tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post1157748314424968059..comments2024-01-12T00:46:48.465+05:30Comments on Amrita Tanmay: आने वाला युग पढेगा हमें...Amrita Tanmayhttp://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-33904337989437515302013-07-07T07:47:24.032+05:302013-07-07T07:47:24.032+05:30हाँ, हम वही पढ़ते हैं जो हम से पहले वाला लिख गया ह...हाँ, हम वही पढ़ते हैं जो हम से पहले वाला लिख गया है. यह जारी रहता है एक शोध के रूप में, एक इतिहास के रूप में जिसमें हम कुछ दूरी तक अपना इतिहास ढूँढते हैं.<br />बहुत कचोटने वाली कविता है.Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-59016295183048104222013-07-06T04:30:39.848+05:302013-07-06T04:30:39.848+05:30आने वाले का तो पता नहीं....आज ही लोग पढ़ लें तोबेह...आने वाले का तो पता नहीं....आज ही लोग पढ़ लें तोबेहतर होगाRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-26712073608123014552013-07-03T22:59:10.998+05:302013-07-03T22:59:10.998+05:30बहुत ही तथ्यपरक , विश्लेषणपूर्ण एवं सार्थक रचना । ...बहुत ही तथ्यपरक , विश्लेषणपूर्ण एवं सार्थक रचना । हार्दिक बधाई । शुभकामनाओँ के साथ सस्नेहAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/03051171614183614154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-19722706420225300642013-07-03T20:47:10.465+05:302013-07-03T20:47:10.465+05:30Bahut BadiyaBahut BadiyaSarik Khan Filmcritichttps://www.blogger.com/profile/17714145637617737121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-77783838163169125582013-07-03T16:10:35.085+05:302013-07-03T16:10:35.085+05:30डूब कर लिखती हैं पाठको को डूबा देती हैं
इक नयी क...डूब कर लिखती हैं पाठको को डूबा देती हैं <br />इक नयी कविता की उम्मीद जगा देती हैं <br />बहुत बहुत बधाई ..आप यूं ही लिखती रहे इन्ही शुभकामनाओं के साथ Dr.Ashutosh Mishra "Ashu"https://www.blogger.com/profile/06488429624376922144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-25943573383464997672013-07-03T15:25:40.756+05:302013-07-03T15:25:40.756+05:30बेहतरीन........ हर आज याल एक अतीत बन जाएगा और इतिह...बेहतरीन........ हर आज याल एक अतीत बन जाएगा और इतिहास के पन्नो में समा जाएगा।इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-59272853960807516292013-07-03T13:54:35.655+05:302013-07-03T13:54:35.655+05:30बहुत गहन और उत्कर्ष विश्लेषण....बहुत गहन और उत्कर्ष विश्लेषण....Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-46822916210365618192013-07-03T13:38:35.357+05:302013-07-03T13:38:35.357+05:30हर दिन इतिहास बन जाता है..हम भी कल इतिहास बन जाएंग...हर दिन इतिहास बन जाता है..हम भी कल इतिहास बन जाएंगे..सही कहा अमृता जी आपने...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-82310843521369702802013-07-03T10:15:01.925+05:302013-07-03T10:15:01.925+05:30बिलकुल सही कहा आपने, ऐसा ही होता आया है ऐसा ही होत...बिलकुल सही कहा आपने, ऐसा ही होता आया है ऐसा ही होता रहेगा ,<br /><br /><br /><br />यहाँ भी पधारे ,http://shoryamalik.blogspot.in/2013/07/blog-post_1.htmlDr. Shoryahttps://www.blogger.com/profile/03251125311923382578noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-91837356222823490722013-07-03T07:41:07.738+05:302013-07-03T07:41:07.738+05:30आने वाला युग भी पढ़ता रहेगा हमें
जैसा कि अबतक पढ़त...आने वाला युग भी पढ़ता रहेगा हमें<br />जैसा कि अबतक पढ़ते आ रहे हैं हम<br />आदरणीया समय के पहियों का कल आज और कल में समावेश लिए काव्य पर बधाई , Durga prasad mathurhttps://www.blogger.com/profile/04358955077871185842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-31477601233241313742013-07-03T06:19:29.206+05:302013-07-03T06:19:29.206+05:30हर बीता हुआ दिन एक इसिहस है, आज भी इतिहास हो जाय...हर बीता हुआ दिन एक इसिहस है, आज भी इतिहास हो जायेगा <br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/07/blog-post.html#links" rel="nofollow"> मेरी माँ ने कहा !</a><br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/06/blog-post_30.html#links" rel="nofollow"> झुमझुम कर तू बरस जा बादल।।(बाल कविता )</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-49348947766803889212013-07-03T06:19:18.918+05:302013-07-03T06:19:18.918+05:30हर अगला युग को वैसे ही खड़ा पाए
जैसे कि आज हम खड़े...हर अगला युग को वैसे ही खड़ा पाए<br />जैसे कि आज हम खड़े हैं <br /><br />हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी ही होगी कुछ बेहतर न कर पायें तो बदतर होने से तो बचाएं Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30852834903036661012013-07-02T19:02:15.509+05:302013-07-02T19:02:15.509+05:30बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!
आपको सूचित करते हु...बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!<br />आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (03-07-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> .. जीवन के भिन्न भिन्न रूप ..... तुझ पर ही वारेंगे हम .!! चर्चा मंच अंक-1295 </a> पर भी होगी!<br />सादर...!<br />शशि पुरवार shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-36595471168943784022013-07-02T15:54:32.991+05:302013-07-02T15:54:32.991+05:30समय है, चलता रहता हैसमय है, चलता रहता हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-62446610017763815762013-07-01T21:45:43.870+05:302013-07-01T21:45:43.870+05:30ye aapne bilkul theek kaha hai didi!!!!
bahut achh...ye aapne bilkul theek kaha hai didi!!!!<br />bahut achhi lagi ye kavita bhi!abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-32895495655580919162013-07-01T21:10:55.991+05:302013-07-01T21:10:55.991+05:30एक दस्तावेज़ लेख और लेखन का लिखें पढ़ने योग्य सुन्...एक दस्तावेज़ लेख और लेखन का लिखें पढ़ने योग्य सुन्दर पस्तुति के लिए आभार Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-30647821673373762162013-07-01T19:00:19.169+05:302013-07-01T19:00:19.169+05:30पूरी कविता एक जीवंत दस्तावेज है....हर युग के लिए.....पूरी कविता एक जीवंत दस्तावेज है....हर युग के लिए....यह इस बात की भी गहनता से छानबीन करती है कि आखिर हम किस रूप में याद किये जायेंगे ?.......राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-27602446437906236902013-07-01T18:19:35.334+05:302013-07-01T18:19:35.334+05:30प्रत्येक लिखित शब्द और वाक्य मूल्यवान होता है और ज...प्रत्येक लिखित शब्द और वाक्य मूल्यवान होता है और जैसे-जैसे समय गुजरता है वैसे वैसे उसका महत्त्व और बढ जाता है। दुनिया के सभी लेखकों का मू्ल्य उनके समय के गुजरने के बाद ही बढा है यह सत्य हमारे सामने है ही। आपकी कविता में जिन भावों का वर्णन है वह यह भी है कि आने वाला युग पढता है इसीलिए वर्तमान में जिम्मेदारी के साथ लेखन करना चाहिए। साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदेhttps://www.blogger.com/profile/18249451298672443313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-18124934800032095392013-07-01T16:50:41.915+05:302013-07-01T16:50:41.915+05:30हिसाब देना ही होगा हमे आने वाले कल को शायद यही सोच...हिसाब देना ही होगा हमे आने वाले कल को शायद यही सोचकर समकालीन नैतिकता को नई परिभाषा मिले... गहन चिंतन से उपजी बहुत सुन्दर रचना... संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-22558316870825396092013-07-01T14:06:25.982+05:302013-07-01T14:06:25.982+05:30बहुत गंभीरता से किया गया लेखन..हर युग अपने पीछे के...बहुत गंभीरता से किया गया लेखन..हर युग अपने पीछे के युग को निहारता है, खंगालता है और सीखता है कुछ न कुछ..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-9589612608210385822013-07-01T11:45:43.419+05:302013-07-01T11:45:43.419+05:30ये क्रम है जीवन का ... सभ्यता के विकास का ...
निर...ये क्रम है जीवन का ... सभ्यता के विकास का ... <br />निरंतरता शायद इसी में है ... गहरी सोच की अभिव्यक्ति है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-2706508787977724252013-07-01T11:27:07.693+05:302013-07-01T11:27:07.693+05:30istriy-***istriy-***Aditya Tikkuhttps://www.blogger.com/profile/07149181405696484311noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-79563418060441118862013-07-01T10:26:32.047+05:302013-07-01T10:26:32.047+05:30आने वाला युग भी पढ़ता रहेगा हमें
जैसा कि अबतक पढ़त...आने वाला युग भी पढ़ता रहेगा हमें<br />जैसा कि अबतक पढ़ते आ रहे हैं हम<br /><br /><br /><br />बहुत सुंदर सोच को शब्द दिया है आपने।<br /><br />बहुत बढियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-71244028035725105642013-07-01T09:42:45.989+05:302013-07-01T09:42:45.989+05:30हर अगला युग को वैसे ही खड़ा पाए
जैसे कि आज हम खड़े...हर अगला युग को वैसे ही खड़ा पाए<br />जैसे कि आज हम खड़े हैं .<br /><br />समय का पहिया अनवरत चले ....<br />हम जो आज उसका हिस्सा हैं ....<br />कल उसका किस्सा होंगे ...<br />चलो कुछ ऐसा कर चलें ...<br /><br />आने वाला युग भी पढ़ता रहेगा हमें<br />जैसा कि अबतक पढ़ते आ रहे हैं हम<br />एक विश्लेष्णात्मक औपचारिकता का निर्वाह करके<br />अनुकरण-पुनरावृत्तियों में घुले लवणों को<br />अपने बौद्धिकीय चुम्बक से सटाते हुए<br />संभवत: कुछ दूर तक ही सही....<br /><br />बहुत सुंदर बात कही अमृता जी ....!!!<br />सुंदर मार्गदर्शन ही कहूँगी इसे ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4304125366269866195.post-59476763789387035072013-07-01T06:17:10.693+05:302013-07-01T06:17:10.693+05:30आपकी रचनाओं में विज्ञान सम्बंधित शब्दों का बड़ा ही...आपकी रचनाओं में विज्ञान सम्बंधित शब्दों का बड़ा ही अनूठा प्रयोग देखने को मिलता है। और विज्ञानं के उदाहरणों को सांकेतिक तौर पर सामाजिक पृष्ठभूमि में प्रयोग बेहद ही प्रभावशाली है आपका। बेहतरीन रचना। Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.com