tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post3633976214772192695..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: नहीं अट पायेगी मेरी कविता.......Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-10796867204413588702016-09-04T12:38:13.952+05:302016-09-04T12:38:13.952+05:30कोई बम फोड़े या गोली छोड़े
या आग लगाये
अपनी ही बस्ती...कोई बम फोड़े या गोली छोड़े<br />या आग लगाये<br />अपनी ही बस्ती में<br />मैं तो डूबी रहती हूँ<br />बस अपनी मस्ती में ....<br />लिखती रहती हूँ प्रेम की कविता<br />कभी आधा बित्ता कभी एक बित्ता<br />अमृता जी - क्या बात कही है कोई बम फोड़े या गोली छोड़े मैं तो डूबी रहती हू अपनेी मस्ती में....... सही बात है नही नप पाएगी आपकी कविता किसी फीते से यह तो इसके भाव को जानने बाला ही जान पाएगा कि इस कविता की गहराई क्या है। बड़ी ही खूबसूरत रचना है आपका लिंक अब मेरे आयुर्वेदिक ब्लाग http://ayurvedlight.blogspot.in/ पर डाल रहा हूँ कृपया मेरे पाठको को भी इसका रसास्वादन करने का अवसर मिलेगा। कृपया आप भी वहाँ आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराऐंगी तो खुशी होगी।Gyanesh kumar varshneyhttps://www.blogger.com/profile/09360031175151749460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64386980448426074032016-03-05T08:35:42.770+05:302016-03-05T08:35:42.770+05:30किसी भी कविता में तो मधुरता भरी मूर्खता चाहिए। इसक...किसी भी कविता में तो मधुरता भरी मूर्खता चाहिए। इसके बाद तो सबकुछ सहज तरीके से अटने लगता है..... आधा बित्ता या एक बित्ता महज एक कोरा पैमाना है.... Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-1086569159888692082016-03-03T21:27:13.226+05:302016-03-03T21:27:13.226+05:30क्या बात है ! बेहद खूबसूरत रचना....क्या बात है ! बेहद खूबसूरत रचना....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64296117598498493212016-02-29T11:50:35.830+05:302016-02-29T11:50:35.830+05:30 पता है मुझे -
बहुत ही छोटा है सारा फीता
जिनमें कभ... पता है मुझे -<br />बहुत ही छोटा है सारा फीता<br />जिनमें कभी भी नहीं अट पायेगी<br />मेरी कविता .<br /><br />क्या कहें, सुन्दर !मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-66028117048361641172016-02-25T15:42:15.423+05:302016-02-25T15:42:15.423+05:30कविता को फ़ीते से नहीं लेखक और पढने वाले के मन से आ...कविता को फ़ीते से नहीं लेखक और पढने वाले के मन से आँका जाता है ... फीते वालों की दुनिया वहां तक ही होती है ... गहरी रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-64816755874582940672016-02-25T13:51:08.642+05:302016-02-25T13:51:08.642+05:30अपनी ही बस्ती में आग लगाने वाले कैसे मूढ़ होते हैं....अपनी ही बस्ती में आग लगाने वाले कैसे मूढ़ होते हैं..और अपनी मस्ती में गुनगुनाने वाले आप जैसे कोई बिरले..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-55619798582402761532016-02-25T13:50:44.647+05:302016-02-25T13:50:44.647+05:30लोगों की आग को रोकने के लिए कविता से बड़ा और माध्यम...लोगों की आग को रोकने के लिए कविता से बड़ा और माध्यम क्या हो सकता है? प्रशंसनीय लिखा है आपने|जितेन्द्र देव पाण्डेय 'विद्यार्थी'https://www.blogger.com/profile/17675897562201659126noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-28034136525324477112016-02-24T15:10:29.928+05:302016-02-24T15:10:29.928+05:30बहुत बढ़िया ..बहुत बढ़िया ..सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-35873864548547064112016-02-24T04:20:36.935+05:302016-02-24T04:20:36.935+05:30कभी कोरे पन्नों को
कह देती हूँ कि भर लो
जो तुम्हार...कभी कोरे पन्नों को<br />कह देती हूँ कि भर लो<br />जो तुम्हारे मन में आए -<br />भावुकता , आत्मीयता , सरलता , सुन्दरता<br />या भर लो विलासिता भरी व्याकुलता<br />या फिर कोई भी मधुरता भरी मूर्खता .....<br /><br />जब कविता पन्नों से आगे निकल जाए तो कोई फीता उसे नाप नहीं सकता. आपके शब्दों की रचनात्मक ज़िद कमाल है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-28667057373936260912016-02-23T21:39:15.707+05:302016-02-23T21:39:15.707+05:30कभी कोरे पन्नों को
कह देती हूँ कि भर लो
जो तुम्हार...कभी कोरे पन्नों को<br />कह देती हूँ कि भर लो<br />जो तुम्हारे मन में आए .<br />भावुकता , आत्मीयता , सरलता , सुन्दरता ।<br /><br />आपकी कविताओं में प्रतीकों के नए प्रयोग उसे सुपठनीय बना देते हैं । <br />बधाई ।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-56946977054983472582016-02-23T21:34:52.124+05:302016-02-23T21:34:52.124+05:30वाह..बहुत बढ़िया..कविता मन में उपजती है...किसी ...वाह..बहुत बढ़िया..कविता मन में उपजती है...किसी फीते की मोहताज नहीं रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-1204705588909434602016-02-22T21:47:06.457+05:302016-02-22T21:47:06.457+05:30Saandaar Jabarjast zindabaad. ..Saandaar Jabarjast zindabaad. ..mritunjay sonyhttps://www.blogger.com/profile/13732926571143405961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-6016669269896097472016-02-22T21:45:41.882+05:302016-02-22T21:45:41.882+05:30Saandaar Jabarjast zindabaad. ..Saandaar Jabarjast zindabaad. ..mritunjay sonyhttps://www.blogger.com/profile/13732926571143405961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-73174460275919246802016-02-22T18:12:55.970+05:302016-02-22T18:12:55.970+05:30bahut kuchsaralta se bayan kiya hai ..sundar bahut kuchsaralta se bayan kiya hai ..sundar shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-57783837790994946242016-02-22T16:36:56.308+05:302016-02-22T16:36:56.308+05:30इस कविता ने कितना कुछ खोल के रख दिया। पर सबसे बड़ी ...इस कविता ने कितना कुछ खोल के रख दिया। पर सबसे बड़ी और खास बात अपने को सुंदरतम तरीके से अभिव्यक्त कर दिया। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-58050557625965963342016-02-22T15:50:01.448+05:302016-02-22T15:50:01.448+05:30आपने लिखा...
कुछ लोगों ने ही पढ़ा...
हम चाहते हैं ...आपने लिखा...<br />कुछ लोगों ने ही पढ़ा...<br />हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...<br />इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना दिनांक 23/02/2016 को <a href="http://www.halchalwith5links.blogspot.com" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> के<br /> अंक 221 पर लिंक की गयी है.... आप भी आयेगा.... प्रस्तुति पर टिप्पणियों का इंतजार रहेगा।<br />kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.com