tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post4934223698099668335..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: प्रेम का ही आभार है ...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-83640785275715032182013-02-06T07:50:50.642+05:302013-02-06T07:50:50.642+05:30अभी उसे तो देखा भी नहीं है
जो मिले ...अभी उसे तो देखा भी नहीं है<br /> जो मिले भी तो मैं पहचानूँ ना<br /> बस प्रीति लगी है उस नाम की<br /> कैसे लगी यह भी मैं जानूँ ना<br /><br /><br />कुछ कह नहीं सकती यह कि<br />ये अर्घ है या अलख प्रतिकार है<br />ये पीड़ा है मुझे बड़ी प्रिय<br />जो प्रेम का ही आभार है .<br /><br /><br />वाह बहुत बढ़िया Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-61227599590827631092013-02-04T15:00:39.645+05:302013-02-04T15:00:39.645+05:30कुछ कह नहीं सकती यह कि
ये अर्घ है या...कुछ कह नहीं सकती यह कि<br /> ये अर्घ है या अलख प्रतिकार है<br /> ये पीड़ा है मुझे बड़ी प्रिय<br /> जो प्रेम का ही आभार है .<br /><br />क्या बात है ... सच में कभी कभी समजना मुश्किल होता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57847357753759997612013-02-03T16:56:05.186+05:302013-02-03T16:56:05.186+05:30पीड़ा है मुझे बड़ी प्रिय
जो प्रेम...पीड़ा है मुझे बड़ी प्रिय<br /> जो प्रेम का ही आभार है ....वाह!Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-63502293059353164212013-01-31T15:49:26.531+05:302013-01-31T15:49:26.531+05:30 कुछ कह नहीं सकती यह कि
... कुछ कह नहीं सकती यह कि<br /> पाकर भी उसे पा ही लूँगी<br /> जो पा भी लिया उसे तो<br /> सबसे मैं तो छिपा ही दूँगी<br /><br />तुम उसे यूँ छुपा न पाओगे......बड़ी दूर तक महक पहुँचती है उसकी :-)इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73796487912918593052013-01-31T14:43:43.058+05:302013-01-31T14:43:43.058+05:30अंतस को छूते अहसास..बहुत सुन्दर अंतस को छूते अहसास..बहुत सुन्दर Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-81771016123914014752013-01-31T00:26:26.696+05:302013-01-31T00:26:26.696+05:30 प्यारी रचना बहुत ही अच्छी लगी
ये पीड़ा है मुझे बड... प्यारी रचना बहुत ही अच्छी लगी<br />ये पीड़ा है मुझे बड़ी प्रिय<br />जो प्रेम का ही आभार है .SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5https://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-22409600397105119472013-01-30T20:34:04.324+05:302013-01-30T20:34:04.324+05:30अभी उसे तो देखा भी नहीं है
जो मिले भी तो मैं पहचान...अभी उसे तो देखा भी नहीं है<br />जो मिले भी तो मैं पहचानूँ ना<br />बस प्रीति लगी है उस नाम की<br />कैसे लगी यह भी मैं जानूँ ना<br /><br />Ati Sundar Kriti.. Badhai..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14112100275262110119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-14026151012180239802013-01-30T17:15:17.132+05:302013-01-30T17:15:17.132+05:30वाह . बहुत सुन्दर . हार्दिक आभार आपका .वाह . बहुत सुन्दर . हार्दिक आभार आपका .Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-3014460998798916002013-01-30T14:56:01.187+05:302013-01-30T14:56:01.187+05:30आभार इतना कि हर भार से
अतिगत ही जै...आभार इतना कि हर भार से<br /> अतिगत ही जैसे अछूती हूँ<br /> अछूती-अछूती ही हरपल<br /> प्रिय को ऐसे मैं छूती हूँ<br /><br />वह सदा अनछुआ ही रह जाता है.. सुंदर शब्द..कोमल भाव..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56604852110163134652013-01-30T12:37:35.112+05:302013-01-30T12:37:35.112+05:30meera ke priy shyam....! thik vaisee hi preet, vai...meera ke priy shyam....! thik vaisee hi preet, vaisa hi prem vaisa hi vishvaas aur vaisa hi virah!! bahut sundar!!Sunitamohanhttps://www.blogger.com/profile/10616319094256028882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11512653658808677392013-01-30T11:12:25.799+05:302013-01-30T11:12:25.799+05:30भगवन श्री कृष्णा ने मोहविस्ट अर्जुन को कर्म और अकर...भगवन श्री कृष्णा ने मोहविस्ट अर्जुन को कर्म और अकर्म में की विवेचना करते हुए क्षत्रिय धर्म की पालन की आज्ञा देते हुए संसय से मुक्त होने की उपदेश देते है.पर आप जैसे बिद्वान लोगों से ऐसी ब्याख्या अटपटी सी लगी .कविता की आत्मा प्रेम और समर्पण की है .यंहा संसय तो होता नहीं होता है समर्पण और विरह की बेदन.होती है .इतनी गहरे भावों को तो सिर्फ बिम्बित ही किया जा सकता है .अनुभूट किया जा सकता है.शब्द तो सिर्फ इंगित करते है.आप के द्वरा संसय जैसे शब्द हम पाठकों को संसय में ही डाल देते है.सोचने पर विवश होना पड़ता है की संसय किसे है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16550236924589424468noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-2577089120459801062013-01-30T10:44:27.589+05:302013-01-30T10:44:27.589+05:30@
कुछ कह नहीं सकती यह कि
यही धुन उसने भी गाया होगा...@<br />कुछ कह नहीं सकती यह कि<br />यही धुन उसने भी गाया होगा<br />मतवाली-मतवाली फिरती देख<br />मुझपर उसका मन आया होगा<br /><br />वाह ....<br />बड़ी प्यारी रचना Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4992512637857885882013-01-30T10:31:43.596+05:302013-01-30T10:31:43.596+05:30शुक्रिया आपकी अनमोल टिपण्णी का .
अमूर्त प्रेम का ...शुक्रिया आपकी अनमोल टिपण्णी का .<br /><br />अमूर्त प्रेम का आधारीय आकर्षण आबिद्ध है इस रचना में .सुन्दर आकर्षक मोहक प्रस्तुति .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-26854682319266969672013-01-29T22:44:54.629+05:302013-01-29T22:44:54.629+05:30कुछ मीरा की पीड़ा कुछ मिरा का प्रेम दिखा।कुछ मीरा की पीड़ा कुछ मिरा का प्रेम दिखा।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-63404165070544002612013-01-29T21:45:38.463+05:302013-01-29T21:45:38.463+05:30 कुछ कह नहीं सकती यह कि
यही धुन उसने भी गाया होगा... कुछ कह नहीं सकती यह कि<br /> यही धुन उसने भी गाया होगा<br /> मतवाली-मतवाली फिरती देख<br /> मुझपर उसका मन आया होगा।<br /><br />मधुर भावों से सिंचित आपकी यह रचना बहुत ही अच्छी लगी। धन्यवाद।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-54577805404469107512013-01-29T20:20:07.210+05:302013-01-29T20:20:07.210+05:30कवि लिखता है तो कितने भावों को पिरो कर , पाठक ...कवि लिखता है तो कितने भावों को पिरो कर , पाठक आता है और एक सरसरी निगाह से देख कर निकल जाता हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30040257527292999102013-01-29T14:14:37.774+05:302013-01-29T14:14:37.774+05:30 निरुपमा ... निरुपमा ...Pradeep Yadavhttps://www.blogger.com/profile/06764495107711090668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-59536860269767703172013-01-29T10:37:14.037+05:302013-01-29T10:37:14.037+05:30कुछ कह नहीं सकती यह कि
ये अर्घ है या अलख प्रतिकार ...कुछ कह नहीं सकती यह कि<br />ये अर्घ है या अलख प्रतिकार है<br />waah..sundar abhivyakti...bahut khoob.Akhilhttps://www.blogger.com/profile/02906391757168902303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4146150763794111142013-01-28T23:26:16.059+05:302013-01-28T23:26:16.059+05:30इतना ही कह सकती हूँ कि
ह्रदय की हार में भी जीत है ...इतना ही कह सकती हूँ कि<br />ह्रदय की हार में भी जीत है <br />मीठी - मीठी सी पीड़ा है <br />यही प्रेम का आधार है...लाजवाब अभिव्यक्ति...आभार...संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-70333265346468129362013-01-28T16:18:02.880+05:302013-01-28T16:18:02.880+05:30प्रेम का आधार प्रेम का आभार - प्रेम है तो सबकुछ है...प्रेम का आधार प्रेम का आभार - प्रेम है तो सबकुछ है रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-69389560898041518252013-01-28T15:14:45.103+05:302013-01-28T15:14:45.103+05:30
प्रेम की पीर असली पीर होती है मीरा भाव लिए है रचन...<br />प्रेम की पीर असली पीर होती है मीरा भाव लिए है रचना। एरी मैं तो प्रेम दीवानी ...अमूर्त प्रेम का सान्द्र रूप लिए है रचना .आभार .<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-50485858609340327442013-01-28T14:59:58.746+05:302013-01-28T14:59:58.746+05:30सच्ची लगन और अद्भुत समर्पण भाव .....बहुत सुंदर कवि...सच्ची लगन और अद्भुत समर्पण भाव .....बहुत सुंदर कविता ...अमृता जी ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30737893171589459912013-01-28T10:16:09.603+05:302013-01-28T10:16:09.603+05:30प्रेम के गहरे सागर में डूबने का अपना ही मज़ा है | ब...प्रेम के गहरे सागर में डूबने का अपना ही मज़ा है | बहुत सुन्दर रचना | एक एक पंक्ति अपने आप में प्रेम की पराकाष्ठा बयां करती है | आभार | <br /><br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a><br />Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-40290722361058716452013-01-28T06:54:37.542+05:302013-01-28T06:54:37.542+05:30मैं नीर भरी दुख की बदली !मैं नीर भरी दुख की बदली !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6507875343732819952013-01-28T01:44:48.909+05:302013-01-28T01:44:48.909+05:30वाह!
आपकी यह प्रविष्टि आज दिनांक 28-01-2013 को चर्...वाह!<br />आपकी यह प्रविष्टि आज दिनांक 28-01-2013 को <a href="http://charchamanch.blogspot.in" rel="nofollow"><b>चर्चामंच-1138</b></a> पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ<br />चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.com