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Tuesday, December 27, 2011

मीठा-मीठा

जमाने से जमा
जमाने भर की
शिकवा - शिकायतों को
बड़ी सी गठरी में डाल
जोरदार गाँठ लगा
पीठ पर लादकर
जमाने से जमा
सारी खीज और झल्लाहटों को
पीसकर भांग सा गोली बना
झटके में हलक से उताड़ने पर
धीरे-धीरे चढ़ता है जो सुरूर
फुर्र हो जाता है सारा ग़रूर
अपने ही पिंजरे को तोड़
कोई उड़ जाता है
आसमानी जहाँ में पहुँच
आसमान सा हो जाता है
बादलों पर बैठ कर
हवा संग बलखाता है
कौंधते बिजली को पकड़
चाँद को मुँह चिढ़ाता है
लाख मना के बावजूद
अजीब सा दाढ़ी - मूँछ
उसके मुँह पर बनाता है
ऊँघते हुए सूरज के
सातों घोड़े की पूंछ में
जलता पटाखा बाँध आता है
बिखरे सितारों को भी
एक कतार में खड़ा कर
थोड़ा वर्जिश करवाता है
ओह ! वह चुहलबाज़
दम भर सबके
नाक में दम कर देता है
इसी भागा-दौड़ी में
पीठ पर लदी गठरी भी
कहीं गिर जाती है
सारी खीज और झल्लाहट
मीठी-मीठी शरारत में
बदल जाती है
और जमाने भर से
जमाने भर के लिए
दबा कर रखा हुआ
कुछ मीठा-मीठा सा
उभर आता है .
 
  
  

42 comments:

  1. और तब ,कल्पनाओँ की पोटली खुल कर अक्षर- अक्षर बिखरने लग जाती है!

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  2. गठरी गिर ही जाए तो बेहतर ... और ये मिठास कायम रहे ..सुन्दर प्रस्तुति

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  3. अपने मन का शरारती चेहरा. खूबी से ब्यान करती कविता.

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  4. आप भी न तन्मय होकर क्या क्या लिख देतीं हैं.
    पर जो लिखतीं हैं सुन्दर और सटीक लिखतीं हैं
    जिससे मन तन्मय हो जाता है.

    मेरे ब्लॉग पर आप आईं और सुन्दर सुवचनों
    से आपने मुझे निहाल कर दिया.कैसे शुक्रिया
    कहूँ आपके गूढ गुरू वचनों के लिए.
    नमन आपको,सादर नमन.

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  5. ज़माने से जमा ज़मीन मे जाने के समय कोई साथ नहीं ले जाता :)

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  6. वाह! सच है जब शिकवे शिकायत भुला दिए जाते हैं तो जीवन में खुशियाँ ही खुशियाँ रह जाती हैं..बहुत सारगर्भित और भावमयी प्रस्तुति..

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  7. वाह ...बहुत ही मधुर शरारती सी रचना ....

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  8. शिकवे शिकायतों को इस तरह मीठी मुस्कान में बदलते देखा कि सब कुछ आसमानी लगने लगा ...
    बेहतरीन रचना !

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  9. मिठास कायम रहे .... वाह

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  10. वाकई अमृता जी ... सारी खीज शरारत में बदल जाती है, बदल गई - बहुत अनुभवी अंदाज

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  11. वाह ! बहुत खूब ! सारी शिकायतें बांध कर आप सूरज के घर ही क्यों न छोड़ आयीं बाद में खुलने का डर भी न रहता...

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  12. सुभानाल्लाह........काश हम सब भी ज़माने भर की गंदगी (क्रोध, मोह, लालच) की एक गढ़री बाँध कर उन्हें कहीं फेक सकते...........बहुत ही सुन्दर पोस्ट..........हैट्स ऑफ इसके लिए|

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  13. बहुत ही मीठा -मीठा लगा सब कुछ ...

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  14. mithas to aata hi hai ....bahut sundar rachana Amrita ji .

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  15. bahut sunder bhulne mein hi bhalai hai...........

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  16. पहली बार आप के ब्लॉग पर आना हुआ,अच्छा लगा आप का ब्लॉग......आप की रचना भी मीठी मीठी लगी.....:)
    उम्दा लिखती है आप .....

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  17. गहरी अभिव्‍यक्ति।
    सुंदर रचना।

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  18. अरे वाह! फंतासी की कोई तो पृष्ठभूमि होगी ? :)

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  19. रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । नव वर्ष -2012 के लिए हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद ।

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  20. दबा कर रखा हुआ
    कुछ मीठा-मीठा सा
    उभर आता है
    बहुत सुन्दर रचना

    vikram7: आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें.....

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  21. खुदा की खुमारी मदमस्त मस्ती
    वही है हृदय मैं यही मेरी हस्ती

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  22. फिक्र का तो जिक्र ही न हो... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति..

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  23. बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन रचना,.....
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

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  24. बहोत अच्छी कविता ।

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  25. खूबसूरत एहसास .बेहद सुन्दर विस्तार और भाव समेटे रचना,व्यापक फलक पर फैलाती उजास .नव वर्ष मुबारक .

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  26. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति |
    नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
    आशा

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  27. कल 31-12-2011को आपकी कोई पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  28. bhaang ki goli banakar nigalne ka khayl achchha hai ...aapke jivan me sadaiv mithas ghuli rahe..shubhkaamnaon kesaath navvarsh mangalmay ho

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  29. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति………………आगत विगत का फ़ेर छोडें
    नव वर्ष का स्वागत कर लें
    फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
    चलो कुछ देर भरम मे जी लें

    सबको कुछ दुआयें दे दें
    सबकी कुछ दुआयें ले लें
    2011 को विदाई दे दें
    2012 का स्वागत कर लें

    कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
    कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
    एक शाम 2012 के नाम कर दें
    आओ नववर्ष का स्वागत कर लें

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  30. बड़ी मनमोहक रचना है आदरणीया अमृता जी... सादर बधाई और
    नूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं

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  31. अमृता जी, आपसे ब्लॉग जगत में परिचय होना मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है.बहुत कुछ सीखा और जाना है आपसे.आपके सुवचन गूढ़ और प्रेरणादायी रहे हैं.इस माने में वर्ष २०११ मेरे लिए बहुत शुभ और अच्छा रहा.

    मैं दुआ और कामना करता हूँ की आनेवाला नववर्ष आपके हमारे जीवन
    में नित खुशहाली और मंगलकारी सन्देश लेकर आये.

    नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  32. बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍दों का संगम
    नववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

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  33. आपको और परिवारजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  34. नया साल लो आ गया,गया पुराना साल.
    खुशियों से कर जाए ये,तुमको मालामाल.

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  35. वाह वाकई मीठा है ....

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