tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post5902819218211150919..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: पियहद ही बिसराम .........Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4417281295568548522016-10-13T20:32:36.742+05:302016-10-13T20:32:36.742+05:30ये क्या भाई ? ये क्या भाई ? Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33031981769052919232016-09-23T21:58:22.757+05:302016-09-23T21:58:22.757+05:30पिया की चाह और उठती हुयी वेदना को बाखूबी बयान किया...पिया की चाह और उठती हुयी वेदना को बाखूबी बयान किया है ...भाव को शब्द का रूप दिया है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-43196837895061764572016-09-23T12:31:50.843+05:302016-09-23T12:31:50.843+05:30पीड़ा के काँटे से पीड़ा का उच्छेदन करना इसे ही कहत...पीड़ा के काँटे से पीड़ा का उच्छेदन करना इसे ही कहते हैं. बोलचाल की भाषा में बहुत ही सुंदर लिखा है आपने.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44592997437215885872016-09-22T23:18:26.906+05:302016-09-22T23:18:26.906+05:30इतनी ,,,,,,,अद्भुत भाव सोच ,,,,सोच कर भी कुछ लिखा...इतनी ,,,,,,,अद्भुत भाव सोच ,,,,सोच कर भी कुछ लिखा नहीं जा रहा है। भावों को शब्दों का रूप देकर इस कविता के लिए कुछ भी लिखना मेरे बस की तो नहीं ही है<br />इस कविता के माध्यम आध्यत्म ' और प्रेम का अद्भुत संगम ओस रचना को कल जयी बना देगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16550236924589424468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-58725539828396890022016-09-22T23:17:56.413+05:302016-09-22T23:17:56.413+05:30इतनी ,,,,,,,अद्भुत भाव सोच ,,,,सोच कर भी कुछ लिखा...इतनी ,,,,,,,अद्भुत भाव सोच ,,,,सोच कर भी कुछ लिखा नहीं जा रहा है। भावों को शब्दों का रूप देकर इस कविता के लिए कुछ भी लिखना मेरे बस की तो नहीं ही है<br />इस कविता के माध्यम आध्यत्म ' और प्रेम का अद्भुत संगम ओस रचना को कल जयी बना देगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16550236924589424468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-48504558873319338492016-09-22T22:04:38.702+05:302016-09-22T22:04:38.702+05:30जो बोलैं सो पियकथा
दूजा सबद न कोय
सबद- सबद पियहिं ...जो बोलैं सो पियकथा<br />दूजा सबद न कोय<br />सबद- सबद पियहिं पुकारिं<br />पिय परगट न होय<br /><br />आर्त उदगार <br /><br />पुकार आर्त होगी तो आरती होगी <br />आरती में ही पिय अवश्य प्रगट होंगे अमृता जी <br />Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77910094624442432662016-09-22T22:04:15.037+05:302016-09-22T22:04:15.037+05:30जो बोलैं सो पियकथा
दूजा सबद न कोय
सबद- सबद पियहिं ...जो बोलैं सो पियकथा<br />दूजा सबद न कोय<br />सबद- सबद पियहिं पुकारिं<br />पिय परगट न होय<br /><br />आर्त उदगार <br /><br />पुकार आर्त होगी तो आरती होगी <br />आरती में ही पिय अवश्य प्रगट होंगे अमृता जी <br />Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-60736372497975480652016-09-20T19:32:32.506+05:302016-09-20T19:32:32.506+05:30सुन्दर शबद जैसे ही शब्द!सुन्दर शबद जैसे ही शब्द!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4948114362570452972016-09-20T17:16:43.624+05:302016-09-20T17:16:43.624+05:30जो बोलैं सो पियकथा
दूजा सबद न कोय
सबद- सबद पियहिं ...जो बोलैं सो पियकथा<br />दूजा सबद न कोय<br />सबद- सबद पियहिं पुकारिं<br />पिय परगट न होय- वाह रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-85623163490769558452016-09-20T15:50:24.302+05:302016-09-20T15:50:24.302+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-09-2016) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "एक खत-मोदी जी के नाम" (चर्चा अंक-2472) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' <br /> डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-3232241446495329362016-09-20T11:18:05.569+05:302016-09-20T11:18:05.569+05:30यह विरह वेदना!!......कैसे इससे पार होंं!!यह विरह वेदना!!......कैसे इससे पार होंं!!Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-28230448729803439862016-09-20T11:14:26.502+05:302016-09-20T11:14:26.502+05:30आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 21 सितम्बर 2016 को लिंक की गई है....<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11126643599315610282016-09-20T10:01:58.373+05:302016-09-20T10:01:58.373+05:30जो पुकारे रातदिनि, पिया उसी में बासे
चुप हो जाये ...जो पुकारे रातदिनि, पिया उसी में बासे <br />चुप हो जाये पल भर जो, तभी वो बाहर झांके Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44754799187622498552016-09-19T15:57:26.184+05:302016-09-19T15:57:26.184+05:30http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/1.htmlhttp://bulletinofblog.blogspot.in/2016/09/1.htmlरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com