22:19:11.135+05:30bahut khoob ...bahut badhiya kaha AApne Amrita.......bahut khoob ...bahut badhiya kaha AApne Amrita....main bhi aise hi khuch pal dhoondh raha hun....kuch aaj dhoondh raha hun...air kuch kal dhoondh raha hun....<br /><br />Par milta nahi wo "Nayaab"....fir dhoondhte rahiye aur likhte rahoye...ek ek shabd nayaab...umda...bahut umdaa...Vijuy Ronjanhttps://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73858983604836542302012-03-24T18:55:55.364+05:302012-03-24T18:55:55.364+05:30अदभुत है आपका चिंतन,अनुपम है आपका लेखन.
पढकर मन गद...अदभुत है आपका चिंतन,अनुपम है आपका लेखन.<br />पढकर मन गदगद हो जाता है.<br />बहुत बहुत आभार,अमृता जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-62150591787355589352012-03-24T18:49:29.721+05:302012-03-24T18:49:29.721+05:30बस कोई आखरी बात जोड़ने वाला चाहिए ... वाह !!बस कोई आखरी बात जोड़ने वाला चाहिए ... वाह !!Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11028823376307461572012-03-24T15:18:05.448+05:302012-03-24T15:18:05.448+05:30वाह बहुत ही सुन्दर थोडा सा और कोई सहारा मिल जाये त...वाह बहुत ही सुन्दर थोडा सा और कोई सहारा मिल जाये तो सब कुछ हो जाये।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90827275255023718922012-03-24T15:08:24.991+05:302012-03-24T15:08:24.991+05:30अभी भी
बस एक
जरा सी कड़ी
खोई-खोई सी है....
बस क...अभी भी <br />बस एक <br />जरा सी कड़ी <br />खोई-खोई सी है....<br />बस कोई <br />एक आखिरी बात <br />जोड़ने वाला चाहिए...<br /><br />खोई सी कड़ी को जोड़ने वाला ही आखिर तक याद किया जाएगा...<br />आपने नि:संदेह सुन्दर शब्दों की कड़ी पिरोई है...राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-47426534023611541912012-03-24T13:02:21.837+05:302012-03-24T13:02:21.837+05:30इस आख़िरी कड़ी को जोडने वाला ही तो चाहिए...बहुत सु...इस आख़िरी कड़ी को जोडने वाला ही तो चाहिए...बहुत सुंदर प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-60539586208535065452012-03-24T10:30:27.683+05:302012-03-24T10:30:27.683+05:30बहुत सुन्दर.बहुत सुन्दर.S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-21981655432796336302012-03-23T22:37:58.159+05:302012-03-23T22:37:58.159+05:30गूंगे के गुड सी अनिवर्चनीय है यह रचना बस कोई समझने...गूंगे के गुड सी अनिवर्चनीय है यह रचना बस कोई समझने वाला चाहिए .........यहाँ वहां कितना कुछ बिखरा है बस कोई समेटने वाला पात्र चाहिए .कृपया यहाँ भी कर्म फरमाएं -<br />ram ram bhai<br /><br />बुधवार, 21 मार्च 2012<br />गेस्ट आइटम : छंदोबद्ध रचना :दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-3004163699140632912012-03-23T21:29:05.112+05:302012-03-23T21:29:05.112+05:30किसी का साथ मिल जाये तो हर ख़ुशी दुगुनी हो जाती है...किसी का साथ मिल जाये तो हर ख़ुशी दुगुनी हो जाती है....<br />सुकोमल भाव,बेहतरीन अभिव्यक्ति....मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-91564882680398540272012-03-23T12:37:13.527+05:302012-03-23T12:37:13.527+05:30बहुत ही सुन्दर भाव ----------नवरात्री की शुभकामनाय...बहुत ही सुन्दर भाव ----------नवरात्री की शुभकामनायेंDr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-25299533471075539722012-03-23T08:32:06.098+05:302012-03-23T08:32:06.098+05:30वाह क्या कहने ..एक अमर रचना ..
याद रहेगी बजूद रहने...वाह क्या कहने ..एक अमर रचना ..<br />याद रहेगी बजूद रहने तक की ...<br />किसने रचा ली आपसे यह ? <br />यह मानव के वश की तो नहीं ..जैसे वेद अपौरुषेय कहे गए हैं ..<br />यह रचना देवत्व की देहरी छूती है ...अनिर्वचनीय ..साधुवाद ! <br />इनाम देने का मन हो आया ! क्या दूं?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-45430417724938451742012-03-23T04:46:53.345+05:302012-03-23T04:46:53.345+05:30.
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नव संवत....<br /><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/2011/04/blog-post.html" rel="nofollow">♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥<br />नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !<br />पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!<br />-राजेन्द्र स्वर्णकार<br />♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥<br /><br />*चैत्र नवरात्रि और नव संवत २०६९ की हार्दिक बधाई !* <br />*शुभकामनाएं !* <br />*मंगलकामनाएं !*</a></b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15874558513023998572012-03-23T04:46:33.894+05:302012-03-23T04:46:33.894+05:30♥
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बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने.
बधाई !<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />♥</a></b><br />.<br /><br />बहुत सुंदर कविता लिखी है आपने.<br />बधाई !Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-49134161406540376992012-03-23T02:10:43.346+05:302012-03-23T02:10:43.346+05:30...ज़रा सी कड़ी खोई है कहीं...
इतने अछे आत्म-मंथन स......ज़रा सी कड़ी खोई है कहीं...<br />इतने अछे आत्म-मंथन से निसंदेह वो भी मिल जाएगी :)<br />बहुत ही सुन्दर भाव हैं, अनुपम रचना है!Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-54143095460652632612012-03-22T23:50:29.066+05:302012-03-22T23:50:29.066+05:30बस कड़ी जुड़ जाए तो सब बात पूरी है चाहे वह “बस कोई...बस कड़ी जुड़ जाए तो सब बात पूरी है चाहे वह “बस कोई” ही क्यों न हो।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com