tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post4316651845008000948..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: सुमन-शय्या और मालपुआ...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-62660816882931541102013-07-16T23:08:04.423+05:302013-07-16T23:08:04.423+05:30एकदम सटीक सार्थक बात कही आपने । इस पर सभी को गहराई...एकदम सटीक सार्थक बात कही आपने । इस पर सभी को गहराई से विचारना और कुछ करना चाहिए । बधाई । सस्नेहAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/03051171614183614154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64830413654890220302013-07-14T21:58:53.006+05:302013-07-14T21:58:53.006+05:30बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरणबेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरणDarshan jangrahttps://www.blogger.com/profile/09680060236733028168noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-16465480100245798792013-07-14T21:58:19.906+05:302013-07-14T21:58:19.906+05:30बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरणबेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरणAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77185896669336792392013-07-14T10:52:23.137+05:302013-07-14T10:52:23.137+05:30मज़बूरी का नाम कहीं शब्द न हो जाए
इसलिए ये छोटी बा...मज़बूरी का नाम कहीं शब्द न हो जाए<br />इसलिए ये छोटी बात यूँ ही बाँट लेते हैं-<br />कि हम अपना पसीना भी उनपर बहाए<br />और शब्दों को भी उनके लिए बरगलाये....<br />------------------------------------------<br />सच में.. बातों को कहने का आपका अंदाज कितना उत्कृष्ट है ? ये इस पोस्ट से पता चलता है....राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-87604487958032004932013-07-13T17:48:18.473+05:302013-07-13T17:48:18.473+05:30निहार रंजन ji
बेईमानी की पतवार से चलाओ झूठ की नैया...निहार रंजन ji<br />बेईमानी की पतवार से चलाओ झूठ की नैया<br />पेट-भर मिले मालपूआ और मिले सुमन-शय्या.<br /><br />उत्तर में कविता लिखी<br />बहुत बढि़या<br />आपका लाईव परफार्मेन्स प्रशंसनीय है<br />Sarik Khan Filmcritichttps://www.blogger.com/profile/17714145637617737121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-38694820417101144982013-07-13T17:26:38.896+05:302013-07-13T17:26:38.896+05:30हम अपना पसीना भी उनपर बहाए
और शब्दों को भी उनके लि...हम अपना पसीना भी उनपर बहाए<br />और शब्दों को भी उनके लिए बरगलाये<br />पर वे खूब फले-फूले<br />व अपने आस-पास को भी फुलाए ...<br />अब तो हमें भी कुछ तय करना चाहिए<br />कि अपना शब्द किसपर खर्चना चाहिए ?<br /><br />Very NiceSarik Khan Filmcritichttps://www.blogger.com/profile/17714145637617737121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-44918346548688595472013-07-13T15:39:08.271+05:302013-07-13T15:39:08.271+05:30दस बीस गैलन पानी...बाप रे, पहले ही बाढ़ से भारत पर...दस बीस गैलन पानी...बाप रे, पहले ही बाढ़ से भारत परेशान है अमृता जी, अपने मुंह की खैर मनाएं..वैसे बातें धारदार हैं..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-60206673729589933072013-07-13T13:35:10.152+05:302013-07-13T13:35:10.152+05:30हर शब्द की अपनी कीमत होती है ......
विचारणीय संदर्...हर शब्द की अपनी कीमत होती है ......<br />विचारणीय संदर्भगत व गहन भाव लिए बहुत ही सुन्दर रचना <br />साभार !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-72206198729396269502013-07-12T07:56:57.403+05:302013-07-12T07:56:57.403+05:30कमाल का लिखा है दीदी!!आप सब से हटकर कवितायें लिखती...कमाल का लिखा है दीदी!!आप सब से हटकर कवितायें लिखती हैं!!कविता के माध्यम से इतनी गंभीर और विचारनीय बात वो भी इतने सुन्दर तरीके से...सिर्फ आप ही कर सकती हैं!abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73389394675290456652013-07-11T21:23:40.508+05:302013-07-11T21:23:40.508+05:30कविता के माध्यम से की गंभीर बातें कह दी आपने..कविता के माध्यम से की गंभीर बातें कह दी आपने..Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-29312510042351845372013-07-11T16:32:29.059+05:302013-07-11T16:32:29.059+05:30वैसे भी इस खण्डन-मण्डन से
उनका तो कुछ बिगड़ता नहीं...वैसे भी इस खण्डन-मण्डन से<br />उनका तो कुछ बिगड़ता नहीं है<br />और हमपर भी छप्पड़ फाड़ कर<br />सुमन-शय्या और मालपुआ बरसता नहीं है...<br /><br />सटीक कहा आपने.Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-35947673425262541072013-07-11T14:24:01.416+05:302013-07-11T14:24:01.416+05:30सटीक, गहरी बात को अलग अंदाज़ में कहने की लाजवाब अद...सटीक, गहरी बात को अलग अंदाज़ में कहने की लाजवाब अदा है आपकी रचनाओं में ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-88951180519579143132013-07-11T11:52:09.505+05:302013-07-11T11:52:09.505+05:30अब तो हमें भी कुछ तय करना चाहिए
कि अपना शब्द किसपर...अब तो हमें भी कुछ तय करना चाहिए<br />कि अपना शब्द किसपर खर्चना चाहिए ?<br />कुछ तो हममें समझदारी होनी ही चाहिए .. वरना बयानबाजी और बहस तो हम कर ही लेते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-20301912001072163382013-07-11T09:44:22.347+05:302013-07-11T09:44:22.347+05:30वैसे भी इस खण्डन-मण्डन से
उनका तो कुछ बिगड़ता नहीं...वैसे भी इस खण्डन-मण्डन से<br />उनका तो कुछ बिगड़ता नहीं है<br />और हमपर भी छप्पड़ फाड़ कर<br />सुमन-शय्या और मालपुआ बरसता नहीं है...<br /><br />बहुत खूबसूरत Rajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-85020037412413889472013-07-10T23:12:17.814+05:302013-07-10T23:12:17.814+05:30क्या बात है, ऐसे भाव आपकी ही रचना में मिल सकते हैं...क्या बात है, ऐसे भाव आपकी ही रचना में मिल सकते हैं।<br />बहुत सुंदर<br /><br /><br />कांग्रेस के एक मुख्यमंत्री असली चेहरा : पढिए रोजनामचा<br />http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/07/like.html#comment-form<br />महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-5248095311632175712013-07-10T22:32:46.122+05:302013-07-10T22:32:46.122+05:30अद़भुत भाव...खूब अद़भुत भाव...खूब रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-11020751629425862142013-07-10T17:48:15.938+05:302013-07-10T17:48:15.938+05:30अब तो हमें भी कुछ तय करना चाहिए
कि अपना शब्द किसपर...अब तो हमें भी कुछ तय करना चाहिए<br />कि अपना शब्द किसपर खर्चना चाहिए ?<br />बहुत ही गहन :)संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-84137769703967431032013-07-10T15:52:16.536+05:302013-07-10T15:52:16.536+05:30जबरदस्त..........हम क्यों व्यर्थ अपना समय और शब्द ...जबरदस्त..........हम क्यों व्यर्थ अपना समय और शब्द गवाएं......वाह अमृता जी.......शानदार ।इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33149854985989765332013-07-10T15:19:33.030+05:302013-07-10T15:19:33.030+05:30बड़ा सटीक और गहरा लिखा है..बड़ा सटीक और गहरा लिखा है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-20648705198207368732013-07-10T14:36:15.438+05:302013-07-10T14:36:15.438+05:30निश्चित रुप से हमसे आपसे समीक्षित विसंगति की व्या...निश्चित रुप से हमसे आपसे समीक्षित विसंगति की व्याख्याएं,सन्दर्भ सुमन-शैय्या और मालपुएवालों पर कोई असर नहीं डालती। अत्यन्त विचारणीय कविता।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-90048111928043524112013-07-10T14:16:38.363+05:302013-07-10T14:16:38.363+05:30हमसे-आपसे समीक्षित
संदर्भगत संक्षिप्त भूमिका भी
उस...हमसे-आपसे समीक्षित<br />संदर्भगत संक्षिप्त भूमिका भी<br />उसके मूलभाव से कोसों दूर रहती है<br />और हम देखते रहते हैं कि <br />हमारी बेबस व्याख्या<br />सुमन-शय्या और मालपुए के<br />व्यूह में ही कैसे उलझती है ....<br /><br />....बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति...बहुत सुन्दर...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-16628771647048973752013-07-10T12:56:58.234+05:302013-07-10T12:56:58.234+05:30बहुत बढिया ..गहन और सार्थक विश्लेषण। बहुत बढिया ..गहन और सार्थक विश्लेषण। Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-19041997062098561782013-07-10T09:48:50.736+05:302013-07-10T09:48:50.736+05:30शब्द के माध्यम से अभिव्यक्ति होने की प्रक्रिया में...शब्द के माध्यम से अभिव्यक्ति होने की प्रक्रिया में उचित और अनुचित या सीमाओं को बताती सार्थक कविता।साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-1739586494485474302013-07-10T09:15:18.634+05:302013-07-10T09:15:18.634+05:30शुभकामनायें आदरेया-
उम्दा प्रस्तुति-शुभकामनायें आदरेया-<br />उम्दा प्रस्तुति-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-2095520337210393732013-07-10T08:20:22.826+05:302013-07-10T08:20:22.826+05:30बिलकुल तय करना चाहिए कि अपने शब्द कहाँ खर्च करने च...बिलकुल तय करना चाहिए कि अपने शब्द कहाँ खर्च करने चाहियें। सुन्दर काव्य में गहन और सार्थक विश्लेषण। <br />सादर <br />Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.com