tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post8978959133496674699..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: बालम बोलो क्यों वाम हुए ? .......Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-9227797271844747732016-09-03T23:05:23.259+05:302016-09-03T23:05:23.259+05:30शब्दों का सटीक चयन।शब्दों का सटीक चयन।Dayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71886660627354375252016-03-25T23:32:40.760+05:302016-03-25T23:32:40.760+05:30एकदम सही अभिव्यक्ति।एकदम सही अभिव्यक्ति।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00579562138668926806noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-31531241219181255582016-03-05T08:26:38.797+05:302016-03-05T08:26:38.797+05:30हाँ, मौसम का असर जब पुरजोर होता है, तब गिला-शिकवा ...हाँ, मौसम का असर जब पुरजोर होता है, तब गिला-शिकवा चहुंओर होता है......Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57474552255235864732016-03-03T06:12:44.895+05:302016-03-03T06:12:44.895+05:30युग्मों और युगलों के बीच उठते अंतर्विरोधी भावों को...युग्मों और युगलों के बीच उठते अंतर्विरोधी भावों को आपने पखार कर यहाँ रख दिया है. ऐसी सूक्ष्म अभिव्यक्ति बहुत कम देखने में आती है. Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-78971619819420178202016-03-01T10:57:55.483+05:302016-03-01T10:57:55.483+05:30क्या बात ... कुछ बस मन की चाह की सी कहने वाली पंक्...क्या बात ... कुछ बस मन की चाह की सी कहने वाली पंक्तियाँ :) ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-5663037552413278212016-02-29T13:59:31.147+05:302016-02-29T13:59:31.147+05:30मैंने नहीं तो शायद प्राकृति ने या शायद प्रेम ने .....मैंने नहीं तो शायद प्राकृति ने या शायद प्रेम ने ...<br />पर सभी एक ही तो हैं ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33146272904533612482016-02-26T23:12:09.257+05:302016-02-26T23:12:09.257+05:30मै ने आपके मूर्त शब्दों के सहारे अमूर्त भाव को समझ...मै ने आपके मूर्त शब्दों के सहारे अमूर्त भाव को समझने की कोशिश की,पर ,,,,,,पर <br />परम चैतन्य के प्रति आपके प्यार औऱ समर्पण की निष्ठा महान कृष्ण प्रेम मीरा की पदवाली के समक्ष रख दी,Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16550236924589424468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64223592198284334172016-02-26T18:39:46.663+05:302016-02-26T18:39:46.663+05:30मैंने इस कविता को कई बार पढ़ा| हर बार रोमांचित सा ह...मैंने इस कविता को कई बार पढ़ा| हर बार रोमांचित सा हो गया| निःशब्द हूँ प्रशंसा में कुछ भी लिखने को|जितेन्द्र देव पाण्डेय 'विद्यार्थी'https://www.blogger.com/profile/17675897562201659126noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-41976906754574780882016-02-26T15:18:13.005+05:302016-02-26T15:18:13.005+05:30जिसके लिए ये कसक है, जिसके लिए बहक है, वो न जाने क...जिसके लिए ये कसक है, जिसके लिए बहक है, वो न जाने कहां होगा, होगा जहां कितना खुशनसीब होगा।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-51078789248802540852016-02-26T13:53:31.872+05:302016-02-26T13:53:31.872+05:30मतवाले मौसम में मदमस्त करती बयार सी..सुंदर कविता.....मतवाले मौसम में मदमस्त करती बयार सी..सुंदर कविता..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com