tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post246743119135788454..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: संतों ! संत हुई मैं .......Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-43226807253994936672019-06-27T23:24:42.009+05:302019-06-27T23:24:42.009+05:30वाह! अनंत हुई मैं, संत हुई मैं.... वाह! अनंत हुई मैं, संत हुई मैं.... संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-52099178214961136772019-02-26T05:54:48.064+05:302019-02-26T05:54:48.064+05:30यह कविता पहले तो मौन से आखर को महकाती दिख रही है औ...यह कविता पहले तो मौन से आखर को महकाती दिख रही है और फिर आखर को मौन बनाती है, नाचती है और संत हो जाती है. आखर की कोई विवशता नहीं होती. केवल अभिव्यक्ति होती है. <br />आपकी रचनाएँ दर्शन के क्षेत्र की हैं.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-67367213746325143112019-01-27T19:40:42.120+05:302019-01-27T19:40:42.120+05:30आवश्यक सूचना :
अक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प...आवश्यक सूचना :<br />अक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प्रथम आगामी अंक ( जनवरी-मार्च 2019 ) हेतु हम सभी रचनाकारों से हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। 15 फरवरी 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें- editor.akshayagaurav@gmail.com <br />अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जाएं !<br />https://www.akshayagaurav.com/p/e-patrika-january-march-2019.html'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-23362557688719671742019-01-15T20:43:14.090+05:302019-01-15T20:43:14.090+05:30आपकी नई रचना का इन्तजार है।आपकी नई रचना का इन्तजार है।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30044483348355241342019-01-15T20:42:39.681+05:302019-01-15T20:42:39.681+05:30रोआँ - रोआँ हुआ कवि
साँस - साँस कविता
अब तुझको कैस...रोआँ - रोआँ हुआ कवि<br />साँस - साँस कविता<br />अब तुझको कैसे मैं कहूँ ?<br />आखिर , अकिंचन आखर की<br />है अपनी भी , कुछ विवशता !<br />बेहतरीन लेखन । सुन्दर रचना हेतु साधुवाद आदरणीय अमृता जी।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-4999964644251971802019-01-03T18:41:06.987+05:302019-01-03T18:41:06.987+05:30नये साल कि ढेर सारी शुभकामनाऐनये साल कि ढेर सारी शुभकामनाऐसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-54232724060515117622018-12-31T22:44:01.774+05:302018-12-31T22:44:01.774+05:30आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' ३१ दिसम्बर २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य''एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-31788695378128901302018-12-29T19:46:47.451+05:302018-12-29T19:46:47.451+05:30अनंत होना अच्छा है अनंत होना अच्छा है Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.com