tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post1220372291878010526..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: मेरे होने का ...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-24476135906368121672012-09-13T09:38:11.959+05:302012-09-13T09:38:11.959+05:30विपरीत से ही जीवन में
सारा उधम और उमंग है...
...ब...विपरीत से ही जीवन में<br />सारा उधम और उमंग है...<br /><br />...बिलकुल सच अमृता जी<br />नई पोस्ट <b><a href="http://sanjaybhaskar.blogspot.in/" rel="nofollow">.उजला आसमा<br /></a> </b> पर आपका स्वगत है संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-23252119758416809452012-09-10T07:01:57.267+05:302012-09-10T07:01:57.267+05:30निराला ढंग. वाह अमृता जी.निराला ढंग. वाह अमृता जी.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-25013599457675961442012-09-09T11:14:00.605+05:302012-09-09T11:14:00.605+05:30जिसे देखकर
झलझलाया समंदर खुद ही
चकित और दंग है ......जिसे देखकर<br />झलझलाया समंदर खुद ही<br />चकित और दंग है ...<br /><br />क्या कहूँ ?<br /><br />मेरे होने का<br />यही ढंग है . bahut achhi rachana likhi hai apne .......ak shayar ko padha tha बस समंदर देख ली मैंने तेरी दरियादिली |<br />त्रिश्ना लब रखा सदफ बूद पानी का ना दी ||<br /> lekin yahan sb kuchh palat gaya hai nayee drshti mili .....abhar ke stth badhai amrta ji Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-9760613690748167172012-09-08T23:43:15.359+05:302012-09-08T23:43:15.359+05:30adbhut..adbhut..somalihttps://www.blogger.com/profile/02791579961616444107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-17178662861945499362012-09-08T11:23:37.687+05:302012-09-08T11:23:37.687+05:30जिसे देखकर
झलझलाया समंदर खुद ही
चकित और दंग है ......जिसे देखकर<br />झलझलाया समंदर खुद ही<br />चकित और दंग है ...<br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार....mark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-7331446896305365742012-09-08T07:42:58.001+05:302012-09-08T07:42:58.001+05:30आपके होने का ढंग प्रभावित करता है . अद्योपरांत . ...आपके होने का ढंग प्रभावित करता है . अद्योपरांत . कई बार शब्द नहीं होते ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-91299826712405613002012-09-08T06:55:40.630+05:302012-09-08T06:55:40.630+05:30कभी मुक्त राग में
गुनगुनाती लहरें
कभी पगुराए पत्थर...कभी मुक्त राग में<br />गुनगुनाती लहरें<br />कभी पगुराए पत्थरों पर<br />कमल खिलाती लहरें<br />कभी मोतीवलियों से ही<br />सज जाती लहरें<br /><br />बहुत खूबसूरत ढंग है आपके होने का Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-91761488267617307742012-09-07T14:22:11.015+05:302012-09-07T14:22:11.015+05:30हमेशा की तरह आपकी लेखनी के माया जाल और शैली की उत्...हमेशा की तरह आपकी लेखनी के माया जाल और शैली की उत्कृष्टता से अभिभूत हूँ .....<br />Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-5446859190962599722012-09-07T13:25:39.044+05:302012-09-07T13:25:39.044+05:30विपरीत से ही जीवन में
सारा उधम और उमंग है...
बहुत...विपरीत से ही जीवन में<br />सारा उधम और उमंग है...<br /><br />बहुत ही गहन और सुन्दर है ये पोस्ट.....हैट्स ऑफ इसके लिए ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-12450334928337189132012-09-07T13:13:31.854+05:302012-09-07T13:13:31.854+05:30अमृता जी, बहुत सुंदर लगा लहरों का यह नृत्य और जीवन...अमृता जी, बहुत सुंदर लगा लहरों का यह नृत्य और जीवन का यह ढंग...मुबारक हो !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-50031869075701673272012-09-07T08:54:15.467+05:302012-09-07T08:54:15.467+05:30आपने जीवन की लहरों के खेल का अद्भुत चित्रण किया है...आपने जीवन की लहरों के खेल का अद्भुत चित्रण किया है। इसके बरक़्श आपने अपने जीने के ढंग को देखा है। कोई अतिश्योक्ति नहीं कि जल और जीवन का रिश्ता बहुत गहरा है। तालाब के ठहरे हुए पानी से, झरनों की उछलती कूदती जलधाराओं, नदियों की बलखाती मद्धम-तेज लहरों से लेकर समुंदर की अगम गहराइयों का स्थिरिता और सतह की शोर मचाती बेचैनी,उछलकूद-आपाधापी,किनारों से मिलने औऱ वापस लौट जाने का अनवरत सिलसिला और चांद के प्रति अबूझ प्यार। जो अभिव्यक्ति पाती है चांदनी रातों में समुंदर की आसमान छूती लहरों में। नदियों के श्रोतों में जीवन के भी तमाम श्रोत छिपे हैं। जो मन की गहराइयों से बार-बार निकल-निकल बाहर आते हैं और हमें खुद अपने जीने के ढंग पर हैरान करते हैं। जीवन के विरोधाभाषों की तरह। स्वागत है। वृजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14993147600916233758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-78761603140612090242012-09-06T20:54:50.496+05:302012-09-06T20:54:50.496+05:30बेहद खूबसूरत ढंग है ये.. अनुसरण करने को जी चाहता ह...बेहद खूबसूरत ढंग है ये.. अनुसरण करने को जी चाहता है.<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.Santosh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08093068150076949621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-68020163252918131212012-09-06T08:05:39.213+05:302012-09-06T08:05:39.213+05:30आपके जीवन के इस ढंग के हम मुरीद हुए ...
बेहतरीन !आपके जीवन के इस ढंग के हम मुरीद हुए ...<br />बेहतरीन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-41451227181083305422012-09-06T06:48:23.880+05:302012-09-06T06:48:23.880+05:30शुभप्रभात !
विपरीत से ही जीवन में
सारा उधम और उमंग...शुभप्रभात !<br />विपरीत से ही जीवन में<br />सारा उधम और उमंग है...<br />बहुत खूब !<br />मेरे होने का यही ढंग है :)विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39344092532223954162012-09-06T00:57:17.561+05:302012-09-06T00:57:17.561+05:30Beeautiful...Beeautiful...Mahi Shttps://www.blogger.com/profile/16742224478901211954noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6821708134955288282012-09-05T23:25:23.506+05:302012-09-05T23:25:23.506+05:30आपके होने का ढंग दंग कर रहा है जी.
सुन्दर रंगारंग ...आपके होने का ढंग दंग कर रहा है जी.<br />सुन्दर रंगारंग प्रस्तुति के लिए आभार,अमृता जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-2340618807211183602012-09-05T21:59:43.453+05:302012-09-05T21:59:43.453+05:30लहरें, तरंग और उमंग, जीवन का सबसे निराला ढंग... वा...लहरें, तरंग और उमंग, जीवन का सबसे निराला ढंग... वाह अमृता जी बहुत सुन्दर भाव... बधाई संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-69453799733538632712012-09-05T20:51:05.723+05:302012-09-05T20:51:05.723+05:30Amrita,
JEEVAN KE VIBHIN RANGON KA VARNAN SUNDAR ...Amrita,<br /><br />JEEVAN KE VIBHIN RANGON KA VARNAN SUNDAR SHABDON MEIN KIYAA HAI. <br /><br />Take careJackhttps://www.blogger.com/profile/15896075408610203350noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-34170927145557715112012-09-05T18:02:11.462+05:302012-09-05T18:02:11.462+05:30रुख हवा का जिधर का है ,
उधर के हम हैं ,
बहें हम ल...रुख हवा का जिधर का है ,<br />उधर के हम हैं ,<br />बहें हम लहरों के संग ,<br />रुकें हम ,लहरों के संग .<br /><br />न हों छाती पे हलचल ,<br />सुनामी अबिस (abyss)में हम,<br />है ये आवेग तट पर ,<br />हम हैं आवेग संग संग .<br /><br />बेहतरीन भाव अभिव्यंजना .....बहे लहरों के संग संग .....<br /> कभी बांसों-बांस<br />उछल जाती लहरें<br />कभी किनारे से लग<br />चुप हो जाती लहरें<br />कभी अपने ही तल में जा<br />छुप जाती लहरें<br />विपरीत से ही जीवन में<br />सारा उधम और उमंग है...<br />मेरे होने का <br />यही ढंग है ,<br />..................<br />बस उत्ताल तरंग <br />मेरे संग ...<br />बढ़िया रचना ...<br />अबिस =गहरा समुंद (समुन्दर ,समुद्र ,सागर ,समंदर ).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56768683944226513462012-09-05T17:58:46.092+05:302012-09-05T17:58:46.092+05:30आज भले कूड़े दान में जा रही हैं बेटियाँ ,
कल सबक स...आज भले कूड़े दान में जा रही हैं बेटियाँ ,<br />कल सबक सिखाएंगी यही बेटियाँ ,|<br />देखें तब कौन करें इनकी हेटियाँ .<br />बिजली सी चमकेंगी यही बेटियाँ ||<br /><br />हिला हुआ समाज है आरक्षण की बेड़ियाँ ,<br />टूटेंगी ये सामाजिक झडबेरियाँ |<br />राज करेंगी बेटियाँ ,मार्ग गढ़ेंगी बेटियाँ ,<br />सुयश दिलावाएंगी यही बेटियाँ .<br /><br />ये आरक्षण बला क्यों है ?<br />चला ये सिलसिला क्यों है ?<br />बदलते रंग पत्ते ,<br />पतझड़ से गिला क्यों है ? <br /><br />गंधाती अब सियासत ,<br />चयन से गिला क्यों है ?<br />बिकाऊ वोट तेरा ,<br />फिर मांझी से गिला क्यों है ?<br /><br />रुख हवा का जिधर का है ,<br />उधर के हम हैं ,<br />भें हम लहरों के संग ,<br />रुकें हम ,लहरों के संग .<br /><br />न हों छाती पे हलचल ,<br />सुनामी अबिस (abyss)में हम,<br />है ये आवेग तट पर ,<br />हम हैं आवेग संग संग .<br /><br />बेहतरीन भाव अभिव्यंजना .....बहे लहरों के संग संग .....<br /> कभी बांसों-बांस<br />उछल जाती लहरें<br />कभी किनारे से लग<br />चुप हो जाती लहरें<br />कभी अपने ही तल में जा<br />छुप जाती लहरें<br />विपरीत से ही जीवन में<br />सारा उधम और उमंग है...<br />मेरे होने का <br />यही ढंग है ,<br />..................<br />बस उत्ताल तरंग <br />मेरे संग ...<br />बढ़िया रचना ...<br />अबिस =गहरा समुंद (समुन्दर ,समुद्र ,सागर ,समंदर ).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-363494535395399212012-09-05T17:24:40.266+05:302012-09-05T17:24:40.266+05:30
मेरे होने का
यही ढंग है
kya khoob dhang hai...ba...<br />मेरे होने का<br />यही ढंग है<br /><br />kya khoob dhang hai...bahut sundar:-)Prakash Jainhttps://www.blogger.com/profile/04801182284591806629noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79580251557120135182012-09-05T16:59:26.672+05:302012-09-05T16:59:26.672+05:30कभी पगुराए पत्थरों पर
कमल खिलाती लहरें
कभी मोतीवलि...कभी पगुराए पत्थरों पर<br />कमल खिलाती लहरें<br />कभी मोतीवलियों से ही<br />सज जाती लहरें<br />लहर-लहर पर तिरता<br />पल-पल बदलता रंग है ...<br />.........सुन्दर प्रस्तुति..mark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-5363761256428366002012-09-05T16:48:28.610+05:302012-09-05T16:48:28.610+05:30वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।वाह ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-12781741229437091762012-09-05T16:26:50.717+05:302012-09-05T16:26:50.717+05:30यही जिन्दगी है..सुन्दर प्रस्तुति..यही जिन्दगी है..सुन्दर प्रस्तुति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-78051005319390216862012-09-05T16:04:13.104+05:302012-09-05T16:04:13.104+05:30Very special waves :-)Full of emotions and devotio...Very special waves :-)Full of emotions and devotion!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com