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Wednesday, June 30, 2010

संभावनाओं के बीज

अपने  ह्रदय के उपजाऊ भूमि पर

मैं करती रहती हूँ

असीम संभावनाओं की खेती

हर बेहतर आज और कल के लिए

उम्मीदों से करती हूँ जुताई

बुद्ध , गाँधी से लेती हूँ बीज 

शांति , प्यार का करती हूँ बुवाई 

आशाओं का बनाती हूँ मेढ़

कल्पनाओं से देती हूँ उष्णता 

अनंत इच्छाएं बन बरसती हूँ 

करुणा से उसे सींचती हूँ 

आशंका , दु:स्वप्न , अनहोनी ......का 

करती रहती हूँ निराई-गुराई 

लहलहाती झूमती -गाती फसलों को 

देख खुश होती रहती हूँ 

कि कहीं पेट की आग से बचने को 

कई जिंदगियां कर लेते हैं 

स्वयं ही सामूहिक अंत 

होने लगती है ऑनर किलिंग 

कोई लिख जाता है..' आई  क्वीट '

कहीं मनाई जाती है दीवालियाँ

तो कहीं खेली जाती है खून से होलियाँ 

अतिवृष्टि , अनावृष्टि कर देते हैं 

मेरे फसलों को बर्बाद ....

एकबारगी मेरा ह्रदय हो जाता है बंजर 

और मैं फिर से जुट जाती हूँ 

संभावनाओं के बीज की खोज में   . 

22 comments:

  1. बहुत कुछ कहती है आपकी यह कविता।

    सादर

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  2. भुत अच्चा लिखा है ..बधाई

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  3. sunder bhaav,ativrishti ,anavrishti kr dete hain meri fslon ko brbaad.......fir se jut jaati hun .....sambhavnaon ke beej ki khoj mein .....
    YHI JEEVAN HAI TANMAY JI

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  4. sambhaawnaaon ke utkrisht bij naye kal kee nai ummeed hain

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  5. संभावनाएं कभी नहीं मरती ..बस आपकी तरह कोई उन्हें सीचने वाला चाहिए.
    बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति.

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  6. संभावनाओं के बीज खोजना और फिर उनकी खेती करना...अनुपम सोच..सार्थक लेखन..बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें.

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  7. भुत भुत अच्चा लिखा है आपने.

    अमृता जी,मुझे भी खेती करना सिखला दीजियेगा न.
    मुझे तो संभावनाओं के बीज आपसे ही मिल रहे हैं.
    फिर बहुत बहुत अच्छे से मैं भी लिख सकूंगा जी.

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  8. koshish nahi karenge to ujde chaman ujde hi rahenge isliye koshishe karte rahna hi hamara karam hai....

    sunder abhivyakti.

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  9. संभावनाओं का बीज अंकुरित होने को लालायित रहता है... हमें बस धैर्य नहीं त्यागना है!

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  10. सन्देश देती लाजवाब रचना

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  11. और मैं फिर से जुट जाती हूँ ...
    ------------------------
    असीम ताकत के साथ

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  12. बहुत सुन्दर एवं प्रभावशाली प्रस्तुति अमृता जी ! हमारी सारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं कि आपकी संभावनाओं की यह फसल खूब फले फूले और लहलहाए ! सकारात्मकता की राह पर अग्रसर होने को प्रेरित करती एक अनुपम रचना !

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  13. आज 21/02/2013 को आपकी यह पोस्ट (संगीता स्वरूप जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  14. कविता के भाव एवं शब्द का समावेश बहुत ही प्रशंसनीय है

    मेरी नई रचना

    खुशबू

    प्रेमविरह

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  15. वाह अमृताजी ...आपकी रचनायें हमेशा ही बहुत सुन्दर लगीं...यह भी लाजवाब है

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  16. ............बेहतरीन... आपको धन्यवाद ............
    आप भी पधारो आपका स्वागत है ....pankajkrsah.blogspot.com

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  17. वाह् वाह् क्या बात है

    मेरे इस टिप्पणी को यूरिया उर्वरक कीटनाशक समझे

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  18. बहुत ही सुन्दर! बेहतरीन रचना।

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