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Saturday, December 31, 2011

स्वर्ण दिन आये क्या , लो गये ...


तिथियों को कई रूप में  ढल जाते  देखा
क्षण को अगले क्षण में धँस  जाते  देखा
दुःख को घर में ही एक घर  बनाते देखा
सुख को बस क्षितिज सा  लहराते  देखा

   जाग्रत स्मृतिओं में  सब  सो गये
   स्वर्ण दिन  आये  क्या  ,  लो गये

हरे-हरे  पत्ते  झटके में यूँ  झड़  जाते  हैं
खिले सुन्दर फुल  भी  यहाँ  मुरझाते  हैं
तरु-कंकाल तो  मिटने से  भय खाते  हैं
बिन  हवा  के  ही  घोंसले उजड़ जाते  हैं

   अनऋतु में भी रुत सारे बदल गये
   स्वर्ण दिन  आये   क्या  ,  लो गये

झूठ को  बैसाखियों से  दौड़  लगाते देखा
सच के खँडहर को यूँ  ही  भरभराते देखा
पंछीमन को तो जाल में  फँस जाते देखा
और जाल लिए दूर कहीं  उड़ जाते  देखा

   जो नहीं हैं हाय !  हम वही हो गये
   स्वर्ण दिन  आये  क्या  ,  लो गये

काल के अजनबी भँवर  जब पड़  जाते हैं
कई-कई शिखर अनजीते  ही रह  जाते हैं
पाँव तले  हर  पड़ाव भी  खिसक  जाते हैं
और  हार को  हार बना  गले  लटकाते  हैं

   पानी देखते ही वाह! प्यास हो गये
   स्वर्ण दिन  आये  क्या  ,   लो गये .






47 comments:

  1. वक़्त के हाथों कठपुतली और दुनिया के हाथों में खिलौना ....
    यही प्रारब्ध है ....!!
    गहन गंभीर .....अध्ययन ...जीवन का ...!!
    बहुत सुंदर रचना ....!!

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  2. तिथियों को कई रूप में ढल जाते देखा
    क्षण को अगले क्षण में घंस जाते देखा
    दुःख को घर में ही एक घर बनाते देखा
    सुख को बस क्षितिज का लहराते देखा..
    ... जीवन की क्षणभंगुरता के बीच दुःख-सुख के पलों की नश्वरता की ओर संकेत करती रचना बहुत कुछ सोचने पर बाध्य करती हैं..
    मेरा मानना है दुःख है तो तभी सुख का अस्तित्व है..धुप है तो छाव भी है..
    बहुत बढ़िया प्रस्तुति..
    आपको भी सपरिवार नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!

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  3. jab jivan mei bahut adhik dukh aaye tho samjh lena chahiye ki ab sukh aane ko hai .....har rat ke bat savera hona hi hain..


    wish u happy new year

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  4. हर दिन में झाँका और पाया,
    हर दिन पहले ही जैसा था।

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  5. सुन्दर,बेहतरीन,लाजबाब.
    अमृता जी आपका नही कोई जबाब

    आभार जी बहुत बहुत आभार.

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  6. हर दिन में झाँका और पाया,
    हर दिन पहले ही जैसा था।
    बहुत सुंदर रचना
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
    vikram7: आ,साथी नव वर्ष मनालें......

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  7. बहुत खूब! लाज़वाब प्रस्तुति..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

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  8. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

    सादर

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  9. बहोत अच्छी लगी ।

    हिंदी ब्लॉग
    हिन्दी दुनिया ब्लॉग

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  10. भावपूर्ण रचना. आभार

    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.

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  11. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

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  12. सुन्दर अभिव्यक्ति.........नववर्ष की शुभकामनायें.....

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  13. सारी समस्याएं अपनी ही बनाई लगती हैं अमृता जी। न हमारी जीवन-शैली बदलेगी,न जीवन के स्वर्णिम पलों को हम जी पाएंगे। आइए,नववर्ष में एक नई शुरूआत का संकल्प लें।

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  14. सुन्दर अभिवयक्ति....नववर्ष की शुभकामनायें.....

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  15. नववर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं......

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  16. संकल्प के व्यूह से अलग रहो
    क्या अच्छा है क्या बुरा समझो
    चयन करो , कदम उठाओ
    नया वर्ष तुम्हारा है ..... विश्वास रखो

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  17. सुंदर रचना।

    आपको और आपक‍े परिवार को भी नव वर्ष की शुभकामनाएं......
    नया साल आपके जीवन में समृध्दि और खुशहाली लेकर आए.....

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  18. नये वर्ष की शुभकामनायें।
    सुन्दर कल्पना....

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  19. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

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  20. भावपूर्ण अंदाज
    नववर्ष की शुभकामनाएं

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  21. नव वर्ष की असीम शुभकामनाये आपको और आपकी समर्थ लेखनी को .

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  22. न जाने कितने वर्ष से नववर्ष मनाते और उसे जाते देखा। बढिया रचना के लिए बधाई।

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  23. अमृता जी, अपने काव्य के माध्यम से जिस सच्चाई को अपने बयान किया है, वह हर दिल को सालती है.. पर पता नहीं किस भ्रम में जिए जाते हैं सभी... बहुत सुंदर दिल के करीब ले जाती हुई रचना...

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  24. वक्त रहता नहीं कभी टिककर इसकी आदत भी आदमी सी है...

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  25. प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं । धन्यवाद ।

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  26. नए साल की आपको हार्दिक शुभकामना.
    what i should say ?
    each word is expressing the deep understanding of life. it is rally fantastic to read such poetry. i always try to run behind the each idea which catches my attention to know the diffrent perceptions it carries. so that i could find a broader view to look at things , ideas, event and people. thanks.

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  27. बहुत सुंदर,भावपूर्ण लेखनी
    नया साल सुखद एवं मंगलमय हो,..
    आपके जीवन को प्रेम एवं विश्वास से महकाता रहे,

    मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--

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  28. नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ

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  29. बहुत सुन्दर प्रस्तुति|

    आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  30. Amrita,

    CHAAR KAVITAYEN PARHI. KABHI KABHI PARH KAR SURUR AA GAYAA. MEETHA MEETHA MEIN BAL KAA VARNAN SACH HAI, KYAA MEIN THEEK SOCH RAHAA HOON? YEH SAHI HAI KI SWARN WALE DIN JALDI BEET JAATE HAIN.

    Take care

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  31. गहन गंभीर लाजवाब रचना... नववर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं...

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  32. आप को सपरिवार नव वर्ष 2012 की ढेरों शुभकामनाएं.

    इस रिश्ते को यूँ ही बनाए रखना,
    दिल मे यादो क चिराग जलाए रखना,
    बहुत प्यारा सफ़र रहा 2011 का,
    अपना साथ 2012 मे भी इस तहरे बनाए रखना,
    !! नया साल मुबारक !!

    आप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया, आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ, एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से नया साल मुबारक हो ॥


    सादर
    आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
    एक ब्लॉग सबका

    आज का आगरा

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  33. waqt ret ki tarah hota hain jitna pakdenge utna jaldi bhagega
    sundar rachna
    nav varsh ki bahut bahut shubhkaamnaye
    think positive

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  34. बहुत ही खुबसूरत नयी आशा नयी मुराद के साथ ये नया साल खुशियों भरा हो|

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  35. sundar prastuti..
    नव वर्ष मंगलमय हो !
    बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....

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  36. नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  37. बहुत अच्छी भावमयी रचना .. नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  38. वाह! वाह! सुन्दर अभिव्यक्ति... सादर बधाई और नूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं

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  39. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !

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  40. Sundar rachna.....

    Naya saal aapke jeewan mein khushiyon ki bahar laye.

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  41. naye varsh ki hardik shubhkamnayen. bahut hi achi kavita.
    Utkarsh
    www.utkarsh-meyar.blogspot.com

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  42. sukh ko bas kshitij sa ......
    naveenta liye hue hoti hain aapki rachnaayen

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  43. बहुत बढिया प्रस्तुति,सुंदर अभिव्यक्ति ......
    WELCOME to--जिन्दगीं--

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  44. मन पर कभी अनचाहे मौसम घिर आते हैं अनपेक्षित अतिथि की तरह. सुंदर कविता.

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  45. दुःख को घर में ही एक घर बनाते देखा
    सुख को बस क्षितिज सा लहराते देखा...

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    धीर गंभीर

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