tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post644670525860167607..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: तुम गा लेना...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71531589504436190342013-02-06T07:55:07.951+05:302013-02-06T07:55:07.951+05:30शब्द-शमित , शब्द-हीन
तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन
क्...शब्द-शमित , शब्द-हीन<br />तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन<br />क्षण-क्षण हो जिसमें लवलीन<br />उस हृत्प्रिय क्षण को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना . <br /><br />बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-8975517797321710182013-02-04T20:13:58.132+05:302013-02-04T20:13:58.132+05:30क्या हो कहने को, सिवाय कविता में बहने कोक्या हो कहने को, सिवाय कविता में बहने कोHarihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-86391005846268126432013-01-24T11:37:42.678+05:302013-01-24T11:37:42.678+05:30बच्चन जी की कविता की कुछ पंक्तियाँ याद आ गयी अमृता...बच्चन जी की कविता की कुछ पंक्तियाँ याद आ गयी अमृता जी ...<br />मेरे वर्ण-वर्ण विश्रंखल,<br />चरण-चरण भरमाये,<br />गूंज-ग़ूजकर मिटने वाले<br />मैने गीत बनाये,<br /> <br />कूक हो गई हूक गगन की<br />कोकिल के कंठों पर,<br />तुम गा दो, मेरा गान अमर हो जाये ।<br /><br />आप अद्भुत लिखती हैं....और आपकी लेखनी दिन प्रतिदिन निकरती जा रही है....शब्दों का चयन आपकी मनोदशा को चित्रित करता है जो ऊंचे आदर्शों का वितान ओढ़े है....प्रच्युत प्रतिनाद जो पा लेगा...वो संग संग फिर गा लेगा ...<br /><br />Vijuy Ronjanhttps://www.blogger.com/profile/05204504837179424572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64296294244573352472013-01-23T08:37:47.462+05:302013-01-23T08:37:47.462+05:30आपको पढना एक अनुभव होता है आपको पढना एक अनुभव होता है ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52172186863289843382013-01-22T18:25:06.974+05:302013-01-22T18:25:06.974+05:30वाह...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई.....वाह...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...<br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11969772855017747892013-01-20T13:23:14.189+05:302013-01-20T13:23:14.189+05:30सुंदर गीत निशब्द कर जाता है. बेहतरीन प्रस्तुति.सुंदर गीत निशब्द कर जाता है. बेहतरीन प्रस्तुति.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-39771411795649481562013-01-20T11:16:39.948+05:302013-01-20T11:16:39.948+05:30जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:
उसी राग-रंग के संग गाये
ए...जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:<br />उसी राग-रंग के संग गाये<br />एक मुक्त प्रार्थना नभ छू आये<br />और वेदना भी गंगा-यमुना बन जाए<br />उस अविरल धार को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />बहुत सुंदर रचना .... <br /><br />हो सके तो इस ब्लॉग पर भी पधारे <br /> <br />पोस्ट <br />Gift- Every Second of My life.<br />उड़ता पंछीhttps://www.blogger.com/profile/18357081059384896848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-60562664517227953202013-01-19T01:36:11.169+05:302013-01-19T01:36:11.169+05:30bahut hi sundar rachana,bahut hi sundar rachana,tbsinghhttps://www.blogger.com/profile/07736038280400862671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33426225239369155022013-01-18T14:55:00.954+05:302013-01-18T14:55:00.954+05:30शब्द-शमित , शब्द-हीन
तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन
क्...शब्द-शमित , शब्द-हीन<br />तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन<br />क्षण-क्षण हो जिसमें लवलीन<br />उस हृत्प्रिय क्षण को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना . <br />-behad sundar bhav..kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52997592573601757802013-01-18T13:32:13.453+05:302013-01-18T13:32:13.453+05:30kuke papihaa matibhrm hokar
swaati ki boondon ko ...kuke papihaa matibhrm hokar <br />swaati ki boondon ko paakar ....<br />kuch esaa hi taadaamya sthaapit kar gayi <br />aapki rachnaa .... mera abhinandan svikaary ho <br />aa. Amritaa Ji ...Pradeep Yadavhttps://www.blogger.com/profile/06764495107711090668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-41237585263680389982013-01-18T06:17:42.571+05:302013-01-18T06:17:42.571+05:30शब्द-शमित , शब्द-हीन
तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन
क्...शब्द-शमित , शब्द-हीन<br />तुम-तुम-तुम बजे शाश्वत-बीन<br />क्षण-क्षण हो जिसमें लवलीन<br />उस हृत्प्रिय क्षण को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना . <br />-<br />कितना दुर्लभ होता है ऐसे क्षण पाना और तन्मय हो कर गाना !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-68784688574679729582013-01-18T01:19:44.183+05:302013-01-18T01:19:44.183+05:30✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
♥सादर वंदे मातरम् !♥
♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁...<b> </b> <br /><b> </b> <br />✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in/" rel="nofollow"><br />♥सादर वंदे मातरम् !♥<br /></a></b>♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿<br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b> जब शब्द-व्यूह पुन:<br />अपने मूल स्रोत में समा जाए<br />तब जो भी अर्थ शेष रह जाए<br />वही तुमसे कोई गीत रचा जाए<br />उस शेषनाद को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:<br />उसी राग-रंग के संग गाये<br />एक मुक्त प्रार्थना नभ छू आये<br />और वेदना भी गंगा-यमुना बन जाए<br />उस अविरल धार को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना... </b> <br /><b> </b> अत्युत्कृष्ट !<br /><br /><b> आदरणीया अमृता तन्मय जी </b><br />बहुत <b> तन्मय </b> हो कर <b> अमृत </b>-पान किया आपके इस अप्रतिम अद्भुत अलौकिक गीत का ... <b> </b> <br /><br />अभी एक बार और पढ़ने आऊंगा ...<br />एक-दो शब्दों के अर्थ अच्छी तरह से समझ कर शेष आनंद लेने के लिए ... <br />यथा - <b> पुरत: / हृत्प्रिय </b> <br /><b> </b> :)<br /><br /><br />नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ही <br /><b>हार्दिक मंगलकामनाएं …<br />लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर के लिए !</b> <br />... और शुभकामनाएं आने वाले सभी उत्सवों-पर्वों के लिए !!<br />:) <br />राजेन्द्र स्वर्णकार <br />✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿<br /><b> </b> <br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-28332920072500592462013-01-17T23:57:41.412+05:302013-01-17T23:57:41.412+05:30अमृता जी पूरी तन्मयता से पढ़ी कविता..पढ़ी क्या गुन...अमृता जी पूरी तन्मयता से पढ़ी कविता..पढ़ी क्या गुनगुता चला गया साथ...बेहतरीन कविता....आप कैसे लिख लेती हैं इतनी सुंदर कविता..शब्द दर शब्द ..मोती की माला सी कविताRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79336424335243484752013-01-17T20:52:56.427+05:302013-01-17T20:52:56.427+05:30जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:
उसी राग-रंग के संग गाये
ए...जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:<br />उसी राग-रंग के संग गाये<br />एक मुक्त प्रार्थना नभ छू आये<br />और वेदना भी गंगा-यमुना बन जाए<br />उस अविरल धार को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br />बहुत सुन्दर अद्दभुत शब्दों में भाव संजोये हैं अम्रता जी क्या कहने बधाई आपको इस सुन्दर गीत के लिए Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-1705626053681333112013-01-17T12:48:11.119+05:302013-01-17T12:48:11.119+05:30अमृता जी,कुछेक कठिन शब्दों को छोड़कर पूरी कविता नि...अमृता जी,कुछेक कठिन शब्दों को छोड़कर पूरी कविता निशब्द कर गयी...आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-86674927944142838822013-01-17T12:46:52.723+05:302013-01-17T12:46:52.723+05:30निशब्द से गुजर कर जो शब्द निकलता है वही वेद बन जात...निशब्द से गुजर कर जो शब्द निकलता है वही वेद बन जाता है..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-83427630511786648142013-01-17T09:47:21.795+05:302013-01-17T09:47:21.795+05:30फिलहाल तो इस शब्द व्यूह में अटके हैं ...
दर्द से य...फिलहाल तो इस शब्द व्यूह में अटके हैं ...<br />दर्द से या ख़ुशी से जो बोल उपजे , उन्ही को गीत बनाकर गा लेना !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90359811246038826292013-01-17T01:27:47.813+05:302013-01-17T01:27:47.813+05:30wov excellent poetry..
great comand on language..wov excellent poetry..<br />great comand on language..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-66798165712646184752013-01-17T00:21:27.589+05:302013-01-17T00:21:27.589+05:30जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:
उसी राग-रंग के संग गाये
ए...जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:<br />उसी राग-रंग के संग गाये<br />एक मुक्त प्रार्थना नभ छू आये<br />और वेदना भी गंगा-यमुना बन जाए<br />उस अविरल धार को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />बहुत सुंदर रचना .... हर पंक्ति जैसे मंत्रोचार की जा रही हो संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-15855468064285312752013-01-16T23:27:22.351+05:302013-01-16T23:27:22.351+05:30शब्द-शून्य , शब्द-रिक्त
उसी भाव में हो दृढ़ चित्त
...शब्द-शून्य , शब्द-रिक्त<br />उसी भाव में हो दृढ़ चित्त<br />थिरकता हुआ ये जीवन-नृत्य<br />उस धुन को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />अतुलनीय भाव और अनुपम शब्द चयन..........अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-16520972510172141222013-01-16T22:23:38.582+05:302013-01-16T22:23:38.582+05:30जब शब्द-व्यूह पुन:
अपने मूल स्रोत में समा जाए
तब ज...जब शब्द-व्यूह पुन:<br />अपने मूल स्रोत में समा जाए<br />तब जो भी अर्थ शेष रह जाए<br />वही तुमसे कोई गीत रचा जाए<br />उस शेषनाद को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />निःशब्द करती रचना जहाँ भावों की गहनता देखते बनती है Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-34110262119203632472013-01-16T21:56:18.550+05:302013-01-16T21:56:18.550+05:30शब्दों के भ्रम से शब्दहीन होने तक के सफर का स्वागत...शब्दों के भ्रम से शब्दहीन होने तक के सफर का स्वागत है। जिसकी मंजिल एक गीत है। जिसे गाने की गुजारिश कविता के मर्म को स्पष्ट करती है। लेकिन सवाल बना रहता है कि क्या शब्द हीनता की अवस्था के बाद शब्दों की मजूरी करने वाला कवि बेरोजगार हो जाएगा।वृजेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14993147600916233758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11238231404944188782013-01-16T20:28:00.397+05:302013-01-16T20:28:00.397+05:30Ati sundar kriti..badhai...!Ati sundar kriti..badhai...!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14112100275262110119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73169189224711657762013-01-16T16:23:55.009+05:302013-01-16T16:23:55.009+05:30शब्द-शून्य , शब्द-रिक्त
उसी भाव में हो दृढ़ चित्त
...शब्द-शून्य , शब्द-रिक्त<br />उसी भाव में हो दृढ़ चित्त<br />थिरकता हुआ ये जीवन-नृत्य<br />उस धुन को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br />अनुपम भाव संयोजन <br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77149676965942094602013-01-16T13:42:59.710+05:302013-01-16T13:42:59.710+05:30जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:
उसी राग-रंग के संग गाये
ए...जब शब्द-ब्रह्म पुन:-पुन:<br />उसी राग-रंग के संग गाये<br />एक मुक्त प्रार्थना नभ छू आये<br />और वेदना भी गंगा-यमुना बन जाए<br />उस अविरल धार को तुम पा लेना<br />बस उसी गीत को तुम गा लेना...<br /><br />बहुत ही मधुर, लाजवाब भावपूर्ण रचना ...<br />आनंद आ गया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com